आईसीसी ने सॉफ़्ट सिग्नल के नियम को किया समाप्त
संदेहास्पद कैच के लिए अब ऑन फ़ील्ड अंपायर सीधे टीवी अंपायर से सलाह लेंगे

आईसीसी ने सॉफ़्ट सिग्नल के नियम को समाप्त कर दिया है। संदेहास्पद कैचों के लिए अब ऑन फ़ील्ड अंपायर को टीवी अंपायर को रेफ़र के लिए सॉफ़्ट सिग्नल देने की ज़रूरत नहीं होगी। यह नियम 1 जून, 2023 से लागू हो जाएगा।
ऑन फ़ील्ड अंपायर अब किसी भी संदेहास्पद कैच के लिए सीधा टीवी अंपायर से सलाह लेंगे। आईसीसी पुरुष क्रिकेट कमेटी ने इस नियम में बदलाव की सिफारिश की थी।
सॉफ़्ट सिग्नल के नियम को 2021 से ही आईपीएल में समाप्त कर दिया गया था। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में यह अभी भी जारी था। ऑन फ़ील्ड अंपायर के कैच को लेकर स्पष्टता के इतर टीवी अंपायर को ऑन फ़ील्ड अंपायर के सॉफ़्ट सिग्नल को पलटने के लिए ठोस सबूत की ज़रूरत पड़ती थी।
आईसीसी पुरुष क्रिकेट कमेटी के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा, "कमेटी ने इस पर विचार किया और हम इस नतीजे पर पहुंचे कि सॉफ़्ट सिग्नल की आवश्यकता नहीं है क्योंकि कई बार भ्रामक सिद्ध हो सकते हैं, कई बार रिप्ले में कैच की स्पष्टता को लेकर संशय बरक़रार रहता है।"
आईसीसी द्वारा यह कहने पर कि फ़्री हिट रूप में मामूली परिवर्तन किया गया है, थोड़ी देर के लिए भ्रम की स्थिति भी पैदा हो गई। हालांकि रिलीज़ के तुरंत बाद ही आईसीसी की गवर्निंग बॉडी ने यह स्पष्ट किया कि फ़्री हिट में बोल्ड होने के बाद बल्लेबाज़ द्वारा भागने वाले रन बाय के तौर पर ही गिने जाएंगे। उन्हें बल्लेबाज़ के ख़ाते में नहीं गिना जाएगा। पिछले टी20 विश्व कप के दौरान एमसीजी में विराट कोहली मोहम्मद नवाज़ की फ़्री हिट गेंद पर बोल्ड हो गए थे। हालांकि यह गेंद स्टंप्स पर लगाकर डीप थर्ड मैन पर चली गई और इतने में बल्लेबाज़ तीन रन दौड़ गए।
नए नियमों में आईसीसी ने हाई रिस्क पॉज़िशन में फ़ील्डरों के लिए हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसमें तेज़ गेंदबाज़ी के दौरान बल्लेबाज़ों के लिए, विकेटकीपर के स्टंप्स पर आकर खड़े होने के लिए और विकेट के सामने बल्लेबाज़ के ठीक क़रीब खड़े होने के लिए फ़ील्डरों को अनिवार्य रूप से हेलमेट लगाना होगा।
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