आंकड़े झूठ नहीं बोलते : विराट कोहली और रोहित शर्मा के लिए ये दो गेंदबाज़ खड़ी कर सकते हैं मुश्किल
कुलदीप यादव साबित हो सकते हैं टीम इंडिया के लिए तुरुप का इक्का

बुधवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच इस विश्व कप का पहला सेमीफ़ाइनल खेला जाएगा। विश्व कप के लीग स्टेज के दौरान धर्मशाला में खेले गए मुक़ाबले में भारत ने न्यूज़ीलैंड को 20 वर्षों बाद आईसीसी के किसी टूर्नामेंट में पटखनी दी थी। हालांकि न्यूज़ीलैंड के साथ टीम इंडिया की 2019 की कड़वी याद जुड़ी हुई है, जिसका भारत मुंबई में हर हाल में बदला लेना चाहेगा। लेकिन क्या भारत के लिए न्यूज़ीलैंड को हराना इतना आसान रहने वाला है? कुछ ऐसे आंकड़ों को टटोलते हैं जिनका प्रभाव पहले सेमीफ़ाइनल में देखने को मिल सकता है।
कैसा है दोनों टीमों का नॉकआउट इतिहास?
आईसीसी टूर्नामेंट के तमाम नॉकआउट मुक़ाबले में भारत और न्यूज़ीलैंड दोनों का ही रिकॉर्ड संतोषजनक नहीं रहा है। भारत ने आईसीसी टूर्नामेंट में कुल 33 नॉकआउट खेले हैं जिसमें भारत को 18 में जीत मिली है। वहीं न्यूज़ीलैंड को 26 में से 10 मैचों में जीत मिली है। हालांकि आईसीसी वनडे विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में भारत का रिकॉर्ड न्यूज़ीलैंड की तुलना में अधिक बेहतर है। भारत ने सात सेमीफ़ाइनल में से तीन मैच जीते हैं जबकि न्यूज़ीलैंड को आठ सेमीफ़ाइनल में से सिर्फ़ दो में ही जीत मिल पाई है।
रोहित और विराट के लिए ये दो गेंदबाज़ खड़ी कर सकते हैं मुश्किल
एक महत्वपूर्ण मैच से पहले टीम इंडिया के अधिकतर बल्लेबाज़ लय में हैं लेकिन भारत को एक मज़बूत स्थिति में पहुंचाने का असली दारोमदार कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के ऊपर ही होगा। हालांकि कीवी टीम के पास ऐसे दो गेंदबाज़ हैं जो कि इन दोनों बल्लेबाज़ों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी वनडे में रोहित को क्रमशः चार और पांच बार अपना शिकार बना चुके हैं। रोहित इस विश्व कप में आक्रामक शैली में क्रिकेट खेल रहे हैं लेकिन बोल्ट के विरुद्ध उनका स्ट्राइक रेट महज़ 69 का है और साउदी के ख़िलाफ़ वह 70 के स्ट्राइक रेट से ही रन बना पाते हैं।
साउदी ने कोहली को वनडे में छह बार अपना शिकार बनाया है जबकि बोल्ट तीन बार कोहली को आउट कर चुके हैं। इन दोनों के अलावा मिचेल सैंटनर ने भी तीन बार कोहली को आउट कर चुके हैं।
श्रेयस और शुभमन के पास है सैंटनर का तोड़
श्रेयस अय्यर स्पिन के ख़िलाफ़ विशेषज्ञ बल्लेबाज़ माने जाते हैं और टीम इंडिया में दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों की भरमार को देखते हुए सैंटनर टीम इंडिया के लिए बड़ा ख़तरा माने जा रहे हैं। उन्होंने पिछले विश्व कप सेमीफ़ाइनल में भी दो विकेट लिए थे जबकि इस विश्व कप में भी उन्होंने 16 विकेटों में से अपने 15 विकेट दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के ही लिए हैं। हालांकि श्रेयस ने सैंटनर की 59 गेंदों पर 63 रन बनाए हैं और शुभमन गिल ने भी सैंटनर की 81 गेंदों पर 95 रन बनाए हैं। सैंटनर इन दोनों को ही वनडे में एक बार भी आउट नहीं कर पाए हैं।
कुलदीप निभा सकते हैं अहम भूमिका
इस विश्व कप में अब तक गेंदबाज़ी की कमान अधिकांश समय भारत की पेस बैटरी के पास ही रही है लेकिन कुलदीप यादव ने हर बार ज़रूरत पड़ने पर टीम इंडिया को ब्रेकथ्रू निकाल कर दिए हैं। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भी कप्तान रोहित कुलदीप के कंधों पर बड़ी ज़िम्मेदारी दे सकते हैं। कुलदीप ने वनडे में टॉम लेथम को तीन बार जबकि न्यूज़ीलैंड के कप्तान केन विलियमसन को दो बार अपना शिकार बनाया है।
मोहम्मद सिराज और मोहम्मद शमी भी विलियमसन को दो-दो बार आउट कर चुके हैं। जबकि विलियमसन को जसप्रीत बुमराह ने भले ही सिर्फ़ एक बार आउट किया है लेकिन वह बुमराह की 83 गेंदों पर सिर्फ़ 39 रन ही बना पाए हैं।
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