मध्यक्रम पर अच्छी पारी खेलने का दबाव है : एल्गर
साउथ अफ़्रीका के लिए लॉर्ड्स टेस्ट में मारक्रम, वान दर दुसें और वेरेन ने कुल 46 रन बनाए थे

लॉर्ड्स में खेले गए पहले टेस्ट में किसी भी साउथ अफ़्रीकी मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ द्वारा 25 का आंकड़ा पार ना कर पाने के बाद मैनचेस्टर में दूसरे टेस्ट से पहले वे "दबाव में" हैं। जहां कप्तान डीन एल्गर ने पहले टेस्ट में खेलने वाले खिलाड़ियों पर ही फिर से भरोसा जताया है, वहीं उन्होंने यह भी माना कि साउथ अफ़्रीका को प्रतिभा के अनुसार खेल दिखाने के लिए मध्यक्रम से अधिक रनों की ज़रूरत होगी।
दूसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर एल्गर ने कहा, "जब तक परिणाम हमारे पक्ष में हैं मैं इन खिलाड़ियों का पूरा समर्थन करूंगा। हमने उन्हें पर्याप्त मौक़े दिए हैं और उन्हें पता है कि अब उन पर अच्छी पारी खेलने का दबाव है। ये विशेषज्ञ बल्लेबाज़ हैं और इसीलिए इनका चयन होता है।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर मध्यक्रम फ़ॉर्म में आ जाए तो हम एक बेहतर टेस्ट टीम बन जाएंगे। लेकिन ये खिलाड़ी यहां हैं और हम उन्हें बैक कर रहे हैं। निरंतरता सफलता की कुंजी है और हमें यही निरंतरता चयन में भी दिखानी है। घर से बाहर इंग्लैंड में खेलना एक कठिन सीरीज़ है और ऐसे में आपको अपने खिलाड़ियों के साथ खड़े रहना है।"
साउथ अफ़्रीका ने चार, पांच और छह पर एडन मारक्रम, रासी वान दर दुसें और काइल वेरेन को खिलाया है, हालांकि लॉर्ड्स में अपने दादाजी को स्टैंड्स में अस्वस्थ्य पाकर वेरेन ने और नीचे बल्लेबाज़ी की थी। इन तीनों ने कुल 46 रन बनाए और जब उपकप्तान तेम्बा बवुमा कोहनी की चोट से लौटेंगे तब इन तीनों में दो का ही चयन हो पाएगा। ऐसे में मारक्रम और वान दर दुसें में फ़ैसला करना पड़ सकता है।
मारक्रम को पांच टेस्ट मैचों में केवल 15.56 के औसत से 140 रन बनाने पर न्यूज़ीलैंड दौरे पर सलामी बल्लेबाज़ की भूमिका से हटाया गया था। हालांकि कीगन पीटरसन के कोविड संक्रमण के चलते उन्हें नंबर तीन पर खेलने का मौक़ा मिला। उन्होंने उस दौरे पर चार पारियों में केवल 76 रन बनाए और लॉर्ड्स में चौथे स्थान पर खेलते हुए केवल 16 रन। वान दर दुसें ने छह टेस्ट में 23.30 के औसत से 233 रन बनाए हैं और पिछले साल वेस्टइंडीज़ में 75 नाबाद के बाद कोई अर्धशतकीय पारी नहीं खेली।
वेरेन को थोड़ी छूट दो वजहों से मिल सकती है। एक तो वह इस टीम में विशेषज्ञ विकेटकीपर हैं और इस स्पर्धा में ऐसा लगता है कुछ समय तक बने रहेंगे। ऊपर से पिछले 11 टेस्ट में शतक मारने वाले चार साउथ अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों में उनका नाम शामिल है। इनमें से आठ टेस्ट साउथ अफ़्रीका जीता है लेकिन फिर भी समीकरण पर सवाल उठते रहे हैं।
शायद एल्गर यह बात सार्वजनिक नहीं करेंगे लेकिन यह एक बड़ा कारण था कि उन्होंने लॉर्ड्स में टॉस जीतकर गेंदबाज़ी चुनी थी। इंग्लैंड को लगता है ओल्ड ट्रैफ़र्ड भी गेंदबाज़ों के लिए अनुकूल परिस्थितियां लाएगा और यह सोचकर उन्होंने अपनी एकादश में इकलौते बदलाव के रूप में ऑली रॉबिंसन को तरजीह दी है।
हालांकि एल्गर ने इस बदलाव को केवल रणनीतिक दबाव का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, "मुझे ऐसे माइंड गेम पसंद हैं। अगर पिच पर अतिरिक्त गति और उछाल होगी तो हमारे तेज़ गेंदबाज़ भी इसका फ़ायदा उठाएंगे।"
फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो हिंदी के प्रमुख देबायन सेन ने किया है
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