रोलर: इंग्लैंड के सफ़ेद गेंद फ़ॉर्म को देखते हुए विश्व कप जीतने की उम्मीदें धुंधली नज़र आती हैं
इस सीज़न पहले भारत और फिर साउथ अफ़्रीका ने इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी की कमज़ोरियों को उजागर किया है

जब तक गेंद जॉनी बेयरस्टो के बल्ले से मोटा बाहरी किनारा लेते हुए डीप मिडविकेट पर मौजूद डेविड मिलर के हाथों में जा बैठी और इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ी टी20 अंतर्राष्ट्रीय हार की बराबरी हुई, तब तक एजीयस बोल मैदान के आधे दर्शक ग़ायब थे। समर्थकों ने काफ़ी देर पहले उम्मीद का दामन छोड़ दिया था और इंग्लैंड की शर्मनाक हार से बेहतर घर जाकर महिला फ़ुटबॉल का यूरो 2022 फ़ाइनल टीवी पर देखना ठीक समझा।
इंग्लैंड के लिए इस घरेलू अंतर्राष्ट्रीय सीज़न में यह सफ़ेद-गेंद टीम के प्रदर्शन का अच्छा प्रतीक था। बेयरस्टो ने इस साल बल्ले के साथ कई बार पत्थर को छूकर हीरा बनाया है, लेकिन यहां उनकी भी एक ना चली। उन्होंने 29 गेंदों पर 27 रनों की एक अजीब पारी खेली जिसमें केवल दो चौक्के मौजूद थे और लगातार दूसरी छोर पर विकेट गिर रहे थे। उन्होंने इस साल इंग्लैंड में खेले टेस्ट क्रिकेट में आधे पारियों में इससे अधिक तेज़ी से रन बनाए हैं।
इंग्लैंड की पारी के दौरान काफ़ी समर्थकों ने 'बू' की आवाज़ करके अपनी नाराज़गी को जताई। बाद में कप्तान जॉस बटलर बोले, "यह हमें काफ़ी दिनों बाद सुनना पड़ रहा है। हमने लोगों का इतने समय से मनोरंजन किया है कि आज ऐसा देख कर खेद होता है। सच पूछिए तो यह एक वास्तविकता से पहचान से कम नहीं।"
ओएन मॉर्गन के कप्तानी से हटने के बाद इंग्लैंड वनडे और टी20 अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में मिलाकर चार मैच जीता है और नौ मैच हारा है। 2013 के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि इंग्लैंड अपने घरेलू सीज़न में एक भी सीमित-ओवर सीरीज़ या टूर्नामेंट नहीं जीता। अब वह अगला टी20 अंतर्राष्ट्रीय जब खेलेंगे तब सितंबर से होने वाले विश्व कप के लिए टीम का चयन हो चुका होगा और ऑस्ट्रेलिया में उनके विश्व कप जीतने के आसार कम ही नज़र आ रहे हैं। जून 2018 और जुलाई 2021 के बीच खेले गए 13 द्विपक्षीय सीरीज़ में से 10 इंग्लैंड के नाम थे लेकिन अब पिछले विश्व कप में शारजाह में श्रीलंका को हराने के बाद इंग्लैंड ने तीनों सीरीज़ हारे हैं और कुल नौ मैच हारे और चार जीते हैं।
हमने मैच के हर पड़ाव में पर्याप्त विकेट नहीं लिए हैं। सफ़ेद-गेंद क्रिकेट में स्कोरिंग दर को नियंत्रित के लिए विकेट लेना और साझेदारियों को तोड़ना ज़रूरी है। बतौर कप्तान आपको यही बात खटकती है जब आपकी टीम ऐसा नहीं कर पाती।जॉस बटलर
इस सीज़न के असफलताओं के पीछे बल्लेबाज़ी की कमज़ोरी एक बड़ा कारण है। जेसन रॉय का फ़ॉर्म काफ़ी समय से उनके साथ नहीं है, लेकिन वही बटलर और लियम लिविंग्स्टन ने भी इस पूरे सीज़न में कुल 100 रन भी नहीं बनाए। सारे मैच मिलाकर सिर्फ़ मोईन अली, बेयरस्टो और डाविड मलान ने अर्धशतकीय पारियां खेली हैं।
