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विश्व कप टॉप 5 : मियांदाद का मंकी जंप, सोहेल-वेंकटेश विवाद समेत भारत-पाक भिड़ंत की खट्टी-मीठी यादें

सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और वेंकटेश प्रसाद ने विश्व कप में हमेशा बढ़ाई है पाकिस्तान की मुश्किलें

आमेर सोहेल का विकेट लेने के बाद वेंकटेश प्रसाद  Getty Images

भारत और पाकिस्तान विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े चिर प्रतिद्वंद्वियों में से एक हैं। दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे ना होने के चलते यह दो बड़े चिर प्रतिद्वंद्वी किसी मल्टी नेशन टूर्नामेंट में ही एक दूसरे के ख़िलाफ़ खेलते दिखाई देते हैं। दोनों मुल्कों के फैंस को इस मुक़ाबले का इंतज़ार रहता है।

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14 अक्टूबर को अहमदाबाद में यह दोनों टीमें एक बार फिर क्रिकेट के सबसे बड़े मंच पर एक दूसरे के सामने होंगी। हालांकि, वनडे विश्व कप में पाकिस्तान अब तक भारत को हरा नहीं पाया है। क्रिकेट के सबसे बड़े पर्व में इन दोनों चिर प्रतिद्वंद्वियों की प्रतिद्वंद्विता की यादों को पांच प्रदर्शनों के ज़रिए ताज़ा करते हैं।

मियांदाद का मंकी जंप, 1992

Javed Miandad acrobatically imitates the over-enthusiastic Kiran More  PA Photos

भारत और पाकिस्तान के बीच वनडे विश्व कप में अब तक कुल सात मुक़ाबले खेले गए हैं। हालांकि इस टूर्नामेंट में इन दोनों टीमों का पहली बार आमना सामना विश्व कप के पांचवें संस्करण में हुआ। 4 मार्च, 1992 को सिडनी के मैदान पर हुए इस मुक़ाबले को भारतीय टीम ने 43 रन से जीता था। इस मैच के हीरो उस समय के उभरते हुए सितारे सचिन तेंदुलकर थे। सचिन ने अर्धशतक बनाने के साथ ख़तरनाक लग रहे आमेर सोहेल का विकेट भी लिया था।

हालांकि, इस मैच को जावेद मियांदाद और किरण मोरे के बीच हुए विवाद को लेकर भी याद किया जाता है। मियांदाद विकेट के पीछे से गेंदबाज़ों की हौसला अफज़ाई कर रहे मोरे से बुरी तरह से चिढ़ गए थे। सचिन की एक गेंद को उन्होंने मिड ऑफ़ पर खेलकर सिंगल चुराने की कोशिश की, लेकिन उन्हें वापस क्रीज़ में आना पड़ा था। मियांदाद क्रीज़ में पहुंच गए थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने कुछ ऐसा किया जो आज भी याद किया जाता है। मोरे के सामने जाकर मियांदाद दो-तीन बार कूदे और इसे ही मंकी जंप का नाम दे दिया गया।

जाडेजा का तूफ़ान, 1996

यह पारी जाडेजा की सबसे यादगार पारियों में से एक है  Graham Chadwick / Getty Images

अजय जाडेजा ने 1992 में सिडनी के मैदान पर भी सलामी बल्लेबाज़ी करते हुए 46 रन बनाए थे, लेकिन 1996 विश्व कप में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में जाडेजा की 25 गेंदों पर 46 रनों की खेली गई पारी ज़्यादा यादगार है। जाडेजा जब बल्लेबाज़ी करने आए थे तब भारतीय पारी में सिर्फ़ 51 गेंदें बची हुई थीं और भारतीय पारी को एक अच्छा फ़िनिश देने की ज़िम्मेदारी उनके ऊपर थी। जाडेजा ने सिर्फ़ 25 गेंदों पर 45 रन बनाकर पाकिस्तान के सामने एक मुश्किल लक्ष्य रखने में अहम भूमिका निभाई थी।

