वेंकटेश अय्यर : भारतीय टीम जानती है कि मैं तीनों विभागों में योगदान दे सकता हूं
ऑलराउंडर का मानना है कि 2023-24 सीज़न में वह कम से कम दो चैंपियनशिप जीतना चाहेंगे

2022 में सितंबर का महीना ही था जब सैय्यद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के दौरान वेंकटेश अय्यर के टखने में गंभीर रूप से चोट लगी थी। इसके बाद 2022-23 का पूरा घरेलू सीज़न उनसे ऐसे समय पर मिस हुआ जब वह पिछले 10 महीने में भारत के लिए सीमित ओवर के दोनों प्रारूप में टीम में जगह बना चुके थे। हालांकि उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात करते हुए बताया कि उनका चोट से रिहैब "लगभग पूरा" हो गया है अब वह "100 प्रतिशत कार्यक्षमता के साथ गेंदबाज़ी करने लगे हैं। अय्यर कहते हैं कि एनसीए में मिले उपचार के चलते वह बतौर गेंदबाज़ मैदान पर वापसी करने को बेताब हैं।
अगस्त में हुई देवधर ट्रॉफी के दौरान सेंट्रल ज़ोन की कप्तानी करते हुए अय्यर ने पांच मैच खेले और बल्लेबाज़ी करते हुए कुल 64 रन बनाए, साथ ही गेंदबाज़ी में भी अपने हाथ दिखाते हुए तीन विकेट लेने में क़ामयाब रहे। वे बताते हैं, "सेंट्रल ज़ोन के मैच में पूरी कोशिश की थी बालिंग डालने की। मैंने लगभग हर मैच में आठ-आठ, 10-10 ओवर डाले ही थे। उसके बाद थोड़ा एक ब्रेक रहा है। मैंने एनसीए में कैंप भी किया था, और अपनी गेंदबाज़ी को लेकर आश्वस्त हूं।"
इस साल मई में ख़त्म हुए आईपीएल सीज़न में कोलकाता नाईट राइडर्स (केकेआर) सातवें स्थान पर रही। हालांकि टखने की चोट से वापसी के बाद इस सीज़न के बारे में अय्यर कहते हैं, "मुझे ग्राऊंड पर खेलने को मिला, वही बड़ी बात है। मैंने कोई गोल सेट नहीं किए थे कि कैसे खेलना है, लेकिन हां ख़ुश हूं कि बैटिंग काफ़ी करने को मिली। अगर टीम जीतती तो मैं और अधिक ख़ुश होता। मेरे लिए वही ज़रूरी है कि टीम कौन सी स्थान पर है। जिस सीज़न हम लोग जीतेंगे या अच्छा खेलेंगे, वही मेरे लिए अच्छा सीज़न रहेगा।"
आईपीएल 2023 में अय्यर ने 14 मैचों में 404 रन बनाए जिसमें दो अर्धशतक और मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ एक शतक भी शामिल था। अप्रैल 2008 में आईपीएल इतिहास के उद्घाटन मुक़ाबले के बाद इस टूर्नामेंट में केकेआर के लिए यह पहला शतक था। हालांकि अय्यर ने कहा, "सीज़न ख़राब ही रहा क्योंकि हम लोग सातवें नंबर थे। पूरे सीज़न में भले ही मैं 300 रन ही बनाऊं लेकिन केकेआर जीते, रनर-अप रहे, या प्लेऑफ़ वगैरह खेले तो मैं मानूंगा कि अच्छा सीज़न है। व्यक्तिगत तौर पर मैं बोल सकता हूं कि वहां पर खेलने को मिला, वापस पूरी बैटिंग करने का अवसर मिला। ये अपने आप में मैं एक उपलब्धि मानता हूं, रन सेकंडरी है, और हां ख़ुशी होती है जब आप 100 बनाते हैं, जो [केकेआर के लिए] दूसरा शतक था। अगली बार भी हंड्रेड बनेगा तो टीम जीतनी चाहिए, ऐसा हंड्रेड बनाऊंगा।"
