हार्दिक : भाड़ में जाए स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट
भारतीय ऑलराउंडर का मानना है नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रनआउट होना नियमों का हिस्सा है और इस पर बहस करना समय बर्बाद करने से कम नहीं

नॉन-स्ट्राइकर छोर पर बल्लेबाज़ को रन आउट करने के संदर्भ में भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने कहा है, "स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट भाड़ में जाए। हमें इस बात का बतंगड़ बनाना छोड़ देना चाहिए।"
इस डिसमिसल के तरीक़े को क्रिकेट के नियमों में स्वीकारा जाता था लेकिन इसे अनौपचारिक तौर पर खेल भावना के ख़िलाफ़ माना जाता रहा है। हालांकि 1 अक्तूबर से लागू हुए नए नियमों के अनुसार इसे 'अनफ़ेयर प्ले' से हटाकर 'रन आउट' का हिस्सा बनाया गया है।
रविवार को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत की विश्व कप जीत में अहम भूमिका निभाने वाले पंड्या ने कहा, "मुझे व्यक्तिगत रूप से इस [डिस्मिसल] से कोई दिक़्क़त नहीं है। अगर मैं [क्रीज़ के बाहर] टहल रहा हूं और कोई मुझे रनआउट कर दे, तो ग़लती मेरी ही हुई। वह [गेंदबाज़] नियमों का फ़ायदा उठा रहा है तो यह कोई बड़ी बात नहीं।" हार्दिक विश्व कप से पहले रिकॉर्ड हुई आईसीसी के पॉडकास्ट में यह बात कह रहे थे।
पिछले महीने भारत की दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड की चार्ली डीन को इस प्रकार आउट करके भारत को इंग्लैंड की सरज़मीं पर वनडे सीरीज़ में 3-0 की जीत दिलाई थी और तब से इस विवाद पर फिर से काफ़ी चर्चा हुई है। हालांकि हार्दिक का कहना है, "हमें इस बारे में इतनी चर्चा करके वक़्त ज़ाया नहीं करनी चाहिए। यह नियमों का हिस्सा है, बस इतना जानना काफ़ी है। स्पिरिट ऑफ़ क्रिकेट भाड़ में जाए।"
हार्दिक ने यह भी कहा कि टी20 प्रारूप में मैच-अप को बहुत ज़्यादा तवज्जो दी जाती है जिसके वह पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मैं बिना संकोच के कहता हूं कि मैच-अप को बहुत बढ़ा चढ़ा कर महत्त्व दिया जाता है। शायद टेस्ट और वनडे क्रिकेट में फिर भी इसकी जगह हो लेकिन मैं नहीं मानता कि टी20 में यह इतने ज़रूरी होते हैं। मैं जिस परिस्थिति में बल्लेबाज़ी करने आता हूं वह मैच-अप के बारे में सोचने का समय नहीं मिलता। शायद यह शीर्ष के तीन या चार बल्लेबाज़ों के लिए ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उनके सामने सारे ही गेंदबाज़ आते हैं। मेरे लिए मैच की स्थिति ज़्यादा ज़रूरी है। कभी कबार ऐसा भी होता है कि मेरे सामने कोई गेंदबाज़ हो जिस पर मैं आक्रमण करना चाहता हूं लेकिन स्थिति के हिसाब से मैं टीम के हित में ज़्यादा जोख़िम नहीं ले पाता।"
हार्दिक ने अपने क्रिकेट से जुड़े आशाओं पर कहा, "मैं वापसी करने के बाद से इसी बात को तवज्जो दे रहा हूं कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ रूपांतर बनूं। मैं कहूंगा मैं महानता तो नहीं लेकिन उत्कृष्टता की ओर अग्रसर हूं। अगर मैं अपने करियर की समाप्ति पर यह कह सकता हूं कि मैंने किसी समय उत्कृष्टता हासिल किया था तो मैं बहुत ख़ुश रहूंगा।"
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.