आमेर सोहेल का विकेट लेने के बाद वेंकटेश प्रसाद  Getty Images

हालांकि, इस मुक़ाबले को आमेर सोहेल और वेंकटेश प्रसाद के बीच हुए विवाद के लिए भी याद किया जाता है। पाकिस्तान ने तेज़ शुरुआत की थी और एक ओवर में प्रसाद की पहली गेंद पर सोहेल ने चौका जड़ते हुए बाउंड्री पर जाकर गेंद लाने का इशारा भी किया था। लेकिन इसकी ठीक अगली गेंद पर प्रसाद ने सोहेल को बोल्ड कर दिया और उन्हें पवेलियन जाने का इशारा कर दिया।

प्रसाद ने पाक को चखाया हार का स्वाद, 1999

प्रसाद और सोहेल के बीच हुए विवाद के परे मैनचेस्टर का मुक़ाबला प्रदर्शन के लिहाज़ से प्रसाद के लिए ज़्यादा यादगार होगा। 1999 विश्व कप के मैच में भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 227 रन ही बनाए थे। पाकिस्तान की मज़बूत बल्लेबाज़ी को देखते हुए इस स्कोर का बचाव करना इतना आसान नहीं था। लेकिन प्रसाद ने अकेले पाकिस्तान की आधी टीम को पवेलियन लौटा दिया। प्रसाद ने सईद अनवर, सलीम मलिक, इंज़माम-उल-हक़, मोईन ख़ान और वसीम अकरम का विकेट लिया और प्लेयर ऑफ़ द मैच भी बने। मैनचेस्टर में ही इस प्रदर्शन के ठीक 20 साल बाद भारत को विश्व कप में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपना दूसरा शतकवीर भी मिलने वाला था।

सेंचुरियन का असली सेंचुरियन, 2003

कवर ड्राइव खेलते सचिन तेंदुलकर  Reuters

2003 विश्व कप में साउथ अफ़्रीका के सेंचुरियन में भारतीय टीम को पाकिस्तान ने सईद अनवर के शतक की बदौलत 273 रनों का लक्ष्य दिया था। जवाब में भारतीय पारी शुरू में ही लड़खड़ा गई। वीरेंद्र सहवाग और तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली सस्ते में पवेलियन लौट गए। हालांकि सचिन की 98 रनों की पारी ने भारत को संकट से उबार दिया, जिसके बाद राहुल द्रविड़ और युवराज सिंह ने मिलकर भारत का बेड़ा पार लगाया था।

सचिन शतक से चूक गए थे लेकिन उनकी यह पारी शतक से कम नहीं थी और वह प्लेयर ऑफ़ द मैच बने। अगली बार 2011 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच भिड़ंत हुई तब सेमी फ़ाइनल में सचिन की 85 रनों की पारी की बदौलत भारत पाकिस्तान के सामने एक फ़ाइटिंग टोटल खड़ा कर पाया।

भारत का पहला शतकवीर, 2015

एडिलेड कोहली के पसंदीदा मैदानों में से एक है  AFP/Getty Images

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत ने अब तक वनडे विश्व कप में पांच मुक़ाबले खेले थे लेकिन अब तक भारत का एक भी बल्लेबाज़ पाकिस्तान के ख़िलाफ़ इतने बड़े मंच पर शतक नहीं जड़ पाया था। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ विश्व कप में भारत की ओर से पहला शतक विराट कोहली के पसंदीदा मैदानों में से एक एडिलेड में आया। 2015 विश्व कप के मैच में कोहली की 107 रनों की पारी में शिखर धवन और सुरेश रैना के साथ दो अहम साझेदारियां भी थीं।

कोहली के शतक और धवन तथा रैना के अर्धशतकों की बदौलत भारत ने 300/7 का बड़ा स्कोर खड़ा किया था। जवाब में पाकिस्तानी टीम 224 के स्कोर पर सिमट गई थी और भारत ने मुकाबला 76 रनों से जीता था।

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