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राहुल : सूर्यकुमार खेल पर बड़ा प्रभाव छोड़ते हैं

प्‍लेयर ऑफ़ द मैच ने कहा कि टीम 180-185 तक दिमाग़ में रख कर चल रही थी

केएल राहुल ने ख़ुद की पारी से अहम सूर्यकुमार की पारी को बताया  Gallo Images/Getty Images

केएल राहुल ने चुटकी लेते हुए कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैं हैरान हूं कि मुझे यह (प्लेयर ऑफ़ द मैच) मिल रहा है"

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साउथ अफ़्रीका के ख़‍िलाफ़ गुवाहाटी में भारत ने दूसरे टी20 में तीन विकेट पर 237 रन बनाए और केएल राहुल को 28 गेंद में उनकी 57 रनों की पारी की ही बदौलत प्‍लेयर ऑफ़ द मैच का पुरस्‍कार मिल गया। इस जीत के साथ भारत ने सीरीज़ में 2-0 की अजेय बढ़त बना ली है।

पारी की शुरुआत में भारत अपना टैंपों नहीं बना पा रहा था और राहुल को लगा कि पिच पर गेंद रुककर और ग्रिप के साथ आ रही थी और उनकी 28 गेंद में 57 रन की पारी की जगह सूर्यकुमार यादव के कारनामे को अहमियत देनी थी।

टी20 अंतर्राष्‍ट्रीय में नंबर दो के बल्‍लेबाज़ सूर्यकुमार ने 12वें ओवर में आते ही साउथ अफ़्रीका के बल्‍लेबाज़ों पर आक्रमण शुरू कर दिया था। उन्‍होंने मात्र 18 गेंद में अर्धशतक पूरा किया और 22 गेंद में 61 रन की पारी खेली। उनकी इस पारी में 360 डिग्री गेम देखने को मिला। उन्‍होंने पांच चौके और पांच छक्‍के लगाए।

राहुल ने पुरस्‍कार मिलने पर कहा, "दिल से कहूं तो पहले दो तीन ओवरों में रोहित और मेरे बीच जो बात हुई वह विकेट पर गेंद के रुककर आने को थी, ख़ासकर धीमी गति की गेंद के साथ ऐसा हो रहा था, तो हम दिमाग़ में 180-185 रनों की सोचकर चल रहे थे अगर हम अच्‍छी बल्‍लेबाज़ी करते, लेकिन खेल आपको हमेशा चौंकाता है। सच कहूं तो मैं इस पुरस्‍कार को लेकर अचंभित हूं। मुझे लगता है कि सूर्य ने जिस तरह से बल्‍लेबाज़ी की उन्‍होंने खेल पर बहुत बड़ा प्रभाव छोड़ा और उन्‍होंने ही खेल को बदला।"

राहुल उस समय चौंक गए जब उन्‍हें बताया कि यह फ़ैसला पूर्व ओपनिंग बल्‍लेबाज़ सुनील गावस्‍कर ने लिया है क्‍योंकि जो रोल उन्‍होंने निभाया वह बहुत मुश्किल था। राहुल ने मुस्‍कुराते हुए कहा, "हम ओपनिंग बल्‍लेबाज़ अपना काम मुश्किल समझते हैं, लेकिन वनडे में कुछ पारियां मध्‍य क्रम में खेलकर मुझे लगा कि वह भी मुश्किल काम है। जैसा मैंने कहा कि सूर्य ने बड़ा प्रभाव छोड़ा, जिस तरह से विराट कोहली ने बल्‍लेबाज़ी की तो यह दिनेश कार्तिक के लिए भी मुश्किल था कि उनके पास ज्‍़यादा गेंद नहीं थी और वह आए और अपना भरपूर योगदान देकर गए।"

राहुल ने स्‍वीकार किया कि पिछली दो पारियां खेलकर उन्‍हें संतुष्टि मिली। त्रिरुवंतपुरम में घास थी और गेंद को उछाल मिल रहा था, देरी से गेंद स्विंग हो रही थी तो उन्‍होंने 107 रन के लक्ष्‍य का पीछा करते हुए एक समय राहुल 31 गेंद पर 14 रन बनाए थे और 56 गेंद में नाबाद 51 रन बनाकर वापस लौटे। जबकि तब भी सूर्यकुमार आए और मैदान के चारों ओर खेलते हुए 33 गेंद में नाबाद अर्धशतक लगाकर टीम को आठ विकेट से जीत दिला दी।

टीम की जीत में दो अच्‍छी पारी खेलने पर राहुल ने कहा, "हां अच्‍छा लगता है वाकई। मुझे लगता है कि ओपनिंग बल्‍लेबाज़ के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि वह समझे कि उस दिन क्‍या ज़रूरत है और टीम के लिए सर्वश्रेष्‍ठ दे। यही मैंने करने का प्रयास किया, मैंने जिस तरह से खेलने का प्रयास किया है उसी तरह से करता रहूंगा और हां अलग परिस्थितियों में खु़द को परखना भी अच्‍छा है, मैं संतुष्‍ट हूं।"

राहुल ने पहली ही गेंद से लय पा ली थी जब उन्‍होंने कगिसो रबाडा की गेंद पर पंच करके प्‍वाइंट पर बाउंड्री निकाली। उन्‍होंने अगली बाउंड्री चौथे ओवर में वेन पार्नेल पर कलाई के द्वारा पिक अप शॉट लगाकर छक्‍का लगाया। इसके बाद प्‍वाइंट के पीछे एक बेहतरीन पंच लगाया। पहले चार ओवरों में राहुल लय पा चुके थे।

उन्‍होंने कहा, "पहली गेंद पर जो मैंने बैकफ़ुट पंच लगाया उसने मुझे सेट कर दिया था, जब मैं वह शॉट खेलता हूं तो मेरे दिमाग़ में रहता है कि मैं विकेट के दोनों ओर खेल सकता हूं क्‍योंकि मेरा संतुलन अच्‍छा है। मैंने पहली गेंद ऑफ़ साइड पर विकेट के स्‍क्‍वेयर मारी, नई गेंद को लेग साइड पर मारा, जिसने मुझे बताया कि मेरा सिर स्थिर है और मेरी पॉज़‍िशन भी अच्‍छी है।"

क्या यह सहज़ है?

उन्‍होंने कहा, "हां, मुझे लगता है ऐसा है। यह टी20 क्रिकेट है आपको कोशिश करनी होती है और छक्‍के लगाने होते हैं, ख़ुद को ऐसी स्थिति में लाना होता है जहां आप छक्‍के लगा सको। मैंने ऐसा करने की कोशिश की, जब गेंदबाज़ 145 किमी प्रति घंटा की गति से गेंदबाज़ी करता है तो गेंद देखने का ज्‍़यादा समय नहीं रहता है तो यह सहज़ था और इसमें कुछ अभ्‍यास और सालों की मेहनत भी थी।"

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शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।