ऑस्ट्रेलिया को हराने के लिए हम अपना सबकुछ लगा देंगे : हरमनप्रीत कौर
अंगूठे की चोट की वजह से हरमनप्रीत वनडे और टेस्ट नहीं खेल पाईं थीं

साल 2021 में भारतीय महिला टी20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जितना समय चोट से उबरने में लगाया है, उससे कम ही उन्होंने भारतीय नीली जर्सी पहनी है। मार्च में कुल्हे की इंजरी की वजह से वह घर में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ में कम नज़र आईं। फिर अप्रैल में उन्हें कोविड संक्रमित होने की वजह से आइसोलेशन में जाना पड़ा, और फिर इंग्लैंड दौरे पर वह ग्रोइन इंजरी से जूझती रहीं।
हालांकि ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर जाने से पहले वह इन सब चीज़ों से पार पा गईं थीं, और वहां 14 दिनों का क्वारंटीन पीरियड भी पूरा किया। इसके ठीक बाद नेट सत्र में उन्हें अंगूठे में चोट आ गई, जिसकी वजह से वह सभी तीनों वनडे और इकलौते पिंक बॉल टेस्ट से भी बाहर हो गईं।
अब एक बार फिर हरमनप्रीत पूरी तरह से फ़िट हैं और जमकर उन्होंने नेट में अभ्यास किया है, उनकी नज़र अब इस मिले मौक़े से पिछले मैचों की भरपाई करने पर है। पहले टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच की पूर्व संध्या पर भारतीय महिला कप्तान ने इस टी20 लेग के लिए ख़ुद को पूरी तरह तैयार बताया।
"ये मुश्किल था, पहले हमने क़रीब एक साल क्रिकेट नहीं खेला और फिर जब क्रिकेट की शुरुआत हुई तो मैं लगातार चोटों से जूझती रही। आपको इन चीज़ों को स्वीकार करना पड़ता है, अगर मैं बार-बार इसी चीज़ के बारे में सोचती रहूंगी तो फिर ख़ुद को मानसिक तौर पर थका दूंगी। फ़िलहाल मैं हर चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार हूं और अपना 100% देने के लिए बेक़रार हूं। मैं अपने सभी सपोर्ट स्टाफ़ का भी शुक्र अदा करना चाहूंगी जिन्होंने इस दौरान मेरा साथ दिया। हालांकि अगर वनडे और टेस्ट के बीच में चार और दिनों का अंतराल होता, तो मैं खेल रही होती। क्योंकि टेस्ट के दूसरे या तीसरे दिन से मैं बल्लेबाज़ी भी कर ले रही थी और फ़ील्डिंग भी।"हरमनप्रीत कौर, भारतीय महिला टी20 कप्तान
हरमनप्रीत ने ये भी कहा कि टेस्ट मैच से बाहर होना उन्हें बहुत ज़्यादा खल गया। उन्होंने कहा, "वनडे और ख़ास तौर से टेस्ट से बाहर होना मुझे बहुत खला। हालांकि बाहर बैठकर भी मुझे काफ़ी कुछ सीखने को मिला।"
उन्होंने ये भी कहा कि किस तरह इस टीम के लिए पिछले छ: महीने गुज़रे हैं, यहां तक कि टीम में भी बदलाव हुआ और प्रमुख कोच भी बदले गए।
हरमनप्रीत इस मल्टी-फ़ॉर्मेट सीरीज़ के प्रारुप से काफ़ी ख़ुश हैं, उन्होंने कहा कि इससे हमें अलग-अलग प्रतिभाओं को परखने का मौक़ा मिलता है। "पहले हम ज़्य़ादातर टी20 या 50-ओवर क्रिकेट ही खेला करते थे, लेकिन अब इस मल्टी-सीरीज़ फ़ॉर्मेट की वजह से हमें सारे प्रारुप खेलने को मिल रहे हैं।"
आख़िर में टी20 लेग के बारे में हरमनप्रीत ने कहा, "वनडे में जो हमने मोमेंटम अपनी ओर मोड़ा था, ठीक वही कोशिश होगी कि टी20 में भी ये हमारे साथ हो। हमें अगर सीरीज़ जीतना है तो फिर सभी तीन मैचों में जीत दर्ज करनी होगी, और इसके लिए हम अपना पूरा ज़ोर लगा देंगे। हम हर हाल में ये सीरीज़ जीतने के लिए मैदान में उतरना चाहते हैं।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब-एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है।
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.