फ़ख़र ज़मान पर लगा मैच फ़ीस का 10 प्रतिशत जुर्माना
शानका को आउट नहीं दिए जाने के कारण ज़मान अंपायर के फ़ैसले से नाख़ुश थे और उसके बाद जब शानका आउट हुए ज़मान ने अंपायर को व्यंग्यात्मक अंदाज़ में देखा

पाकिस्तान के फ़ख़र ज़मान पर मैच फ़ीस का 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है। साथ ही उन्हें एक डिमेरिट अंक भी दिया गया है। ज़मान को 29 नवंबर को श्रीलंका के ख़िलाफ़ ट्राइ सीरीज़ फ़ाइनल के दौरान ICC आचार संहिता के लेवल 1 के उल्लंघन का दोषी पाया गया।
ज़मान को आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है। यह अनुच्छेद अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंपायर के फ़ैसले पर असहमति जताने से जुड़ा है। ज़मान ने अपनी गलती स्वीकार कर ली और मैच रैफ़री द्वारा प्रस्तावित सज़ा को मान लिया। इसलिए औपचारिक सुनवाई की ज़रूरत नहीं पड़ी। यह जानकारी ICC की ओर से जारी विज्ञप्ति में दी गई।
घटना फ़ाइनल मैच के उन्नीसवें ओवर में हुई। ज़मान शॉर्ट थर्ड से पीछे हटे। फिर उन्होंने डाइव लगाकर दसुन शानका के शॉट पर एक शानदार कैच लेने का प्रयास किया। तीसरे अंपायर को कैच की जांच के लिए कहा गया और उन्होंने माना कि डाइव लगाते समय गेंद ज़मीन को छू गई थी। इसलिए बल्लेबाज़ को नॉट आउट दिया गया। फ़ख़र और गेंदबाज़ शाहीन शाह अफ़रीदी इस फ़ैसले से नाख़ुश थे और उन्होंने मैदान पर अंपायरों के सामने अपनी नाराज़गी जताई।
अगली ही गेंद पर शानका बोल्ड हो गए। इसके बाद ज़मान ने अंपायर की तरफ़ देखा और व्यंग्यात्मक अंदाज़ में अपील की। पाकिस्तान ने यह फ़ाइनल छह विकेट से जीत लिया। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए श्रीलंका की टीम 114 पर ढेर हो गई। उन्होंने आख़िरी नौ विकेट 30 रन के भीतर गंवा दिए। बाबर आज़म ने नाबाद 37 रन बनाकर पाकिस्तान को 18.4 ओवर में लक्ष्य तक पहुंचाया।
यह ज़मान का चौबीस महीने के भीतर पहला ऐसा अपराध था। लेवल 1 के उल्लंघन में आधिकारिक चेतावनी से लेकर अधिकतम पचास प्रतिशत मैच फ़ीस तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही एक या दो डिमेरिट प्वाइंट भी दिए जा सकते हैं।
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