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स्टोक्स और उनकी अति आक्रामक बल्लेबाज़ी के लिए अग्निपरीक्षा की घड़ी

इंग्लैंड के कप्तान का कहना है, "मैं किसी से ऐसा करने को नहीं कहूंगा जो मैं ख़ुद ना करूं"

स्टोक्स की आक्रामक नीति के मिश्रित परिणाम आए हैं, लेकिन कई बार महत्वपूर्ण मौक़ों पर टीम को जीत मिली है  Getty Images

बेन स्टोक्स ज़्यादा बात करने अथवा बड़े बयान देने में विश्वास नहीं करते। लेकिन साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध मैनचेस्टर में एक करो-या-मरो मुक़ाबले की पूर्व संध्या पर इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान ने कुछ ऐसा कहा जो अप्रत्याशित था।

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उन्होंने कहा, "मैं कभी अपनी टीम से ऐसा कुछ करने को नहीं कहूंगा जो मैं ख़ुद ना कर सकूं।"

यह किसी लीडर के लिए यह एक साहसी युक्ति कहलाएगी लेकिन स्टोक्स एक अच्छे ऑलराउंडर होते हुए ऐसे अनूठे स्थान पर हैं कि वह इस पर ख़ुद कार्यवाही कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर इंग्लैंड को जब भी शॉर्ट गेंद से आक्रमण करना पड़ता है तो जो रूट की कप्तानी के दिनों से ही यह ज़िम्मेदारी स्टोक्स ही लेते हैं। इस नीति के चलते उनके शरीर और ख़ासकर बाएं घुटने पर काफ़ी ज़ोर पड़ता है लेकिन स्टोक्स ने कहा है कि वह इसे संभाल सकते हैं।

मज़े की बात है कि मुख्य कोच ब्रेंडन मक्कलम के आने के बाद स्टोक्स ने अपनी बल्लेबाज़ी में भी आक्रामक तेवर दिखाना शुरू कर दिया। अपने कोच के परिचित पिच पर दो क़दम बढ़ाकर प्रहार करने के अंदाज़ से उन्होंने अब तक घरेलू टेस्ट मैचों में इस साल 37 के औसत से 259 रन बनाए हैं।

यह अच्छे आंकड़ें हैं लेकिन स्टोक्स के प्रतिभा को ठीक से नहीं दर्शाते। 2019 के शुरुआत और 2020 के अंत तक उन्होंने 18 टेस्ट मैचों में 50 के औसत से रन बनाए थे। इस अवधि में उन्हें चार शतक भी मिले थे और वह अक्सर टीम के सबसे बढ़िया तकनीक के धनी बल्लेबाज़ लगते थे। याद रखिए कि इस दौरान रूट भी उनके साथ खेलते थे।

जब स्टोक्स से पूछा गया कि क्या उनकी बल्लेबाज़ी के स्तर में अति आक्रामक होने से पतन हो रहा है तो उनका कहना था, "मुझे पता है कि जब मैं अच्छा खेलता हूं यह टीम के लिए भी अच्छा होता है। मैं कप्तान हूं और मैं कभी ऐसा कुछ करने को नहीं कहूंगा जो मैं ख़ुद ना करूं लेकिन इसके अलावा एक बड़ी तस्वीर को भी ध्यान में रखना होगा। शायद कुछ समय में मुझे ज़्यादा ध्यानपूर्वक खेलना पड़ेगा लेकिन फ़िलहाल मेरी सोच यही है कि मैदान में जाकर सबको हमारे इरादों के बारे में सूचित करना मेरी ज़िम्मेदारी सी है।"

मुख्य कोच ब्रेंडन मक्कलम के आने के बाद स्टोक्स ने अपनी बल्लेबाज़ी में भी आक्रामक तेवर दिखाना शुरू कर दिया है  Getty Images

