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हर्षित राणा ने गौतम गंभीर को दिया अपनी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय

हर्षित ने कहा कि KKR से खेलने के दौरान गंभीर ने उन्हें काफ़ी आत्मविश्वास दिया जिसके चलते वह दबाव को झेल पाए

हर्षित ने कहा कि उनके पिता ने कभी भी उनसे उम्मीद नहीं छोड़ी  AFP/Getty Images

श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे श्रृंखला के लिए भारतीय दल में जगह पाने के बाद तेज़ गेंदबाज़ हर्षित राणा ने अपनी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय भारतीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर को दिया। 22 वर्षीय हर्षित को पहली बार वनडे प्रारूप के लिए भारतीय टीम से बुलावा आया है। राणा कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) में गंभीर के साथ काम कर चुके हैं।

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हर्षित ने भारतीय दल के घोषणा के बाद PTI से बात करते हुए कहा, "मैं कड़ी मेहनत करने में विश्वास करता था। लेकिन एज ग्रुप क्रिकेट में नज़रअंदाज़ किए जाने के बाद जब मुझे पीड़ा होती थी तो मैं अपने कमरे में बैठकर रोने लगता था। मेरे पिता ने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। अगर मुझे अपनी इस यात्रा में तीन लोगों को चुनना हो तो मैं अपने पिता, अपने कोच अमित भंडारी सर (दिल्ली और भारतीय टीम के पूर्व तेज़ गेंदबाज़) और सबसे ज़्यादा इसका श्रेय गौती (गंभीर) भैया को दूंगा।"

"अगर गेम के प्रति मेरा नज़रिया बदला है तो यह KKR के ड्रेसिंग रूम में गौती भैया की मौजूदगी की वजह से ही संभव हो पाया। बड़े स्तर पर आपको स्किल्स की तो ज़रूरत होती ही है लेकिन सबसे अधिक अहमियत दबाव को झेलने की होती है।"

"गौती भैया हमेशा मुझसे कहा करते, 'मुझे तेरे ऊपर भरोसा है, तू मैच जिताकर आएगा।"

हर्षित ने 2022-23 के सीज़न में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में दिल्ली के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी के पांच मैचों में 21 विकेट चटकाए थे लेकिन इसके बाद चोट के चलते वह अधिक रेड बॉल क्रिकेट नहीं खेल पाए। हालांकि सफ़ेद गेंद के साथ भी उन्होंने दिल्ली के लिए प्रभावी प्रदर्शन किया है। उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में 14 मैचों में 22 विकेट लिए हैं जबकि सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के 25 T20 मैचों में उनके नाम 28 विकेट हैं।

IPL 2024 में उन्होंने अपनी ब्लॉकहोल गेंदों, वाइड यॉर्कर और स्लो बाउंसर से काफ़ी प्रभावित किया। वह पिछले सीज़न सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों की सूची में चौथे पायदान पर भी थे। हालांकि ख़ुद हर्षित दबाव में अपनी क्षमताओं के साथ न्याय करने में सफल कैसे हो पाए?

"अगर दबाव झेलने की बात करूं तो इसमें गौतम गंभीर की सलाह का योगदान है। वह कहते, 'सबसे बुरी चीज़ क्या होगी? तुम्हारी गेंदों को मार पड़ेगी और हम मैच हार जाएंगे। लेकिन अगर तुम अपने डर का सामना नहीं करोगे तो उससे उबरोगे कैसे?'

"मैंने वहां यही सीखा कि आपके पास भी नया मौक़ा आएगा। जब चीज़ें आपके पक्ष में जाएंगी और आप इसी के लिए अभ्यास भी करते हैं।"

IPL से पहले हर्षित ने भंडारी और नरिंदर सिंह नेगी के दिल्ली प्लेयर्स एकेडमी में ट्रेनिंग की थी।

"अगर आप स्किल सेट के बारे में पूछेंगे तो भंडारी सर और नेगी सर पिछले दो साल से मेरे कोच रहे हैं।"

भंडारी ने 2000 से 2004 के बीच भारत के लिए दो वनडे खेले थे और मौजूदा समय में वह गुजरात टाइटंस (GT) के सहायक कोच हैं। उन्होंने PTI से बात करते हुए कहा, "मैं नहीं जानता था कि यह लड़का (हर्षित) कौन है। जब वह मेरे पास आया तब वह KKR के लिए तो नहीं लेकिन रणजी ट्रॉफ़ी खेल चुका था। उसने मुझे कॉल लिया और बस इतना ही पूछा, 'सर, क्या आप मुझे ट्रेन कर देंगे?'

"पहले दिन जब वह आया तो मैंने उसे पुरानी गेंद दी और कहा कि वह मेरी तरफ़ बिना देखे बस गेंदबाज़ी करे और अगर मुझे ज़रूरत महसूस होगी तो मैं उसे दोबारा बुलाऊंगा। मुझे उसके अंदर प्रभावित करने वाली सबसे बेहतर चीज़ उसका रन अप लगा। लेकिन क्रीज़ तक पहुंचने के बाद उसे बहुत पहलुओं पर काम करना बाक़ी था। नॉन बॉलिंग हैंड, एलाइनमेंट और वह इन सब पर काम करने के लिए तैयार था।"

हर्षित को अगर श्रीलंका में अपनी पहली इंडिया कैप मिलती है तो यह उनकी मेहनत का फल होगा। भारत का श्रीलंका दौरा 27 जुलाई से शुरू हो रहा है। यह बतौर भारतीय कोच गंभीर के लिए भी पहला दौरा होगा।

Harshit RanaGautam GambhirIndiaIndia tour of Sri Lanka