रणजी ट्रॉफ़ी : चोटिल हनुमा विहारी ने बाएं हाथ से की बल्लेबाज़ी
पहले दिन विहारी के बाएं हाथ की कलाई फ़्रैक्चर हो गई थी

आंध्रा के कप्तान और दाएं हाथ के बल्लेबाज़ हनुमा विहारी ने सिडनी टेस्ट की यादों को ताज़ा करते हुए मध्य प्रदेश के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी क्वार्टर-फ़ाइनल के दूसरे दिन बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी की। पहले दिन आवेश ख़ान के बाउंसर को डिफ़ेंड करने के दौरान विहारी के बाएं हाथ की कलाई पर चोट लग गई थी। उस समय वह 37 गेंदों पर 16 रन बनाकर खेल रहे थे।
चोट लगने के बाद विहारी का एक्स-रे किया गया, जहां उनकी कलाई में फ़्रैक्चर निकला। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो समझता है कि विहारी को इस चोट से उबरने में कम से कम पांच से छह सप्ताह लग सकते हैं। टीम मैनेजमेंट ने निर्णय लिया था कि वह ज़रूरत पड़ने पर ही बल्लेबाज़ी करेंगे।
इस मैच में आंध्रा की शुरुआत अच्छी हुई थी, जब रिकी भुई (149) और करण शिंदे (110) के शतकों की मदद से उनका स्कोर 323 रन पर दो विकेट था। लेकिन इन दोनों बल्लेबाज़ों के आउट होने के बाद आंध्रा के विकेटों की पतझड़ शुरू हुई और वे 353 रन पर नौ विकेट खोकर संघर्ष करने लगे।
अंततः विहारी को फिर से अंतिम विकेट के रूप में मैदान पर आना पड़ा। अपनी टूटी हुई कलाई को बचाने के लिए उन्होंने बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी की और लगभग एक ही हाथ से गेंदों को ब्लॉक किया। इस दौरान उन्होंने आवेश ख़ान का एक पूरा ओवर खेला।
लंच के समय तक विहारी ने लगभग 10 ओवर बल्लेबाज़ी करते हुए ललित मोहन के साथ 26 रन जोड़े। इस दौरान उन्होंने आवेश और कुमार कार्तिकेय की गेंदों पर दो चौके भी लगाए। हालांकि लंच के तुरंत बाद वह ऑफ़ स्पिनर सारांश जैन की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए। आंध्रा की पहली पारी 379 रन पर समाप्त हुई।
सिडनी में भी विहारी ने हैमस्ट्रिंग चोट के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए आर अश्विन के साथ मिलकर भारत के लिए टेस्ट बचाया था।
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