शुभमन गिल के क्रैंप की वजह डेंगू के बाद का प्रभाव
शुभमन ने कोहली पर कहा कि जब भी वह मैदानपर आते हैं तो कुछ ख़ास करते हैं

डेंगू की वजह से शुभमन गिल विश्व कप की शुरुआत में नहीं खेल पाए थे और बुधवार को मुंबई में हुए सेमीफ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ रिटायर हर्ट होना इसकी ही वजह थी।
भारत की पारी के 23वें ओवर में गिल 79 रन पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे, जब उन्हें बाहर जाना पड़ा था। उन्होंने मैच के बाद पुष्टि की कि वह 19 नवंबर को अहमदाबाद में होने वाले फ़ाइनल में खेलने के लिए फ़िट हैं।
शुभमन ने पत्रकार वार्ता में कहा, "शुरुआत क्रैंप से हुई थी और इसके बाद मुझे थोड़ी हैमस्ट्रिंग भी हो गई थी। एक तो गर्मी बहुत थी और दूसरा यह डेंगू का बाद का प्रभाव भी था।"
पहले दो लीग मुक़ाबले नहीं खेलने के बाद गिल टीम में वापस लौटे थे और तब से वह आठ मैच खेल चुके हैं। जहां उन्होंने बताया कि इससे उनके गेम पर तो कोई प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन उनका वजन जरूर थोड़ा घटा है।
उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैंने अपनी बल्लेबाज़ी के मामले में वास्तव में कुछ भी बदलाव नहीं किया है, लेकिन क्योंकि मेरी मांसपेशियां थोड़ी कम हो गई हैं, मुझे लगता है कि डेंगू से पहले मेरे पास जो रिजर्व था वह थोड़ा कम हो गया है। जब आप गर्मी में खेलते हैं तो आपको क्रैंप आते हैं लेकिन मुझे यह लंबे समय बाद हुआ है। लेकिन क्योंकि मेरी मासपेशियां थोड़ी कम हुई है तो इससे दिक्कत हुई।"
भारत ने विराट कोहली और श्रेयस अय्यर के शतकों की वजह से चार विकेट पर 397 रन बनाए वहीं क्रैंप के बाद शुभमन अंत में बल्लेबाज़ी करने आए और एक रन बनाया। शुभमन सेमीफ़ाइनल में जीत में योगदान देने पर खुश दिखे।
शुभमन ने कहा, "यदि मुझे क्रैंप नहीं आता तो हो सकता है मैं शतक बना पाता। लेकिन हम जिस स्कोर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, मैं शतक बनाता या नहीं हम वहां तक पहुंच गए। हम 400 की उम्मीद में थे, हमने उम्मीद की थी कि 25 से 30 ओवर के बीच हमें तेज़ी से रन बनाने चाहिए और हमने ऐसा किया तो कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि मैंने शतक बनाया या नहीं।"
कोहली की 117 रन की पारी उनका वनडे का 50वां शतक था, जिससे वह सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों के रिकॉर्ड को तोड़ गए। जब शुभमन से कोहली के साथ खेलने के अनुभव पर पूछा तो उन्होंने कहा कि सफल होने की उनकी भूख उन्हें प्रेरित करती है।
उन्होंने कहा, "आप जानते हैं जब भी वह मैदान में जाते हैं तो कुछ ख़ास करते हैं और वह 10 से 15 वर्षों से यह लगातार कर रहे हैं जो प्रेरित करती है। और मुझे लगता है मेरे लिए यह कौशल के बारे में नहीं बल्कि वह भूख है जो उनके अंदर है, जिस इरादे से वह मैच खेलते हैं वह मुझे प्रेरित करता है। और लंबे समय तक इसी तरह से खेलने की उनकी कला मुझे बेहद प्रेरित करती है।"
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