स्टोक्स के इस रवैय्ये को आंकड़ों के दृष्टिकोण से भी देखा जा सकता है। 2019 और 2021 के बीच उन्होंने औसतन जितनी गेंदों पर प्रहार किया वह इस साल के घरेलू टेस्ट मैचों में दोगुना हो चुका है। फ़ुल गेंदों पर आक्रामक शॉट 11.54 प्रतिशत की जगह अब 42.42 प्रतिशत के दर से लगने लगे हैं। लेंथ गेंद को भी लगभग वह दोगुना अधिक मारने का प्रयास करने लगे हैं। यह कोई आश्चर्य नहीं है कि इन पांच टेस्ट मैचों में 78.72 का उनका स्ट्राइक रेट किसी इंग्लैंड में सीज़न से अधिक है।

सीज़न के शुरुआती चार पारियों में 54, 46 और 75 नाबाद जैसे स्कोर के बाद उन्होंने कुछ पारियां खेली हैं जिनकी आलोचना हो सकती है। हालांकि इन छोटे पारियों में उन्होंने गेंदबाज़ों को और उनके फ़ील्ड प्लान को झकझोरने का काम किया है। ऐसे में उनके साथ बल्लेबाज़ी कर रहे खिलाड़ी या क्रम में अगले बल्लेबाज़ों के लिए जीना थोड़ा आसान बन गया है।

लॉर्ड्स की हार में भी स्टोक्स के आक्रमण के पीछे अच्छे कारण थे। पहली पारी में प्रति आक्रमण की ज़रूरत थी और दूसरी पारी में जीत की तरफ़ बढ़ने की आख़िरी उम्मीद के तौर पर वह कगिसो रबाडा का शिकार बने। शायद आप स्टोक्स से बेहतर बल्लेबाज़ी की उम्मीद रखेंगे लेकिन याद कीजिए की उनके शानदार फ़ॉर्म के बावजूद इस इंग्लैंड टीम ने उनके कप्तान बनने से पहले 17 टेस्ट में केवल एक मैच जीता था। ऐसे में अगर स्टोक्स अपनी टीम की हित में अपनी निरंतरता को गंवा बैठे हैं तो इसमें शायद कोई खेद नहीं।

स्टोक्स की आक्रामक नीति से अभी तक सकारात्मक प्रभाव ही पड़ा है  ECB/Getty Images

इंग्लैंड ने इस समर पांच में चार टेस्ट जीता है और 4.50 के रन रेट से रन बनाया है और साउथ अफ़्रीका के साथ गुरुवार के पहले दिन के पहले स्टोक्स ने अपने संदेश में कोई परिवर्तन नहीं किया। उन्होंने कहा, "हम सही भाषा और सकारात्मक मानसिकता के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं। जब आप दबाव में होते हैं तो आपकी बैकफ़ुट पर जाने की सोच हो सकती है लेकिन हम इस टीम में उससे बचना चाहते हैं। मैं मानता हूं इस गेम (पहला टेस्ट) में हमने कई मौक़ों पर ग़लतियां की लेकिन ऐसा हो ही सकता है। मुझे लगता है अगर खिलाड़ियों को ड्रेसिंग रूम का समर्थन मिलता रहे तो यह एक बहुत शक्तिशाली चीज़ है।"

स्टोक्स के लिए दूसरा टेस्ट एक अग्निपरीक्षा से कम नहीं। अगर लॉर्ड्स एक छोटे अंतराल के बाद इंग्लैंड टीम की क्षमता का इम्तिहान था तो यह टेस्ट दर्शाएगा कि यह टीम हार के बाद कैसी वापसी कर सकती है। स्टोक्स चाहे जितना भी अपनी आक्रामक सोच की ओर प्रतिबद्ध रहना चाहें, वह समय शायद दूर नहीं जब उन्हें सीरीज़ में बने रहने के लिए बल्ले के साथ थोड़ा स्वार्थी और लोभी बनना पड़ेगा।

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विदूशन अहंतराजा ESPNcricinfo में असोसिएट एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo के असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।