विश्वास, स्वतंत्रता, सफलता - गौतम गंभीर की कोचिंग का मंत्र
'खिलाड़ियों को स्वतंत्रता देना ज़रूरी, इसी पर मैं विश्वास करता हूं'

भारतीय टीम ने राहुल द्रविड़ के प्रमुख कोच रहते हुए ढाई सालों में बहुत सफलता अर्जित की, जिसमें तीनों प्रारूपों के विश्व स्तरीय टूर्नामेंट के फ़ाइनल में पहुंचना और T20 विश्व कप जीतना शामिल है। अब भारतीय क्रिकेट का लक्ष्य इसी सफलता को आगे ले जाना है और इसकी ज़िम्मेदारी नए प्रमुख कोच गौतम गंभीर पर है, जो समझते हैं कि उन्हें "एक बड़ी जगह को भरना होगा"।
गौतम गंभीर ने श्रीलंका जाने से पहले सोमवार को मुंबई में पत्रकारों से पहली बार बात करते हुए बताया कि वह भारतीय खिलाड़ियों से क्या चाहते हैं और क्या वे उनसे उम्मीद कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "यह बहुत आसान है। खिलाड़ियों को स्वतंत्रता देना अहम है और इसी पर मैं विश्वास करता हूं, ना कि एक कोच और खिलाड़ी के रिश्ते पर। सबसे अच्छा रिश्ता विश्वास बढ़ाना है। सबसे अहम चीज़ है कि उनको हमेशा मेरा समर्थन रहेगा। मैं कई चीज़ें उलझाउंगा नहीं। मैं एक बहुत ही सफलतम टीम की कोचिंग करने जा रहा हूं। भारत T20 विश्व चैंपियन हैं, वे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और 50 ओवर के विश्व कप में उप विजेता रहे।"
गंभीर का कार्यकाल 27 जुलाई से शुरू हो रहे भारत के सफे़द गेंद के श्रीलंका दौरे से होगा। यह पहली बार है जब वह टीम के प्रमुख कोच बने हैं। वह IPL में लखनऊ सुपर जायंट्स और कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) के मेंटॉर रहे, जहां पर उन्होंने KKR को ख़िताब भी जिताया। अपने खेलने के दिनों में वह एक सफलतम ओपनिंग बल्लेबाज़ रहे, जहां पर उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 13 साल बिताए और 2007 T20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा, "मेरा मंत्र बहुत सरल है- जीत। यह बस जीतने के बारे में है। मैं किसी चीज़ से विचलित नहीं होता हूं। हम पेशेवर हैं और कोशिश करते हैं कि हम विजेता की तरह ड्रेसिंग रूम पहुंचे और एक खुशहाल ड्रेसिंग रूम हो। कुल मिलाकर क्रिकेट खिलाड़ियों की टीम होती है। सहायक स्टाफ़ बस वहां रहता है और वे उनसे अधिक से अधिक निकलवाने की कोशिश करते हैं। कई बार अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मुश्किल और यह असुरक्षित भी हो सकता है क्योंकि केवल 15 खिलाड़ी ही चुने जाते हैं। यह सहायक स्टाफ़ का काम है कि उनको ख़ुश रखे।"
श्रीलंका दौरे पर गंभीर के साथ अभिषेक नायर और रायन टेन डेशकाटे सहायक कोच के रूप में, जबकि साईराज बहुतुले गेंदबाज़ी कोच के रूप में और टी दिलीप क्षेत्ररक्षण कोच के रूप में श्रीलंका जाएंगे। जहां तक अन्य सहायक स्टाफ़ की बात है तो गंभीर ने कहा कि श्रीलंका दौरे के बाद उन पर भी फ़ैसला कर लिया जाएगा। गंभीर ने कहा कि कार्यभार प्रबंधन तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अहम है, लेकिन बल्लेबाज़ अगर फ़िट और उपलब्ध हैं तो उन्हें सभी मैच खेलने की ज़रूरत है। गंभीर ने कहा, "कार्यभार प्रबंधन बुमराह जैसे खिलाड़ी के लिए अहम है। बल्लेबाज़ अगर अच्छी फ़ॉर्म में हैं तो हो सकता है कि वे सभी मैच खेलें। रोहित और विराट अब T20 क्रिकेट का हिस्सा नहीं है और उनके पास अब खेलने के लिए केवल दो प्रारूप हैं, तो वे अधिकतर मैचों में उपलब्ध रहने जा रहे हैं।
एस सुदर्शनन ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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