T20 वर्ल्ड कप के अमेरिकी चरण के आयोजन में हुए अत्यधिक ख़र्च पर ICC बोर्ड ने मांगा जवाब
अंतिम समय में 2 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मांग ने बोर्ड के निदेशकों के बीच असंतोष पैदा किया है

12 जून को T20 वर्ल्ड कप 2024 में भारत द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) को हराए जाने के तुरंत बाद ही न्यूयॉर्क के स्टेडियम से सामग्रियों को हटाए जाने का काम शुरू हो गया था। दोनों टीमों के वेन्यू से चले जाने के बाद मैदान में क्रेन की मदद से चारों ड्रॉप इन पिच को हटाए जाने का काम शुरू हो गया था, कर्मचारी ने स्टैंड्स को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इन्हें लास वेगास फ़ॉर्मूला वन को वापस किया जाना था, जिसकी मदद से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने बुनियादी ढांचा तैयार किया था।
न्यूयॉर्क परियोजना ICC की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना में से एक थी, जिसे 106 दिनों में मूर्त रूप दिया गया था। हालांकि USA में खेले गए टूर्नामेंट के मैचों को लेकर शुरुआत से ही सवाल उठते रहे। USA में टूर्नामेंट के 55 में से 16 मैच खेले गए थे। अब ICC बोर्ड की इस सप्ताहांत में कोलंबो में बैठक होने वाली है। इस बैठक में उन तमाम सवालों पर गहन चर्चा की जाएगी। ख़ासतौर पर उन पहलुओं पर भी चर्चा की जाएगी जिसमें यह दावा किया गया है कि टूर्नामेंट के अमेरिकी चरण के आयोजन में मूल बजट से अधिक ख़र्चा आया। इसके साथ ही इस दावे के सही साबित होने की स्थिति में इस बात पर भी चर्चा की जाएगी कि आख़िर इसका ज़िम्मेदार कौन है।
बोर्ड के एक निदेशक के मुताबिक ICC बोर्ड ने शुरुआत में टूर्नामेंट के अमेरिकी चरण के आयोजन के लिए 4-5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रकम को मंज़ूरी दी थी। हालांकि ESPNcricinfo इस रकम की वास्तविकता की जानकारी को अपने स्तर पर सत्यापित नहीं कर पाया है लेकिन निदेशक का कहना है कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक ऑपरेशनल ख़र्च पर डेढ़ करोड़ अमेरिकी डॉलर और शहर के बाहर स्टेडियम के निर्माण में 3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का ख़र्च आने का अनुमान था।
हालांकि वर्ल्ड कप से ठीक पहले, ICC बिज़नेस कॉर्पोरेशन द्वारा बनाई गई T20 World Cup USA Inc ने अमेरिकी चरण के आयोजन के लिए अतिरिक्त 2 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मांग रख दी। एक अन्य निदेशक के अनुसार इस मांग ने बोर्ड के कई निदेशकों के बीच असंतोष पैदा कर दिया।
हालांकि अमेरिकी चरण के आयोजन में शामिल रहे एक अधिकारी के मुताबिक T20 World Cup USA Inc ने अतिरिक्त 2 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मांग अतिरिक्त बजट के तौर पर नहीं बल्कि कर्ज़ के तौर पर की थी।
कई निदेशक अत्यधिक ख़र्चे के चलते कर्ज़ लेने की स्थिति उत्पन्न होने का हवाला देते हुए इस मांग के समर्थन में नहीं थे। इनमें क्रिकेट वेस्टइंडीज़ (CWI) के अध्यक्ष किशोर शैलो, ICC की डिप्टी चेयरमैन इमरान ख़्वाजा और पंकज खिमजी शामिल थे। खिमजी ICC बोर्ड के एसोसिएट निदेशकों में से एक हैं। ऐसा अनुमान है कि खिमजी ने अमेरिकी चरण की जांच के लिए ICC को पिछले सप्ताह ईमेल भी लिखा है।
CWI इस वर्ल्ड कप का मुख्य मेज़बान था और उसके द्वारा नियुक्त किए गए LOC (स्थानीय आयोजन समिति) और T20 World Cup USA Inc. को साथ में मिलकर काम करना था। लेकिन ऑपरेशंस में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि टूर्नामेंट के आगे बढ़ने के साथ ही इन दोनों के बीच बातचीत के माध्यम ही समाप्त हो गए।
हालांकि सवाल सिर्फ़ अमेरिकी चरण के आयोजन को लेकर नहीं उठेंगे। बल्कि ICC बोर्ड के कुछ अधिकारी वेन्यू पर पिच की क्वालिटी, कैरिबियाई चरण में स्टैंड्स के खाली रहने जैसे मुद्दे उठा सकते हैं। टरूबा में साउथ अफ़्रीका और अफ़ग़ानिस्तान के बीच खेले गए सेमीफ़ाइनल के बाद ख़ुद अफ़ग़ानिस्तान के कोच जोनाथन ट्रॉट ने पिच पर सवाल खड़े किए थे।
2021 में जब ICC ने वेस्टइंडीज़ के साथ USA को टूर्नामेंट का सह मेज़बान बनाने की घोषणा की थी तब इसके पीछे की मंशा USA के अनछुए बाज़ार का लाभ उठाने की थी। 2028 में लॉस एंजेलिस में आयोजित होने वाले ओलंपिक्स में क्रिकेट को भी शामिल किया गया है। ऐसे में वर्ल्ड कप के अमेरिकी चरण को उसके ड्रेस रिहर्सल के तौर पर भी देखा गया।
हालांकि अधिकतर सवालों के जवाब अक्तूबर में मिलने अपेक्षित हैं जब ICC की त्रैमासिक बैठक में वर्ल्ड कप से जुड़े ऑडिट किए गए खातों पर चर्चा की जा सकेगी।
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo के न्यूज़ एडिटर हैं
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