अप्रोच में बदलाव आया टीम इंडिया को विश्व कप में रास
रोहित शर्मा का आक्रामक अंदाज़ और कोहली के एंकर रोल ने भारतीय बल्लेबाज़ी को मज़बूती प्रदान की है

रविवार को अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ने की तैयारी में जुटी भारतीय टीम इस विश्व कप में अब तक एक भी मैच नहीं हारी है। यह परिणाम उनके माइंडसेट में बदलाव लाने के फ़ैसले का नतीजा है जिस पर उन्होंने सामूहिक तौर पर काम किया है। इसकी पृष्ठभूमि पिछले साल एडिलेड से शुरू होती है जहां उन्हें टी20 विश्व कप सेमीफ़ाइनल में इंग्लैंड के हाथों 10 विकेटों की शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी।
रोहित शर्मा और उनका आक्रामक अंदाज़
भारतीय टीम के अप्रोच में आए बदलाव की सबसे अहम कड़ी टीम के कप्तान रोहित शर्मा हैं जो पावरप्ले में जोख़िम भरे शॉट्स खेलने से परहेज़ नहीं कर रहे हैं। उदाहरण के तौर पर न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल मैच को ही लीजिए, ट्रेंट बोल्ट की स्विंग को काटने के लिए रोहित ने उन्हें थ्रू द लाइन खेला और उसी गेंदबाज़ की गेंद को वह मिडविकेट के ऊपर से फ़्लिक भी कर रहे थे। सिर्फ़ छह ओवर के अंदर ही भारतीय टीम का स्कोर 50 के आंकड़े को पार कर चुका था।
रोहित ने उस दिन भी उसी शैली में ही बल्लेबाज़ी की जैसा वह इस टूर्नामेंट की शुरुआत से ही करते आ रहे थे। इस विश्व कप में पावरप्ले के दौरान भारत का ही स्ट्राइक रेट सर्वाधिक है। भारत ने पहले 10 ओवर में 109 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। पावरप्ले में भारतीय टीम द्वारा बनाए गए आधे से ज़्यादा रन (354) रोहित ने ही बनाए हैं। रोहित ने विश्व कप के एक संस्करण में सबसे ज़्यादा छक्के भी लगाए हैं।
कोहली का एंकर रोल
विराट कोहली के एंकर रोल ने भारतीय बल्लेबाज़ी को काफ़ी मज़बूत प्रदान की है। वह ना सिर्फ़ एकदिवसीय शतकों के मामले में सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ चुके हैं बल्कि विश्व कप के एक संस्करण में सबसे ज़्यादा रन भी अब उनके नाम हो गए हैं।
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहले ही मैच में एक छोटे टोटल का पीछा करते हुए भारत ने दो रन के स्कोर पर अपने तीन विकेट गंवा दिए थे। ऐसी मुश्किल परिस्थिति में कोहली ने के एल राहुल को कुछ देर के लिए टेस्ट क्रिकेट की तरह खेलने की सलाह भी दी थी। हालांकि मिचेल मार्श ने उन्हें शुरुआत में ही जीवनदान दे दिया लेकिन सेट होने के बाद कोहली ने 85 रनों की पारी खेलकर ही मैदान से विदा लिया और भारत के खाते में पहली जीत दर्ज कराने में भी एक अहम भूमिका निभाई। पूरे टूर्नामेंट में कोहली ने इसे बरकरार रखा और इसलिए वह इस टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी हैं।
शमी बुमराह का कमाल
विश्व कप में भारत के लिए सबसे ज़्यादा चिंता का सबब बल्लेबाज़ी क्रम में गहराई को सुनिश्चित करना था। हालांकि इसके चलते भारत को अपनी गेंदबाज़ी लाइन अप में गहराई से समझौता करना पड़ रहा था। बांग्लादेश के ख़िलाफ़ हार्दिक पंड्या के चोटिल होने के बाद भारत ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पांच गेंदबाज़ मैदान में उतारे और उसी मैच में भारत को एक अतिरिक्त बल्लेबाज़ की कमी खल गई। हालांकि जसप्रीत बुमराह की 25 गेंदों पर खेली गई 16 रनों की पारी ने भारत को 229 के स्कोर तक पहुंचा दिया।
