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राहत की सांस ले रहे हैं भारत के गेंदबाज़ी कोच पारस म्हाम्ब्रे

फुल स्ट्रेंथ वाली गेंदबाज़ी इकाई के बारे में म्हाम्ब्रे ने कई बातें खुल कर बताई हैं

दीप दासगुप्ता : मैं एक बार फिर कहूंगा ये टूर्नामेंट शुभमन गिल का होने वाला है

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पुणे में खेले जाने वाले विश्व कप 2023 के 17वें मुक़ाबले भारत vs बांग्लादेश का प्रीव्यू दीप दासगुप्ता के साथ

जब आप भारत के गेंदबाज़ी कोच पारस म्हाम्ब्रे से मौजूदा गेंदबाज़ी इकाई के बारे में कुछ पूछते हैं तो उनके जवाबों से साफ़ प्रतीत होता है कि वह राहत की सांस ले रहे हैं। भारत पिछले तीन वर्षों के दौरान चोटों के एक अजीब दौर से गुजर रहा है, लेकिन विश्व कप के लिए जसप्रीत बुमराह की वापसी एक वरदान की तरह है।

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इस संदर्भ में जब महाम्ब्रे से पूछा गया तो उन्होंने अपनी राहत को छिपाने का कोई प्रयास नहीं करते हुए कहा, "मुझसे इसके बारे में पूछो यार… पिछले कुछ वर्षों से हमें काफ़ी कठिन दौर से गुजरना पड़ा है। बुमराह जैसे खिलाड़ी का टीम में न होना, निश्चित तौर पर आपकी मुश्किलों को बढ़ाता है। आपने उन्हें पिछले तीन मैचों में देख कर यह जान ही लिया होगा कि वह किस स्तर के गेंदबाज़ हैं। पावरप्ले में वह आपको विकेट देते हैं, बीच के ओवरों में गेंदबाज़ी करने के लिए भी वह अच्छी तरह से अनुकूलित हैं और डेथ ओवरों के दौरान तो वह एक बेहतरीन गेंदबाज़ी विकल्प हैं। हमने उन्हें काफ़ी मिस किया है।"

म्हाम्ब्रे ने बुमराह की इस वापसी के लिए एनसीए और टीम दोनों के मेडिकल स्टाफ़ को श्रेय दिया है। उन्होंने कहा, "हमें एनसीए के स्टाफ़, चिकित्सा विभाग, वहां और यहां के फ़िजियो को भी श्रेय देना चाहिए। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में पर्दे के पीछे से वास्तव में कड़ी मेहनत की है।"

जब बुमराह पीठ के स्ट्रेस फ्रैक्चर से ठीक होने के लिए सर्जरी के लिए गए थे और क्रिकेट से दूर थे तो सिराज ने भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई और काफ़ी अच्छा प्रदर्शन भी किया। भले ही इस विश्व कप में पूरी लय में नहीं दिख रहे हैं लेकिन पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पहले दो ओवर में 18 रन देने के बाद उन्होंने जिस तरह से वापसी की, उससे मैनेजमेंट काफ़ी ख़ुश है।

सिराज की गेंद पहले कुछ मैचो में ज़्यादा स्विंग नहीं कर रही है और शायद उसी कारण से उन्हें ज़्यादा विकेट नहीं मिल रही है। साथ ही वह महंगे भी रहे हैं लेकिन यह मैच भी ऐसी पिचों पर थे, जहां तेज़ गेंदबाज़ों के लिए कुछ ख़ास मदद नहीं थी। हालांकि भारत के मैचों के अगले सेट में केवल वे स्थान शामिल हैं जहां इस विश्व कप में गेंद अच्छी-ख़ासी स्विंग हुई है। वे धर्मशाला में न्यूज़ीलैंड और लखनऊ में इंग्लैंड से भिड़ेंगे। इन दोनों स्थानों पर तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिली है। यहां तक ​भारत-बांग्लादेश का मैच भी पुणे में खेला जाएगा, जहां मैदान पर काफ़ी ज़्यादा खुले हुए हिस्से हैं और तेज़ हवाएं मैदान पर आती रहती हैं, ऐसे में तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिल सकती है।

म्हाम्ब्रे ने मोहम्मद शमी को बाहर रखने के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, "यह कभी भी आसान निर्णय नहीं होता है। लेकिन मुझे लगता है कि हमने उनके साथ स्पष्ट बातचीत की है। जब भी हम किसी टीम का चयन करते हैं तो हमारी ओर से संदेश बिल्कुल स्पष्ट होता है। हम ऐसी टीम चुनते हैं जो हमें लगता है कि उस विकेट के लिए सर्वश्रेष्ठ है।"

"हमने उनसे हर बात साफ़ तरीक़े से की है। कभी उनके जैसे खिलाड़ी को मौक़ा नहीं मिलेगा तो कभी अश्विन को मौक़ा नहीं मिलेगा। ईमानदारी से कहूं तो वह टीम में जो गुणवत्ता लेकर आते हैं, उसे देखते हुए यह निर्णय लेना काफ़ी कठिन है। लेकिन जब आपको सिर्फ़ 11 खिलाड़ियों के साथ खेलना है तो एक अंतिम फ़ैसले पर आकर रूकना ही होगा।"

Paras MhambreyJasprit BumrahBangladeshIndiaIndia vs BangladeshICC Cricket World Cup

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के अस्सिटेंट एडिटर हैं