केएल राहुल : हर कोई संपन्न नहीं होता लेकिन मैं अपने स्ट्राइक रेट पर काम कर रहा हूं
भारतीय ओपनर ने कहा कि सभी अच्छा करना चाहते हैं, लेकिन जब नहीं होता तो सबसे ज़्यादा अख़रता है

केएल राहुल अपने स्ट्राइक रेट पर काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि उनकी ओलचना बेवज़ह की गई है। ऑस्ट्रेलिया से पहले टी20 मुुक़ाबले से एक दिन पहले राहुल ने कहा, "देखिए यह कुछ ऐसा है जिस पर हर खिलाड़ी काम करता है। हर कोई सटीक नहीं होता है, ड्रेसिंग रूम में हर कोई बेहतरीन नहीं होता है। हर कोई किसी ना किसी चीज़ पर काम कर रहे होते हैं। हर किसी के पास एक रोल होता है करने को। बिल्कुल कुल मिलाकर स्ट्राइक रेट को देखा जाता है। आपने कभी नहीं देखा कि वह बल्लेबाज़ कब एक निश्चित स्ट्राइक-रेट पर खेला है, क्या उसके लिए 200 स्ट्राइक-रेट पर खेलना महत्वपूर्ण था या फिर टीम को 100-120 स्ट्राइक-रेट पर खेलकर जीत दिलाई। तो ये ऐसी चीज़ें हैं जिनका विश्लेषण हर कोई नहीं करता है या अगर आप इसे देखते हैं, तो यह धीमा दिखता है।"
उन्होंने कहा, "हां मैं इस पर काम कर रहा हूं। जो भी रोल हर खिलाड़ी को पिछले 10-12 महीनों में दिया गया है वह साफ़ है। और खिलाड़ी जानते हैं कि उनसे क्या उम्मीद हैं और खिलाड़ी इस ओर काम कर रहे हैं। मैं इस पर काम कर रहा हूं कि कैसे ख़ुद को बेहतर ओपनिंग बल्लेबाज़ बना सकूं। और जब भी मैं खेलूं तो उसका टीम पर अच्छा प्रभाव पड़े।"
राहुल का स्ट्राइक रेट हमेशा से ही उनकी समस्या रहा है और उनका इसको लेकर थोड़ा डिफ़ेंसिव होना आम था। जब उनसे आलोचना का सवाल किया गया तो तो उन्होंने रिपोर्टर से पूछा कि किस तरह की आलोचना, जहां उन्होंने कहा कि यह आलोचना बेवज़ह की है। हालांकि, टीम प्रबंधन ने उन पर विश्वास जताया है, उस पर राहुल ने कहा कि वह विश्व कप खेलेंगे और ओपन करेंगे।
राहुल ने लगातार हो रही आलोचना और टीम के दिए जा रहे सपोर्ट पर कहा, "जब रिपोर्टर ने आलोचना के बारे में पूछा तो मैं पूछा किस बारे में। ऐसा इसी वजह से क्योंकि हम लोग कई कारणों से आलोचना झेलते हैं, लेकिन खिलाड़ी के लिए सबसे अहम यह है कि ड्रेसिंग रूम में कप्तान, कोच और उसके साथी खिलाड़ी उसके बारे में क्या सोचते हैं।"
"और यह केवल समझ सकते हैं कि हर खिलाड़ी से किस रोल की उम्मीद है। हर कोई अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश कर रहा है और हर बार कोई खिलाड़ी सफल नहीं होता है। और हमने ऐसा माहौल बनाया है कि खिलाड़ी खेलने से नहीं डरते, या खिलाड़ी ग़लतियां करने से नहीं डरते। हमारे लिए यह ऐसा है कि हमने क्या करने का सपना देखा है। हम अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हम मैच जीतना चाहते हैं, हम विश्व कप जीतना चाहते हैं और यही सब हमारे दिमाग़ में चलता है। जब हम अच्छा नहीं करते हैं तो यह बहुत अख़रता है।
उन्होंने कहा, "हमारे लिए हमारी टीम में जो चल रहा है वह सबसे महत्वपूर्ण है। हमारे पास एक नेतृत्वकर्ता है, हमारे पास एक कोच है, हमारे पास एक सपोर्ट स्टाफ़ है जो खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रहा है, न केवल जब वे अच्छा करते हैं, बल्कि तब भी जब वे कठिन समय से गुज़र रहे होते हैं, तब भी खिलाड़ियों की सराहना करते हैं। यही एक खिलाड़ी देखना चाहता है। यही हर एक खिलाड़ी मैदान पर देखना चाहता है। थोड़ा बहुत समर्थन, थोड़ा बहुत ध्यान जब कोई बुरे समय से गुज़र रहा हो, जब किसी का अच्छा मैच नहीं गया हो। यही सब मुझे मिला है, यही टीम में हर खिलाड़ी को मिला है। एक टीम के तौर पर हम यही चाहते हैं। और ठीक यही हम हैं। यह कुछ ऐसा है जिसे हम बनाने की कोशिश करते हैं। व्यक्ति ग़लतियां करेंगे और इससे सीखेंगे जब वातावरण ऐसा होगा कि आपको वहां जाने और खु़द को व्यक्त करने के लिए समर्थन और स्वतंत्रता मिले, तो इससे अच्छा कुछ नहीं है।"
स्ट्राइक-रेट की बहस अक्सर पीछा करते समय सामने नहीं आती है, लेकिन जब पहले बल्लेबाजी करने वाली टीमें बीच में ज़्यादा विकेट गंवा देती हैं, तेज़ी से रन नहीं बना पाती हैं, ख़ासकर उन परिस्थितियों में जहां दूसरी बल्लेबाज़ी करना आसान हो जाता है। राहुल से पूछा गया कि जब वह पहले बल्लेबाज़ी के लिए जाते हैं तो उनका दृष्टिकोण कैसा रहता है।
राहुल ने कहा, "यह टी20 क्रिकेट है और जितना आप खेलते हो उतना ही आप खेल से जुड़ते हो, पहले बल्लेबाज़ी हो या दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी, मैच के किसी भी स्तर पर आपको आक्रामक रहना हेता है, आपको ऐसा माइंडसेट रखना होता है कि आप बाउंड्री के लिए देखो।"
"यही चीज़ मेरे साथ है जब मैं ओपनिंग करने जाता हूं। जब आप पहले बल्लेबाज़ी कर रहे होते हो तो आप खु़द को, पिच को समझने के लिए तीन से चार गेंद का समय देते हो। और तब आप सोचते हो कि गेंदबाज़ों पर दबाव बनाया जाए, कैसे पावरप्ले का इस्तेमाल किया जाए, कैसे टीम को एक अच्छी शुरुआत दिलाई जाए। यही चीज़ें आपके दिमाग़ में चल रही होती हैं, आप अपने साथी से बात करते हो, आप एक दूसरे की मदद करते हो। आप पिच के बारे में बातचीत करते हो, आप कैसे शॉट खेल सकते हो, किन एरिया को निशाना बनाया जा सकता है, यही सब चीज़ों पर आप एक दूसरे से बात करते हो और प्लान के तहत जाते हो।"
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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