फ़रीद अहमद : भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच एशियन गेम्स स्वर्ण पदक को बांटा जाना चाहिए था
अफ़ग़ानिस्तान विश्व कप टीम के रिज़र्व खिलाड़ी पाकिस्तान के विरुद्ध एशियन गेम्स सेमीफ़ाइनल जीत के हीरो रहे थे

अफ़ग़ानिस्तान के बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ और विश्व कप टीम के रिज़र्व खिलाड़ी फ़रीद अहमद अब तक भारत के विरुद्ध एशियन गेम्स फ़ाइनल को नहीं भुला पाएं हैं। फ़रीद उस अफ़ग़ानिस्तान टीम का हिस्सा थे जिन्होंने हांगज़ू में पुरुष क्रिकेट में रजत पदक जीता था, हालांकि उनकी टीम बल्लेबाज़ी करते हुए पांच विकेट पर 112 के स्कोर पर थी जब बारिश आई और मैच को रद्द कर दिया गया था। भारत को बेहतर विश्व रैंकिंग के आधार पर टी20 प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया।
अफ़ग़ानिस्तान ने इसके साथ क्रिकेट में तीन लगातार रजत पदक जीते। उन्होंने 2010 और 2014 के संस्करणों में भी दूसरा स्थान हासिल किया था।
फ़रीद अफ़ग़ानिस्तान के लिए 15 वनडे मैच और 28 टी20आई मुक़ाबले खेल चुके हैं और उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हुए सेमीफ़ाइनल में भी चार विकेट निकालते हुए अहम भूमिका निभाई थी। फ़रीद ने मंगलवार को अफ़ग़ानिस्तान टीम के साथ जुड़ने के बाद पीटीआई से हंसते हुए कहा, " [स्वर्ण पदक को] आधा-आधा काट देना चाहिए था। लेकिन मैच रद्द हो गया था, इसलिए स्वर्ण पदक को शेयर किया जाना चाहिए था। रैंकिंग के आधार पर विजेता घोषित किया जाना आदर्श नहीं था। मैच होता तो मज़ा आता।"
मल्टी-स्पोर्ट इवेंट में स्वर्ण पदक शेयर किया जाना असामान्य नहीं है। टोक्यो ऑलिंपिक्स के दौरान हाई जंप में इटली के जियानमार्को तैंबेरी और क़तर के मुताज़ बरशिम दोनों को 2.37 मीटर के मार्क को छूने पर संयुक्त स्वर्ण पदक दिया गया था। हालांकि उस प्रतियोगिता में बारिश की वजह से कोई रुकावट नहीं आई थी।
मंगलवार के नेट्स में फ़रीद, हांगज़ू में कप्तान रहे गुलबदीन नईब और शराफ़उद्दीन अशरफ़ चीन से पहुंचकर सीधे दिल्ली में मेज़बान भारत के ख़िलाफ़ मैच से पहले टीम के साथ जुड़े।
चीन जैसे देश में क्रिकेट खेलने के मौक़े पर फ़रीद ने कहा, "अच्छा था लेकिन स्टेडियम में मौजूद कई लोगों को क्रिकेट के नियमों का अंदाज़ा नहीं था। वह हर चीज़ के लिए ताली बजाते थे - चाहे कोई आउट हो रहा हो या छक्का मार रहा हो।"
फ़रीद और उनके साथी अपनी पसंद की एक रेस्टोरेंट भी ढूंढने में सफल थे। उन्होंने कहा, "नहीं [मिलता] तो मसला हो जाता।"
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.