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जॉस बटलर: टॉस जीत कर पहले गेंदबाज़ी करना एक ग़लत निर्णय था

इंग्लैंड के कप्तान ने कहा है कि अब हमारे पास इस टूर्नामेंट में ग़लती करने की कोई गुंजाइश नहीं है

इंग्लैंड इस विश्व कप में पहले चार मैचों में तीन मैच हार चुका है  Getty Images

जॉस बटलर ने इस बात को स्वीकार किया है कि मुंबई में टॉस जीत कर साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला एक ग़लत निर्णय था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मैच में मिली हार के बाद से उनकी टीम टूर्नामेंट में उस स्थिति में पहुंच गई है, जहां उन्हें अपने विश्व कप के सपने के ज़िंदा रखने के लिए लगभग हर मैच को जीतना होगा।

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साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टॉस जीतने के बाद इंग्लैंड की टीम ने उन्हें पहले बल्लेबाज़ी करने को कहा था। हालांकि इंग्लैंड का यह फ़ैसला सही साबित नहीं हुआ और साउथ अफ़्रीका की टीम ने सात विकेट के नुक़सान पर 399 रन बना दिए। पहाड़ जैसे इस स्कोर तक पहुंचने के लिए साउथ अफ़्रीका की तरफ़ से सबसे पहले रासी वान दर दुसें और रीज़ा हेंड्रिक्स ने शतक लगाया और उसके बाद हेनरिक क्लासेन और मार्को यानसन ने दो कमाल की पारियां खेलीं। क्लासेन सिर्फ़ 61 गेंदों पर अपना शतक लगाया, वहीं यानसन सिर्फ़ 42 गेंदों में 75 रनों की पारी खेली। आख़िरी के 76 गेंदों में क्लासेन और यानसन ने 151 रन बनाए।

पारी के अंत तक इंग्लैंड की टीम गर्मी से भी काफ़ी ज़्यादा परेशान नज़र आ रही थी। सभी गेंदबाज़ लगातार पवेलियन वापस आ-जा रहे थे। आदिल रशीद को पेट में कुछ समस्या हो गई थी। डेविड विली को गेंदबाज़ी करते हुए क्रैंप आ रहे थे और इन सभी चीज़ों के अलावा फ़ॉलो थ्रो में एक गेंद को पकड़ते हुए रीस टॉप्ली उंगली पर गंभीर चोट लग चुकी थी।

मैच के बाद प्रजेंटेशन में जब बटलर से पूछा गया कि क्या पहले गेंदबाज़ी करना एक ग़लती थी, तो उन्होंने कहा: "हां, संभावित रूप से यह एक ग़लत फ़ैसला था। आप हमेशा पीछे मुड़कर देखते हैं और अपने निर्णयों पर विचार करते हैं। जाहिर तौर पर इतनी ज़्यादा गर्मी होने के कारण अविश्वसनीय रूप से कठिन परिस्थितियां हैं। मैदान में हमने इसके असर को अपने खिलाड़ियों पर देखा है। मेरा अब भी मानना ​​है कि अगर यह लक्ष्य 340-350 का होता और हम अच्छी शुरुआत करते तो हम मैच में बने रहते। हालांकि आज के मैच में हमें आक्रमकता के साथ बल्लेबाज़ी करना चाहिए था।"

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तेम्बा बवूमा की जगह साउथ अफ़्रीकी टीम की कमान संभाल रहे ऐडन मारक्रम ने इस संदर्भ में कहा, "हम बटलर के इस फ़ैसले से थोड़े आश्चर्यचकित हुए थे। हमें पता है कि इंग्लैंड की टीम को चेज़ करना पसंद है। हालांकि यह फ़ैसला हमारे हित में गया। इससे हमारे फ़ील्डरों को धूप में फ़ील्डिंग नहीं करनी पड़ी।"

टॉप्ली भले ही अपनी टूटी हुई उंगलियों पर एक स्ट्रेप बांध कर अपना स्पेल पूरा करने में सफल हुए लेकिन यह साफ़ प्रतीत हो रहा था कि अब उनके लिए टूर्नामेंट में आगे का सफर पूरा करना आसान नहीं होने वाला है।

इंग्लैंड की टीम ने अब तक इस विश्व कप में चार मैच खेल चुकी है और उसमें से उन्हें तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। अब उनके लिए टॉप चार टीमों में जगह बनाना काफ़ी मुश्किल हो गया है।

बटलर ने कहा, "अब हमारे पास इस टूर्नामेंट में ग़लती करने की कोई गुंजाइश नहीं है। हमें शायद यहां से हर मैच जीतना होगा।"

अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ करारी हार के बाद इंग्लैंड की टीम ने अपने प्लेइंग XI में तीन बदलाव किए थे। बेन स्टोक्स, गस ऐटकिंसन और डेविड विली को टीम में जगह मिली थी, जबकि सैम करन, क्रिस वोक्स और लियम लिविंगस्टन को बाहर बैठाने का फ़ैसला लिया गया था।

बटलर ने इस बात को अस्वीकार किया कि इन बदलावों के कारण टीम इस तरह की हार का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा, "पहली पारी के दौरान कई चीज़ें हमारे पक्ष में नहीं गई। हमने काफ़ी बढ़िया शुरुआत की थी। हालांकि उसके बाद रीस को चोट लग गई, जिसके बाद हमें यह भी पता नहीं था कि वह मैदान पर वापस आएंगे या नहीं आएंगे। इसी कारण से हम उनके ओवर को भी कवर करने का प्रयास कर रहे थे। इसके अलावा गर्मी के कारण कई खिलाड़ियों को काफ़ी समस्या हो रही थी। 50 ओवर तक उस गर्मी में खेलना काफ़ी कठिन काम था।"

मुझे लगता है कि अगर उनकी टीम को 340-350 के स्कोर तक रोक पाते तो शायद यह एक ऐसा टोटल होता, जिसे हम प्राप्त कर सकते थे। हालांकि वह बड़े स्कोर तक पहुंचने में सफल रहे।"

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