यह पहली बार था जब इस टूर्नामेंट में भारत लक्ष्य का बचाव कर रहा था। शुरुआत में बुमराह द्वारा बनाए गए दबाव को मोहम्मद शमी ने ढीला नहीं पड़ने दिया और इंग्लैंड के मध्य क्रम को तहस नहस कर दिया। शमी और बेन स्टोक्स के बीच गेंद और बल्ले के साथ चली जंग रिकी पोंटिंग और इशांत शर्मा की भिड़ंत से कम नहीं थी।
बुमराह ने मैच के हर चरण में अपना प्रभाव छोड़ा है। इस टूर्नामेंट में पावरप्ले के दौरान उनकी इकोनॉमी 3.13 है जो कि मैच के इस चरण में किसी भी गेंदबाज़ का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
पिछले छह मैचों से भारतीय टीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है। शमी पहले चार मैच नहीं खेल पाए थे लेकिन इसके बावजूद वह इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं। शमी ने इस टूर्नामेंट में तीन बार पांच या उससे ज़्यादा विकेट लिए हैं जो कि विश्व कप के किसी एक संस्करण में सर्वाधिक है।
वापसी की कहानियां
राहुल मई में चोटिल हो गए थे और श्रेयस अय्यर भी पीठ की चोट से जूझ रहे थे। हालांकि अगस्त महीने में उन्हें फ़िट घोषित कर दिया गया लेकिन मैच फ़िट होने के लिए राहुल को अब भी समय लगने वाला था। जिसके चलते उन्हें एशिया कप के शुरुआत मैचों को मिस करना पड़ा। राहुल विश्व कप में विकेटकीपिंग करने वाले थे, ऐसे में बिना मैच प्रैक्टिस के विकेटकीपिंग करना आसान नहीं रहने वाला था। हालांकि एशिया कप में सुपर फ़ोर स्टेज में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच से ठीक पहले पहले अय्यर को पीठ में शिकायत महसूस हुई और राहुल जो कि अपनी किट लेकर भी मैदान में नहीं आए थे, उन्हें खेलने का अवसर मिल गया। राहुल ने उस मैच में शतक लगाकर अपनी धमाकेदार वापसी के संकेत दे दिए।
अय्यर को दोबारा टीम में अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए नए सिरे से मेहनत करनी थी। अय्यर ने वापसी की और ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में उन्होंने शतक भी लगाया। हालांकि विश्व कप के शुरुआती मैचों में वह अपने बल्ले से प्रभावित नहीं कर पाए। लेकिन पिछले लागतार चार मैच में उनके नाम अब 75 से अधिक स्कोर हैं और जिसमें नीदरलैंड्स और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ लगाए गए लगातार दो शतक भी शामिल हैं।
वापसी की इस सूची में शुभमन गिल का नाम भी शामिल है जो कि डेंगू के चलते पहले दो मैच नहीं खेल पाए थे। हालांकि भारत के शीर्ष पांच में शुभमन ही वह बल्लेबाज़ हैं जिनके नाम इस टूर्नामेंट में शतक नहीं है लेकिन उनके चारों अर्धशतक पर शतक की छाप तो है ही। दो शाम पहले ही वह 79 रन के स्कोर पर रिटायर हर्ट हो गए थे, जब दोबारा बल्लेबाज़ी के लिए आए तब भारतीय पारी का अंतिम ओवर चल रहा था। फ़ाइनल में शुभमन अहमदाबाद में बल्लेबाज़ी करेंगे जो कि उन्हें काफ़ी रास आता है। उन्होंने इस साल अहमदाबाद में तीन शतक लगाए हैं, जिसमें एक शतक उसी आक्रमण के ख़िलाफ़ आया था जिसका सामना उन्हें रविवार को करना है।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं
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