बटलर ने कहा, "हम बल्ले से कभी भी हावी नहीं हो पाए। हमने कभी विरोधी टीम पर दबाव का संचार नहीं किया और इस कातरता से मैं सबसे ज़्यादा असंतुष्ट हूं। बतौर टीम हमारी ख्याति इसी बात पर है कि हम निडर हैं और जोखिम उठाते हैं लेकिन हमने बल्ले से ऐसा नहीं किया। शायद ऐसे में आत्मविश्वास में भी क्षति होती है।" हालांकि इंग्लैंड की गेंदबाज़ी ने भी निराश किया है। साउथैंप्टन में साउथ अफ़्रीका के बनाए गए पांच विकेट पर 191 इस सीज़न छह टी20 मुक़ाबलों में दूसरा न्यूनतम स्कोर था। जहां बल्लेबाज़ों ने संघर्ष ज़रूर किया है लेकिन उनके सामने कई बार इतना विशाल लक्ष्य रहा है कि उनके पास शुरू से ही आक्रामक खेलने के अलावा कोई विकल्प नहीं।
अतीत में ऐसा हुआ है कि इंग्लैंड के लिए बड़ी परेशानियां रहीं हैं नई गेंद से विकेट लेना और फिर डेथ ओवरों में रन रोकना। लेकिन इन हालिया मैचों में उन्होंने मिडिल ओवर्स में सबसे ज़्यादा संघर्ष किया है। सातवें ओवर के शुरू से 16वें ओवर की समाप्ति तक उन्होंने 10.2 रन प्रति ओवर से रन लुटाते हुए केवल 14 विकेट लिए हैं। छह मैचों में स्पिन गेंदबाज़ों की इकॉनमी रही है 11.5 की और सीम गेंदबाज़ों ने भी अति रक्षात्मक गेंदबाज़ी की। रविवार के मैच में सैम करन राउंड द विकेट कोण से पिच के बीचों-बीच कटर डालते रहे और साउथ अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों ने बिना विकेट खोने की चिंता के आसानी से रन बनाए और आख़िर के ओवरों में स्कोरिंग दर को बढ़ाया।
बटलर ने कहा, "हमने मैच के हर पड़ाव में पर्याप्त विकेट नहीं लिए हैं। सफ़ेद-गेंद क्रिकेट में स्कोरिंग दर को नियंत्रित के लिए विकेट लेना और साझेदारियों को तोड़ना ज़रूरी है। बतौर कप्तान आपको यही बात खटकती है जब आपकी टीम ऐसा नहीं कर पाती।" इंग्लैंड अपनी गेंदबाज़ों में इंजरी की लंबी सूची से भी प्रभावित हुआ है। इस पूरे सफ़ेद-गेंद पड़ाव में जोफ़्रा आर्चर, मार्क वुड, क्रिस वोक्स, ऑली स्टोन, साक़िब महमूद और टॉम करन उपलब्ध नहीं थे। पैर में चोट के चलते साउथ अफ़्रीका सीरीज़ से पहले टिमाल मिल्स भी बाहर हो गए थे।
हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि विश्व कप से पहले इन में से कोई भी चोट से उबर कर चयन के लिए उपलब्ध होगा। बटलर ने कहा, "आप उन्ही के साथ खेल सकते हैं जो फ़िट हैं। चोटिल होना तो इस खेल का हिस्सा है। फ़िलहाल जो गेंदबाज़ हैं और अच्छी कोशिश कर रहे हैं हमें उनका उत्साह बढ़ाना है और उनको समर्थन देना है।"
वैसे टी20 विश्व कप में कुछ भी हो सकता है। पिछले साल इस टूर्नामेंट की तैयारी में ऑस्ट्रेलिया बांग्लादेश और वेस्टइंडीज़ से हारा था और फिर विश्व कप में इंग्लैंड से बड़ी हार के बाद चार में चार मैच जीतकर ख़िताब अपने नाम कर गया। हालांकि मिलर के कैच पकड़ते हुए इंग्लैंड से ऐसी उम्मीद रखना अति आशावादी होने के बराबर लग रहा था।
मैट रोलर ESPNcricinfo के अस्सिटेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड देबायन सेन ने किया है।
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