इस आईपीएल में अय्यर ने अपने रणजी कोच रहे चंद्रकांत पंडित के साथ फिर से काम किया और खेल की बारीक़ियों को सीखा है। वह कहते हैं, "मैं एमपी के टाइम से उनको [पंडित] देखता आ रहा हूं, जो अनुशासन वो मैदान के अंदर और बाहर उम्मीद करते हैं हमसे, वैसा ही केकेआर में भी था। उन्होंने हमसे एक अनुशासित टीम होने की मांग रखी थी।
"चंदू सर रिज़ल्ट ओरिएंटेड कोच नहीं है, वो प्रोसेस ओरिएंटेड कोच हैं और बहुत ही बारीक़ी से छोटी-छोटी चीज़ों को देखते हैं।"वेंकटेश अय्यर
इस साल दिसंबर में 29 साल पूरे करने वाले अय्यर नौ टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच, दो वनडे इंटरनेशनल मैच और 12 प्रथम श्रेणी मैच खेल चुके हैं। भारत के लिए उनका चयन उनके औपचारिक क्रिकेट के शुरुआती दिनों में ही आया, जब प्रबंधन को एक ऐसे बल्लेबाज़ की तलाश थी जो गेंद से भी योगदान दे सके। भारतीय ड्रेसिंग रूम और केकेआर डगआउट के अनुभवों पर अय्यर ने कहा, "दोनों की सबसे बड़ी बात ये है कि आप जिधर भी नज़र फिराएंगें वहां पर लेजेंड बैठे हुए मिलेंगे। लेजेंड से आपको हमेशा सीखने को मिलता है। सिर्फ क्रिकेट के लिए ही नहीं लाइफ़ के लिए भी उनका जो अप्रोच रहता है, वो समझ में आता है। केकेआर में भी और इंडियन टीम में भी, देखा जाए तो ये स्किल का ही गेम है।"
हमेशा अपने पिता के पद चिन्हों पर चलने की चाहत रखने वाले अय्यर, सौरव गांगुली को अपना क्रिकेटीय आदर्श मानते हैं और बताते हैं कि इस ब्रेक में वे अपने परिवार के साथ कुछ मंदिरों में भी दर्शन के लिए गए। साथ ही अय्यर ने WWE के बड़े फ़ैन के रुप में हाल ही में हैदराबाद में लाईव फ़ाइट देखने का भी लुत्फ़ उठाया। वे बताते हैं, "बचपन से फ़ॉलो करता आ रहा हूं। WWE का रिंग पास से देखना और रेसलर्स को लड़ते हुए देखना तो बचपन से ही सपना था जो साकार हुआ। और जब फ़ाइनली देखा तो बहुत खु़शी हुई"। साथ ही अय्यर फिल्म अभिनेता रजनीकांत के बड़े फ़ैन के रुप में उनकी कोई फ़िल्म देखे बिना नहीं छोड़ते। यहां तक कि इस बार आईपीएल के दौरान वेंकटेश ने वरुण चक्रवर्ती के साथ 'रजनी सर' से मुलाक़ात भी की और उनकी दी हुई एक भेंट से इन दिनों प्रेरणा भी ले रहे हैं। वे बताते हैं, "इतना तो पढ़ने का शौक़ नहीं है लेकिन रजनीकांत सर ने एक बुक दी थी 'लिविंग विद द हिमालयन मास्टर्स', मैं वह पढ़ रहा हूं और प्रकृति के बारे में काफ़ी कुछ सीखने को मिल रहा है।"
अय्यर का आने वाले क्रिकेट सीज़न से यही उम्मीद है कि "जिस टीम के लिए भी खेलूं, हम कम से कम दो चैंपियनशिप जीते"। साथ ही अय्यर अब एक विशुद्ध ऑलराउंडर के रूप में खेलने की उम्मीद जताते हुए कहते हैं, "मेरे माइंड में[भारतीय टीम में] चयन की बात है ही नहीं । मेरे माइंड में सिर्फ़ ये है कि मैं टीम के लिए कैसे योगदान दूं। उनको [प्रबंधन] पता है कि मैं बैट से रन बना सकता हूं और गेंदबाज़ी में विकेट भी ले सकता हूं और फ़ील्डिंग में कैचे भी पकड़ सकता हूं।
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