पाकिस्तान दौरे के रद्द होने पर हमारा हाथ नहीं: इंग्लैंड खिलाड़ी संघ
'ईसीबी ने पुरुष या महिला टीमों से इस बारे में कोई सलाह नहीं मांगी थी'

इंग्लैंड के खिलाड़ियों के संघ ने कहा है कि पाकिस्तान दौरे को रद्द करने में खिलाड़ियों की कोई सलाह नहीं ली गई थी। अब ऐसा लग रहा है कि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने खिलाड़ियों के आशंका जताने से पहले ही दौरा रद्द करने का फ़ैसला ले लिया था।
ऐसी ख़बरें आई थीं कि 'टीम इंग्लैंड प्लेयर पार्टनरशिप' (टीईपीपी) ने सुरक्षा कारणों से न्यूज़ीलैंड के पाकिस्तान दौरे के रद्द होने पर ईसीबी से इंग्लैंड के दौरे पर चिंता जताया था। लेकिन टीईपीपी के सचिव रिचर्ड बेवन ने साफ़ कहा है कि ना वो, ना उनका संगठन और ना ही किसी खिलाड़ी का इस फ़ैसले में कोई हाथ था।
बेवन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "टीईपीपी ने कभी ईसीबी को ऐसा नहीं कहा कि खिलाड़ी दौरे पर जाना नहीं चाहते और ना ही ईसीबी ने पुरुष या महिला टीमों से इस बारे में कोई सलाह की मांग की। यह कहना कि दौरे के रद्द होने के पीछे टीईपीपी का कोई हाथ था, शत प्रतिशत ग़लत होगा।"
टीईपीपी के प्रतिनिधि ने इस दौरे के सुरक्षा पर अधिक जानकारी के लिए ईसीबी के साथ चार बैठक प्लान किए थे और ऐसे तीसरे बैठक के बाद ही ईसीबी ने दौरे पर ना जाने का ऐलान किया था। पाकिस्तान की परिस्थिति पर ना तो कोई टीम मीटिंग का आयोजन हुआ था और ना ही टीईपीपी को न्यूज़ीलैंड के दौरे से वापस जाने के पीछे सुरक्षा कारणों की कोई विशेष जानकारी बताई गई थी।
इस दौरे के ना होने आख़िर किसका फ़ैसला था, इस बात का अस्पष्ट होने से पता चलता है कि इस निर्णय को लेकर क्रिकेट जगत और ख़ासकर पाकिस्तान में इतना रोष क्यों है। यह ईसीबी ने भी माना है कि दौरा ना करने का फ़ैसला उनके बोर्ड अधिकारीयों ने रविवार के एक मीटिंग में किया था। दरअसल न्यूज़ीलैंड के दौरे से वापस लौटने पर उन्हें चिंता थी कि क्या उनके खिलाड़ी पाकिस्तान जाने के लिए राज़ी होंगे। उन्हें यह भी चिंता थी कि अगर कुछ महिला क्रिकेटर जाने से मना करते तो क्या उनके पास एक सुदृण टीम भेजने लायक खिलाड़ी रहते।
ईसीबी ने यह भी माना है कि ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने अपने सुरक्षा सलाह में कोई बदलाव नहीं किया था। सब का मानना था कि चर्चित सुरक्षा इंतज़ामों के चलते टूर का होना संभव था। ईसीबी ने अपने बयान में भी कोविड-19 के चलते बबल में रहने से उत्पन्न परेशानी की बात की थी।
कुछ सवाल अभी भी रहते हैं। न्यूज़ीलैंड को दी गई सुरक्षा जानकारी में ऐसा क्या था कि उन्होंने अपना दौरा रद्द करना उचित समझा लेकिन ब्रिटेन ने अपने विदेश मंत्रालय के संदेश में कुछ नहीं बदला? और ईसीबी में आख़िर किस व्यक्ति विशेष का फ़ैसला था कि इंग्लैंड इस दौरे पर अपनी टीमों को नहीं भेजेगा? ना मुख्य कार्यकर्ता टॉम हैरिसन और ना ही सचिव इयन वॉटमोर ने इस बारे में कोई औपचारिक टिप्पणी दी है।
जॉर्ज डोबेल ESPNcricinfo में वरिष्ठ संवादाता हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के वरिष्ठ सहायक संपादक और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.