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कोलैप्स से बचने के लिए छह विशेषज्ञ बल्लेबाज़? मैं ऐसे संतुलन पर विश्वास नहीं करता : कोहली

अगर आपके शीर्ष छह या सात बल्लेबाज़ अपना काम नहीं करते तो इसकी कोई गारंटी नहीं एक्सट्रा बल्लेबाज़ आपको बचाएगा

मैच के चौथे दिन विराट कोहली दिन के दूसरे विकेट के रुप में आउट हुए  Getty Images

हेडिंग्ले टेस्ट की दोनों पारियों में कोलैप्स होने के बाद ऐसी सलाह मिल रही हैं कि भारतीय टीम को छह विशेषज्ञ बल्लेबाज़ों के साथ खेलना चाहिए और उनके गेंदबाज़ 20 विकेट लेने में काबिल हैं। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इस संतुलन को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि इस प्लान पर ना तो उन्होंने कभी विश्वास किया है और ना करते हैं।

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कोहली ने मैच के बाद पत्रकार वार्ता में शनिवार को कहा कि मैं इस संतुलन पर विश्वास नहीं करता हूं। मैंने कभी भी इस संतुलन पर विश्वास नहीं किया, चाहे आप मैच बचाए या हारे या जीतें। हमने इससे पहले इन्हीं बल्लेबाज़ों के साथ मैच को ड्रॉ कराए हैं। अगर आपके शीर्ष छह या सात बल्लेबाज़ अपना काम नहीं कर पाते हैं तो इसी कोई गारंटी नहीं है कि एक्स्ट्रा बल्लेबाज़ आपको हर बार मुश्किल से निकाल लेगा।

आपको यह स्वीकार करना होगा कि एक टीम के नाते आप पर ज़िम्मेदारी है और टीम के लिए काम करना एक गौरव है। अगर आपके पास 20 विकेट लेने की क़ाबिलियत और साधन नहीं हैं, तो आप दो ही परिणाम के लिए खेल रहे हैं और हम ऐसे नहीं खेलते।

हालांकि, एमएस धोनी ने पांच गेंदबाज़ों के विचार के साथ खिलवाड़ किया था। कप्तान के तौर पर उनके आख़िरी पूरे दौरे पर स्टुअर्ट बिन्नी उनके पांचवें गेंदबाज़ थे। कोहली ने भी इस पॉलिसी को अपनाया और हार्दिक पंड्या को मौक़ा दिया। हार्दिक जब चोटिल हो गए तो कोहली 2018-19 ऑस्‍ट्रेलिया दौरे पर चार गेंदबाज़ों के फ़ॉर्मूले पर लौट आए और जीत दर्ज की। उन्‍होंने 2020-21 दौरे की शुरुआत भी चार गेंदबाज़ों के साथ की लेकिन इसके बाद अजिंक्‍य रहाणे ने पांच गेंदबाज़ों को खिलाया। हालांकि पांचवां गेंदबाज़ को टीम में लाने के पीछे एडिलेड में रवींद्र जाडेजा का चोटिल होना एक कारण हो सकता है।

पांच बल्‍लेबाज़ों या पांच गेंदबाज़ों के संयोजन के अलावा एक और संयोजन है कि टीम में तीन तेज़ गेंदबाज़ होंगे या चार। भारत ने इंग्‍लैंड दौरे की अपनी शुरुआत तीन तेज़ गेंदबाज़ों और दो स्पिनरों के साथ विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में की थी, लेकिन इसके बाद टीम चार तेज़ गेंदबाज़ों के आइडिया पर आ गई। कोहली ने मैच के बाद पुरस्‍कार वितरण समारोह में माइकल ऐथर्टन को कहा कि यदि पिच बचे हुए टेस्‍ट मैचों में भी ऐसी रहती है तो वह 4-1 के चल रहे इस संयोजन के साथ ही जाएंगे। कोहली ने कहा कि यह पिच पर निर्भर करता है। हमें पिच को देखना होगा, जहां खेलने जा रहे हैं। मौसम इस देश में ऐसी चीज़ है जिसके बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता है। सब कुछ पिच पर निर्भर करता है।

मुझे लगता है कि टीम का यह आकार काम करता है। अगर आपका प्रदर्शन ख़ास नहीं रहता है तो चौथा तेज़ गेंदबाज़ दबाव बनाने में क़ामयाब होता है, ख़ासतौर पर तब जब आप टॉस हार गए हों और आपको पहले गेंदबाज़ी करनी हो। इससे मदद मिलती है क्‍योंकि जब आपके पास दो स्पिनर होते हैं तो आप तीन ही तेज़ गेंदबाज़ों के साथ आक्रमण कर सकते हो। ऐसे में पहले दिन के ताज़ा विकेट पर स्पिनरों को गेंदबाज़ी करनी होती है।

कोहली ने कहा कि सीरीज़ का नतीजा तय करने वाले लगातार तीन टेस्‍ट मैचों में आप सभी को खिला सकते हैं, लेकिन यदि हम चारों तेज़ गेंदबाज़ों को खिलाने का फ़ैसला करते हैं तो तब ध्‍यान रखना होता है कि हम तेज़ गेंदबाज़ों को रोटेट करते रहे। यह तार्किक और समझदारी भरा फ़ैसला है। आप साफ़ तौर पर किसी एक से इतना काम नहीं करा सकते हैं कि वह आख़िर में टूट जाए।

हमने व्‍यक्तिगत तौर पर ऐसी चर्चा की हैं और देखा है कि कौन कहां फ़िट है और किसे आराम चाहिए। आप तेज़ गेंदबाज़ों को लगातार चार टेस्‍ट तो नहीं खिला सकते हो, तो आपको देखना होगा कि कौन रिकवर कर रहा है और खेलने को तैयार है।

ओवल टेस्‍ट में अगर किस को आराम दिया जा सकता है तो वह इशांत शर्मा हैं, जो इस टेस्ट मैच में लय में नहीं दिखे। उनकी गेंद में गति भी नहीं थी और वह अपने रनअप में भी धीमे थे। कोहली से जब पूछा गया कि उन्‍हें क्‍या कोई चोट है तो उन्‍होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है।

कोहली ने कहा कि मैंने सच में उसका रनअप नहीं देखा। मैं स्लिप में खड़ा हो रहा हूं, तो मुझे बल्लेबाज़ के बल्ले पर नज़र रखनी होती है। ऐसे में मैंने इस बात का विश्लेषण नहीं किया कि वह मैदान पर कैसे चल रहा है। मुझे लगता है कि वह पिछले मैच की ही तरह मैदान पर चला इस वजह से इसको लेकर कोई मामला था ही नहीं।

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सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।