केन विलियमसन : न्यूज़ीलैंड की स्वर्णिम पीढ़ी के लिए अभी सबकुछ समाप्त नहीं हुआ है
न्यूज़ीलैंड के कप्तान ने कहा कि भारत ने 400 रन बोर्ड पर लगाकर हमें मौक़ा नहीं दिया

भारत से बुधवार की रात पहले सेमीफ़ाइनल में 70 रनों से हार के बाद 2023 विश्व कप से बाहर होने के बाद केन विलियमसन ने कहा कि न्यूज़ीलैंड के इस ग्रुप के लिए अभी सब ख़त्म नहीं हुआ है। उनकी यह स्वर्णिम पीढ़ी अभी भी विश्व कप जीत सकती है, लेकिन विलियमसन ने ज़ोर देकर कहा कि उन सभी का भविष्य है।
न्यूज़ीलैंड की टीम इस टूर्नामेंट में सबसे अनुभवी टीम रही है, जिसमें उनके केवल दो ही खिलाड़ी 28 से कम उम्र के हैं और 2027 में होने वाले अगले 50 ओवर के विश्व कप तक उनके अधिकतर खिलाड़ी 35 से 40 साल के बीच होंगे। 34 साल के सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी दोनों बहुत महंगे साबित हुए और दोनों ने कुल मिलाकर 20 ओवर में चार विकेट लिए और 186 रन ख़र्च किए।
विलियमसन ने कहा, "एक टीम के रूप में यह एक निरंतर प्रयास है कि हम बेहतर होने का प्रयास करते रहें और एक टीम के रूप में हम जहां तक पहुंच सकते हैं उसकी सीमाओं को पार करें। आप केवल उम्मीद कर सकते हो कि जिस तरह से हमारे कुछ युवा खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया है, हम ऐसे खिलाड़ी लाना जारी रखें। ना कि केवल अनुभवी सीनियर खिलाड़ी, क्योंकि पिछले सात सप्ताह में हमने देखा है कि उन्होंने कोशिश की है और टीम को आगे ले गए हैं।"
"मुझे लगता है कि कुछ अच्छे संकेत हैं और यह हमने इस दौरान देखा है। अभी सब ख़त्म नहीं हुआ है, लेकिन हमारा फ़ोकस यहीं है। आप इन टूर्नामेंटों में आते हैं और उनमें छोटे अंतर हो सकते हैं जो निर्धारित करते हैं कि आप आगे बढ़े या नहीं, लेकिन आख़िर में यह बात एक समूह के तौर पर आगे बढ़ने और बेहतर टीम बनने के बारे में है।"
विलियमसन ने स्वीकार किया कि भारत ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में उनकी टीम को प्रभावी ढंग से हराया। उन्होंने कहा, "उन्होंने हमें कोई मौक़ा नहीं दिया। मैं समझता हूं कि अगर आप पहले बल्लेबाज़ी करते हो और 400 रन बोर्ड पर बनाते हो तो बल्लेबाज़ी में आप अपना काम पूरा कर लेते हो और आपको सेकंड हाफ़ की ओर देखना होता है। वहां मुश्किल था गेंद स्विंग हो रही थी, तो हमारे लिए मुश्किल था लेकिन श्रेय भारत को जाता है।"
"हमने मिले मौक़ों का अच्छे से फ़ायदा नहीं उठाया जो पहले हाफ़ में रनों की रफ़्तार को रोक सकता था। ऐसा नहीं है कि हमने प्रयास नहीं किया लेकिन यह विरोधी टीम की क्वालिटी है और हम मौक़े ख़ोजते ही रह गए। उन्होंने शुरुआत से बेहतर किया। हमें यह स्वीकार करना होगा और बेहतर टीम बनने का प्रयास करना होगा।"
विलियमसन ने कहा कि अगर वह टॉस जीतते तो वह भी बल्लेबाज़ी करते और मैच की परिस्थिति बदल सकती थी। उन्होंने कहा, "यह इस्तेमाल हुई पिच थी, लेकिन बहुत अच्छा खेल रही थी। परिस्थिति वहां बदली जब रात हुई, तो कोई नहीं यही उम्मीद थी और वे बहुत अच्छा खेले भी।"
"विपक्षी टीम में सिर्फ़ गुणवत्ता थी, हम भी बल्लेबाज़ी करते, लेकिन यह एक सिक्के की उछाल है, है ना? उन्होंने निश्चित रूप से उस अवसर का भरपूर लाभ उठाया। यह सब टॉस पर नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने पास मौजूद परिस्थितियों का सबसे अच्छा उपयोग किया। हम निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे थे लेकिन आज यह हमारे अनुकूल नहीं रहा।"
न्यूज़ीलैंड ने टूर्नामेंट की शुरुआत चार लगातार जीत से की थी लेकिन वे अपने आख़िरी छह में से पांच मैच हारे और उन्हें मैट हेनरी की भी कमी खली। विलियमसन खु़द 10 में से चार मैच ही खेले और स्वीकार किया कि चोटों से पार पाना मुश्किल था।
उन्होंने कहा, "आप नहीं चाहते कि चोट लगे लेकिन तब भी हम अच्छा क्रिकेट खेले और हमें कुछ क़रीबी हार मिली, लेकिन यही ज़िंंदगी है। अधिकांश टीमें किसी भी दिन किसी ना किसी चीज़ से निपट रही होती हैं, लेकिन मुझे लगता है कि हम जिस रवैये के साथ वापसी करते रहे वह अच्छा था।"
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