पैट कमिंस ने कहा था कि उनके पास विश्व विजेता खिलाड़ियों की भरमार है, अब रोहित शर्मा ने दिया जवाब
भारतीय टीम के प्लेइंग XI और टीम के माहौल से जुड़े कई विषयों पर भारतीय कप्तान ने खुल कर बात की है

किसी भी लक्ष्य को हासिल करने का एक सीधा साधा नियम है कि इंतज़ार जितना लंबा हो उत्सुकता उतनी बढ़ती जाती है और जब आप 10 साल 5 महीने और 12 दिन से इंतज़ार कर रहे हैं, साथ ही लक्ष्य बस आपसे एक कदम दूर हो तो यह लाज़मी है कि आपकी सारी भावनाएं एक साथ मन में गोते लगाती है। हालांकि यही वह समय होता है जब अपने मन को शांत रखते हुए आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा भी यही करने का प्रयास कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेले जाने वाले विश्व कप फ़ाइनल से पहले रोहित ने कहा कि वह और उनके साथी ऐसी सारी भावनाओं को भूल कर वही काम करने का प्रयास कर रहे हैं, जो काम उन्हें दिया गया है।
मैच की पूर्व संध्या रोहित शर्मा ने कहा, "इमोशनली इस स्तर पर आकर फ़ाइनल खेलना एक बड़ी बात है। आप अपने जीवन में जो भी मेहनत करते हो या फिर सपने देखते हो, वह आप इसी चीज़ के लिए देखते हो। फ़ाइनल खेलने का मौक़ा आपको बार-बार नहीं मिलता। मैं तो 50 ओवर का विश्व कप देखते हुए बड़ा हुआ हूं। हालांकि प्रोफ़ेशनल एथलीट के लिए सबसे बड़ा यही चैंलेंज होता है कि आप कैसे इन भी चीज़ों को साइड में रख सकते हो। इसलिए कल मेरे साथ जो भी 10 खिलाड़ी खेलेंगे उनका फ़ोकस यही होगा कि वह सोचें कि उनका जो काम है, उसे कैसे पूरा किया जाए। ऐसे परिस्थिति में शांंत रहना सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है, तभी आप दबाव में बेहतर तरीक़े से सोचते हुए, अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।"
विश्व कप का मंच निश्चित रूप से क्रिकेट के किसी भी मंच से ज़्यादा बड़ा है। ऐसे में आपको ऐसे खिलाड़ियों की भी ज़रूरत होती है, जिनके पास इस स्तर के दबाव को झेलने का थोड़ा बहुत अनुभव हो। शायद इसी कारण से शुक्रवार को हुए प्रेस क्रांफ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने यह ज़ोर देकर कहा था कि उनकी टीम में छह-सात ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 2015 का विश्व कप फ़ाइनल खेला और जीता था। कमिंस के अनुसार उनकी टीम को इसका फ़ायदा ज़रूर मिलेगा।
जब रोहित से इस बारे में उनका मत पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं समझ सकता हूं कि वह (कमिंस) किस एंगल से इस बात को कह रहे हैं लेकिन मेरी नज़र में यह कहीं से भी उनकी टीम के लिए किसी तरह का फ़ायदा नहीं पहुंचाएगी। ऐसा हो सकता है कि उनके पास फ़ाइनल खेलने का अनुभव है। हालांकि मुझे ऐसा लगता है हम उस विश्व कप के आठ साल बाद की बात कर रहे हैं। ऐसे में उस अनुभव से ज़्यादा ज़रूरी किसी खिलाड़ी का मौजूदा फ़ॉर्म होता है। साथ ही यह भी ज़रूरी होता है कि वह खिलाड़ी अभी किसी तरह की मेंटल स्टेट में हैं। इसलिए मुझे लगता है कि इसका कोई फ़ायदा नहीं होगा।
शुक्रवार को यह भी देखा गया था कि आर अश्विन लेग ब्रेक गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी का काफ़ी अभ्यास कर रहे थे। ऐसे में यह कयास बार-बार लगाए जा रहे थे कि शायद अहमदाबाद में भारत तीन स्पिनरों के साथ मैदान पर उतर सकता है। हालांकि रोहित ने कहा कि इस मामले में उनकी टीम कल फ़ैसला लेगी।
उन्होंने कहा, "अभी हमने ऐसा कोई फ़ैसला नहीं लिया है कि हमारी ग्यारह क्या होगी। अभी 15 में से 12 या 13 खिलाड़ी को चुना गया है। उसी में से कल हमने अपने प्लेइंग 11 के बारे में सोचेंगे। कल हम एक बार फिर से पिच को देखेंगे। हम चाहते हैं कल का विकेट देखने के बाद यह देखें कि सामने वाली टीम की कमज़ोरी या ताक़त क्या हैऔर फिर हम उसी हिसाब से अपना फ़ैसला लेंगे।
इस प्रेस कांफ्रेंस में एक बात ऐसी थी जो बार-बार रोहित से पूछी जा रही थी कि उनकी भावनाएं अभी कैसी हैं। वह क्या सोच रहे हैं? साथ ही अंतिम में एक सवाल यह भी पूछा गया कि क्या 2011 में आपको विश्व कप खेलने का मौक़ा नहीं मिला था और अब आप इस विश्व कप टीम को लीड कर रहे हैं, यह अनुभव कैसा रहा है?
रोहित ने इसके जवाब में कहा, "मैं इसके बारे में बहुत ज़्यादा कुछ नहीं पूछना चाहता। मुझे पता है कि वह इक बहुत ही ज़्यादा भावनात्मक समय था लेकिन मैं उसके बारे में वापस कुछ भी नहीं चाहता। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं विश्व कप फ़ाइनल में टीम की कप्तानी करूंगा लेकिन जब आप बड़े सपने देखते हैं तो कई ऐसे चीज़ें घटित भी होती हैं। हालांकि मुझे पता है कि कल का मैच कितना महत्वपूर्ण हैं, इसी कारण से मैं अभी 2012 के बारे में सोच कर ज़्यादा विचलित नहीं होना चाहता।"
राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.