इस घरेलू सीज़न मध्य प्रदेश की टीम से खेलते हुए नज़र आ सकते हैं हनुमा विहारी
ऐसा समझा जा रहा है कि जाने-माने कोच चंद्रकांत पंडित के अंडर खेलना चाहते हैं विहारी

अपने करियर को एक नई दिशा देने के लिए भारतीय बल्लेबाज़ हनुमा विहारी इस घरेलू सीज़न मध्य प्रदेश की टीम से खेलने के लिए तैयार हैं। अगर ऐसा होता है तो वह मध्यप्रदेश के दो प्रोफ़ेशनल खिलाड़ियों में से एक की जगह लेंगे। हालांकि अभी पूरा मामला इस बात पर टिका हुआ है कि उन्हें आंध्रा क्रिकेट एसोसिएशन (एसीए) से एनओसी मिलता है या नहीं।
विहारी के टीम में आने से मध्यप्रदेश का मध्यक्रम काफ़ी मज़बूत हो जाएगा। उनकी टीम में पहले से ही रजत पाटीदार, वेंकटेश अय्यर और शुभम शर्मा हैं और अब विहारी भी उसमें जुड़ जाएंगे। विहारी टीम की कप्तानी की दौड़ में भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि अंतिम फै़सला सीज़न शुरू होने से पहले लिया जाएगा। फ़िलहाल तो एमपीसीए ने संभावित खिलाड़ियों के रूप में इन दो दोनों खिलाड़ियों को टीम में शामिल किए जाने की घोषणा कर दी है, जो कंडीशनिंग कैंप से गुजरेंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के लिए एक बार फिर से चंद्रकांत पंडित कोच होंगे। उनकी टीम तेज़ गेंदबाज़ को साइन करने के लिए उत्सुक थे, जिसमें उन्हें क़ामयाबी मिली है। अब दिल्ली के कुलवंत खिजरोलिया मध्य प्रदेश की टीम में शामिल होंगे। कुलवंत फ़िलहाल आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलते हैं, जहां पंडित कोच हैं।
विहारी फ़िलहाल दलीप ट्रॉफ़ी में साउथ ज़ोन की कप्तानी कर रहे हैं। यह समझा जा रहा है कि विहारी भारतीय घरेलू क्रिकेट के जाने-माने कोच चंद्रकांत पंड़ित के अधीन खेलने के इच्छुक थे, जिन्होंने मुंबई, विदर्भ और हाल ही में मध्य प्रदेश के साथ रणजी ट्रॉफ़ी जीती है।
विहारी पिछले साल जुलाई से भारत की टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं, जहां उन्होंने इंग्लैंड में पांच मैचों की श्रृंखला का अंतिम टेस्ट खेला था। उन्हें नंबर 3 पर आज़माया गया था, जहां उन्होंने 58, 31, 35, 20 और 11 के स्कोर बनाए। अपने अब तक के 16 मैचों के टेस्ट करियर में विहारी ने 33.56 की औसत से 839 रन बनाए हैं, जिसमें उनका एकमात्र शतक वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ आया था।
पिछले सीज़न में विहारी ने आंध्रा की कप्तानी की थी, जहां उनकी टीम नॉकआउट चरण तक पहुंचने में क़ामयाब रही थी। बल्लेबाज़ के तौर पर विहारी के लिए पिछला सीज़न मिला-जुला था। इस दौरान उन्होंने तीन अर्धशतकों की मदद से कुल 490 रन बनाए थे। सीज़न के दौरान वह टीम को हार से बचाने के लिए सिर्फ़ एक हाथ से बल्लेबाज़ी करते हुए नज़र आए थे, क्योंकि उनकी दाहिने हाथ में गंभीर चोट लगी थी।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका आंकड़ा अभी भी ज़बरदस्त हैं। 113 मैचों में उन्होंने 53.41 की औसत से कुल 8600 रन बनाए हैं, जिसमें 23 शतक और 45 अर्धशतक शामिल हैं।
वहीं खिजरोलिया के पास सभी फ़ॉर्मेट में ख़ुद को साबित करने का अच्छा मौक़ा है। दिल्ली के लिए उन्हें खेलने का ज़्यादा मौक़ा नहीं मिला है। 2017-18 सीज़न में उन्होंने दिल्ली के लिए डेब्यू किया था लेकिन 14 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्हें सिर्फ़ 32 विकेट मिले हैं। हालांकि लिस्ट ए क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड काफ़ी बढ़िया है, जहां उन्होंने 29 मैचों में में 19.52 की औसत से कुल 61 विकेट झटके हैं।
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