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पांचवें टेस्ट से पहले गंभीर और ग्राउंड्समैन के बीच हुई तीखी नोकझोंक

ESPNcricinfo को जानकारी मिली है कि मुख्य पिच पर कई भारतीय खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ की मौजूदगी से ग्राउंड्समैन चिंतित थे

गौतम गंभीर और भारतीय सपोर्ट स्टाफ़ ओवल मैदान के ग्राउंड्समैन से बातचीत करते हुए  PTI

भारत की ओवल टेस्ट की तैयारी कुछ तल्ख़ शुरुआत के साथ हुई, जब हेड कोच गौतम गंभीर की सरी काउंटी के मुख्य ग्राउंड्समैन ली फ़ॉर्टिस से तीखी बहस हो गई। दूर से देखने पर गंभीर फ़ॉर्टिस की ओर उंगली उठाकर कुछ कहते नज़र आए।

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हालांकि फ़ॉर्टिस ने मीडिया से बातचीत में कुछ भी साफ़ नहीं कहा, लेकिन ESPNcricinfo को जानकारी मिली है कि वह भारतीय टीम द्वारा मुख्य पिच के ज़्यादातर हिस्से पर अभ्यास करने से नाराज़ थे। दुनिया भर में ग्राउंड्समैन मुख्य पिच को लेकर बेहद सतर्क रहते हैं, ताकि मैच के लिए सतह सही स्थिति में बनी रहे।

भारत मैनचेस्टर में चौथा टेस्ट ड्रॉ करने के बाद लंदन पहुंचा और मंगलवार को टीम का वैकल्पिक अभ्यास सत्र रखा गया। आमतौर पर सपोर्ट स्टाफ़ खिलाड़ी आने से पहले पहुंच जाता है, और इस बार भी कोचिंग स्टाफ़ के साथ गंभीर भी जल्द आए। माना जा रहा है कि कई खिलाड़ी और कोच जब पिच के काफ़ी क़रीब पहुंच गए, तो फ़ॉर्टिस को यह ठीक नहीं लगा।

फ़ॉर्टिस की सबसे बड़ी चिंता यह थी कि ओवल में अभी गर्मियों में और भी कई मैच होने हैं, जो सितंबर की शुरुआत तक चलेंगे, और पिच को सुरक्षित रखना ज़रूरी है।

जब उन्होंने यह बात भारतीय दल से कही, तो सपोर्ट स्टाफ़ ने बताया कि तीन अभ्यास पिचों के आसपास से दूर रहना मुश्किल है क्योंकि अभ्यास के लिए वही इलाक़ा तय किया गया है। इसके बाद गंभीर ने ख़ुद फ़ॉर्टिस से बात करने का फ़ैसला किया।

'कोई विरासत नहीं, बस एक क्रिकेट पिच है'

भारत के असिस्टेंट कोच सितांशु कोटक ने बताया कि जब उन्हें पिच से एक तय दूरी पर रुकने को कहा गया, तो उन्हें थोड़ा अटपटा लगा, जबकि वे स्पाइक्स में नहीं थे।

उन्होंने कहा, "जब कुछ कोच पिच देखने गए, तो एक ग्राउंडस्टाफ़ ने कहा कि 2.5 मीटर दूर रहिए। इससे थोड़ा अजीब लगा। क्योंकि ये वही पिच है, जहां परसों से टेस्ट मैच है, जो पांच दिन चलेगा, और हम जॉगर्स पहनकर खड़े थे तो थोड़ा अजीब ज़रूर लगा।"

गंभीर और फ़ॉर्टिस के बीच हुई बहस पर कोटक ने कोई टिप्पणी नहीं की।

उन्होंने कहा, "(हम) सिर्फ़ विकेट देख रहे थे, हमारे पास रबर स्पाइक्स थे, और टेस्ट मैच परसों है। इसमें कुछ ग़लत नहीं है। क्यूरेटर को भी समझना चाहिए कि जिनसे वो बात कर रहे हैं वो बहुत स्किल्ड और समझदार लोग हैं। मसलन, जहां हम प्रैक्टिस कर रहे थे, वहां जाओगे तो कोई निशान भी नहीं मिलेगा कि किसी गेंदबाज़ ने स्पाइक्स से आउटफ़ील्ड पर स्क्रैच डाला हो। ये सब हेड कोच से ही आता है। हमारी कोशिश यही रहती है कि मैदान को कोई नुक़सान न हो।"

कोटक ने यह भी इशारा किया कि विवाद शायद बातचीत के लहजे की वजह से हुआ।

"जब आप बहुत बुद्धिमान और स्किल्ड लोगों के साथ काम कर रहे होते हैं, और अगर बात करने का तरीक़ा थोड़ा अहंकारी लगे या ऐसा लगे कि… आप सुरक्षा को लेकर सजग रह सकते हैं, लेकिन आख़िरकार ये एक क्रिकेट पिच ही है। कोई एंटीक चीज़ नहीं है जिसे छू भी न सकें कि 200 साल पुरानी है और टूट जाएगी।

"हम उस स्क्वायर पर रबर स्पाइक्स पहनकर खड़े थे। आप ही बताइए परसों बल्लेबाज़ रनआउट से बचने के लिए स्लाइड करेगा, गेंदबाज़ गेंद रोकने के लिए डाइव मारेगा। तो क्या हम घास उगाने आए हैं? मुझे नहीं पता। उन्होंने कहा कि हम अगली पिच पर घास बढ़ाना चाह रहे हैं, लेकिन मुझे नहीं पता एक दिन में कितनी घास उग सकती है और अगले पांच दिन में क्या होगा। (हम समझते हैं) आप मैदान को अच्छा रखना चाहते हैं, स्क्वायर को भी, लेकिन आख़िर में ये एक क्रिकेट पिच ही है।"

इंग्लैंड को एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफ़ी में 2-1 की बढ़त हासिल है। अंतिम टेस्ट 31 जुलाई से ओवल में खेला जाएगा।

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