जो रूट मानते हैं कि इंग्लैंड की रोटेशन पॉलिसी का ख़ामियाज़ा उन्हें भारत के ख़िलाफ़ भुगतना पड़ सकता है
वनडे वर्ल्ड कप में इंग्लैंड को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाने के बाद रूट को टी20 वर्ल्ड कप में ख़ुद से बड़ी उम्मीद है।

इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रूट को लगता है कि इंग्लैंड की विवादास्पद रोटेशन पॉलिसी का ख़ामियाज़ा उन्हें भारत के ख़िलाफ़ होने वाली टेस्ट सीरीज़ और आगामी ऐशेज़ में उठाना पड़ सकता है।
एक तरफ़ इंग्लैंड ने जहां भारत और श्रीलंका के ख़िलाफ़ अपनी सबसे ताक़तवर टी20 अंतर्राष्ट्रीय टीम को चुना तो वहीं टेस्ट में उन्होंने सभी खिलाड़ियों के उपलब्ध होने के बावजूद सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन नहीं किया।
लेकिन अब रूट मानते हैं कि आने वाले अगले 10 टेस्ट मैचों में उनके सारे खिलाड़ी चयन के लिए उपलब्ध होंगे (अगर कोई खिलाड़ी चोटिल न हो तो)। उन्होंने कहा, "अभी होने वाली सीरीज़ और ऐशेज़ कुछ ऐसा है जिसके लिए आप कुछ भी कर सकते हैं।"
ऐसे में जब विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) की नई साईकिल बस शुरू ही होने वाली है, तो रूट को उम्मीद है कि अगला फ़ाइनल वह मैदान में खेलेंगे न कि टीवी पर देखना चाहेंगे।
"हम एक ऐसी स्थिति में आ गए हैं जहां हमारी रोटेशन पॉलिसी हमें पीछे धकेल रही है। मैं उम्मीद करता हूं कि जब सभी खिलाड़ी फ़िट होंगे तो हम अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम के साथ ही आगे के मैचों में आगे बढ़ेंगे। इसको लेकर मैं काफ़ी उत्साहित हूं, आने वाले वक़्त में हमें दो बेहतरीन प्रतिद्वंदियों के ख़िलाफ़ दस टेस्ट मैच खेलने हैं।"
"मैं चाहूंगा कि अगले पांच मैचों में हम अपनी सबसे मज़बूत टीम उतारें या फिर हमारा सबसे मज़बूत दल उपलब्ध रहे। डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल को टीवी पर देखना सुखद अहसास नहीं था, एक खिलाड़ी के तौर पर आप मैदान में रहते हुए खेलना चाहते हैं। अब हमारे पास मौक़ा है कि हम पहले से बेहतर करें, और मुझे उम्मीद है ये तभी मुमकिन है जब हम अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम के साथ खेलें।"
हालांकि ये बातें रूट का व्यक्तिगत विचार हैं या फिर इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की कोई नई पॉलिसी, फ़िलहाल ये साफ़ नहीं है। इससे पहले कई बार टेस्ट मैचों की टीम को लेकर रूट अपनी नाख़ुशी दिखा चुके हैं और मैच के दौरान भी उनकी शारीरिक भाषा बहुत कुछ बयान कर चुकी है।
ऐशेज़ के लिए अगर इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम चुनता है तो इसके लिए उन्हें ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर भी निर्भर रहना होगा। ईसीबी ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से एक गुज़ारिश की है कि टीम के खिलाड़ियों के साथ उनके परिवार को भी ले जाने की इजाज़त दी जाए और इसके लिए ईसीबी चार्टर फ़्लाइट की भी तैयारी कर रहा है। लेकिन अगर ऑस्ट्रेलियाई सरकार इस मांग को ख़ारिज करती है तो फिर इंग्लैंड अपनी रोटेशन पॉलिसी को जारी रख सकता है ताकि सभी फ़ॉर्मेट खेलने वाले खिलाड़ी अपने परिवार के साथ टी20 वर्ल्ड कप से पहले समय गुज़ार सकें।
रूट ने आगे कहा, "मुझे पूरी उम्मीद है सभी का परिवार ऑस्ट्रेलिया में साथ होगा। ये बेहद अहम फ़ैसला होगा ख़ासतौर से ये देखते हुए कि हम कितनी ज़्यादा क्रिकेट खेल रहे हैं।"
टी20 अंतर्राष्ट्रीय में इंग्लैंड की ओर से टी20 वर्ल्ड कप में खेलने को लेकर भी रूट को काफ़ी आशान्वित दिखे। उन्होंने कहा, "हर खिलाड़ी उस दल का हिस्सा होना चाहता है, और मैं भी शामिल होना चाहता हूं। इसके लिए मैं बस यही कर सकता हूं कि लगातार रन बनाता रहूं और अपनी उम्मीदवारी पेश करूं।"
जॉर्ज डॉबेल ESPNcricinfo के सीनियर कॉरोस्पोंडेंट हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन (@imsyedhussain) ने किया है।
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