तीन साल बाद भारतीय टीम में चक्रवर्ती की सफल वापसी का मंत्र
घरेलू क्रिकेट में अधिक भागीदारी और गेंदबाज़ी में तकनीकी बदलाव की मदद से चक्रवर्ती ने भारतीय टीम में वापसी की
'Always good to have competition within the team' - Varun Chakravarthy
The India spinner picked three wickets on his India comeback against Bangladesh in Gwaliorवरुण चक्रवर्ती ने 2022 तक भारत के घरेलू T20 टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) का एक भी मैच नहीं खेला था, जबकि वह 2021 में ही भारत के लिए T20I डेब्यू करके छह अंतर्राष्ट्रीय मैच और एक T20 विश्व कप खेल चुके थे। चक्रवर्ती को यह जगह इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत मिली थी। हालांकि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में संतोषजनक प्रदर्शन ना होने के कारण वह टीम से जल्द बाहर भी हो गए थे।
तीन साल बाद अब बांग्लादेश के ख़िलाफ़ T20I से चक्रवर्ती की अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी हुई है। उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पहले T20I मैच में ही तीन विकेट लेकर इस मिले मौक़े को भुनाया भी और इसे अपना 'पुनर्जन्म' भी कहा। चक्रवर्ती ने अपनी इस वापसी का श्रेय गेंदबाज़ी तकनीक में बदलाव और अधिक से अधिक घरेलू क्रिकेट खेलने को दिया।
मैच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए चक्रवर्ती ने कहा, "मुझे टीम से बाहर हुए तीन साल हो गए थे और जब भी टीम की घोषणा होती थी तो मुझे हमेशा चुभता था कि मेरा नाम वहां क्यों नहीं है। हालांकि इससे मुझे प्रेरणा ही मिलती थी कि मुझे हल्के में नहीं छोड़ना चाहिए और वापसी की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए। इसलिए मैंने बहुत सारे घरेलू मैच खेलने शुरू किए और उसको महत्व देना शुरू किया। मैं हर छोटे-बड़े मैच खेलने लगा और पूरे मनोयोग से अपना शत प्रतिशत देने लगा। वास्तव में मैं हर मैच खेलना चाहता था, इससे मुझे बहुत मदद भी मिली।"
2021 T20 विश्व कप के तीन मैचों में एक भी विकेट नहीं पाने के बाद चक्रवर्ती भारतीय टीम से बाहर हो गए थे और 2022 का IPL भी उनके लिए अच्छा नहीं गया था, जहां उन्हें 11 मैचों में सिर्फ़ छह विकेट मिले। हालांकि इसके बाद 2022 के SMAT में डेब्यू करते हुए उन्होंने तमिलनाडु के लिए छह मैचों में सिर्फ़ 6.47 की इकॉनमी से रन देते हुए और 19.42 की औसत से सात विकेट लिए। 2023 के SMAT में उन्होंने इस रिकॉर्ड को और सुधारते हुए चार मैचों में छह विकेट किया, जहां उनकी औसत सिर्फ़ 17.66 थी।
निश्चित रूप से हमारे (स्पिनरों के) बीच प्रतियोगिता है, लेकिन हमारे बीच अच्छी साझेदारी और भाई-चारा भी है। आज मेरा सबसे ज़्यादा समर्थन रवि बिश्नोई ने किया, वह मुझे लगातार मैदान के बाहर से मैसेज दे रहे थे। टीम में ऐसी प्रतियोगिता होना अच्छी बात है, जिससे प्रोत्साहन मिलता है और हम लोग और बेहतर होने की कोशिश करते हैं।वरुण चक्रवर्ती
चक्रवर्ती ने ना सिर्फ़ T20 बल्कि घरेलू लिस्ट ए प्रतियोगिता विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी 2023 में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए आठ मैचों में सिर्फ़ 4.27 की इकॉनमी से रन देते हुए 13.05 की शानदार औसत से 19 विकेट लिए, जिसमें एक पंजा भी शामिल था। वहीं 2023 और 2024 के IPL में क्रमशः 20 और 21 विकेट लेकर वह पिछले दो सालों के सबसे सफल गेंदबाज़ बने और उनकी टीम IPL 2024 का ख़िताब भी जीती। जबकि तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL) के 2023 और 2024 के संस्करण में भी उन्हें क्रमशः 13 और 12 विकेट मिले और वहां भी उनकी टीम डिंडीगुल डैगंस 2024 संस्करण की विजेता बनी।
चक्रवर्ती कहते हैं, "हमारे यहां घरेलू क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा का स्तर बहुत ऊंचा है, लेकिन इसके बारे में बहुत ही कम बात होती है। हमारे घरेलू क्रिकेट सर्किट में 30 से अधिक घरेलू टीमें हैं और हम एक-दूसरे के साथ सैयद मुश्ताक़ अली और विजय हज़ारे सहित कई टूर्नामेंट खेलते हैं। इन टूर्नामेंट का स्टैंडर्ड बहुत ऊंचा है। इसलिए जब आप ऐसे टूर्नामेंट खेलते हैं तो सीधे IPL या अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार होते हैं। मेरी इस वापसी का श्रेय भी घरेलू क्रिकेट सर्किट को जाना चाहिए।"
चक्रवर्ती ने जुलाई-अगस्त में हुई TNPL को इस सीरीज़ की तैयारियों का हिस्सा बताया और कहा कि उन्हें आर अश्विन के साथ अपनी गेंदबाज़ी पर काम करके बहुत आत्मविश्वास भी मिला।
चक्रवर्ती का कहना है कि उन्होंने इस टूर्नामेंट में कुछ ऐसी तकनीकी बदलावों को मैदान में भी आज़माया, जिसका वह निरंतर अभ्यास नेट्स में कर रहे थे। वह कहते हैं, "मैं पहले साइड स्पिन गेंदबाज़ हुआ करता था, लेकिन अब मैं पूरी तरह से ओवर स्पिन गेंदबाज़ बन चुका हूं। स्पिन गेंदबाज़ी की इस छोटी सी कला में बदलाव करने में मुझे दो साल लग गए। सबसे पहले TNPL और फिर IPL में मैंने इन बदलावों को आज़माया। पिछले तीन सालों में मेरे मानसिक पहलू में भी थोड़ा बदलाव ज़रूर हुआ है, लेकिन तकनीकी बदलाव अधिक है, जिस पर मैंने काफ़ी काम किया है।"
रवींद्र जाडेजा के T20I क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद एक स्पिनर की जगह टीम में ज़रूर बनी है, लेकिन उस पर पहले से ही रवि बिश्नोई, अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर जैसे कई दावेदार हैं। रविवार को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ हुए मैच में भी सुंदर को बिश्नोई के स्थान पर टीम में जगह मिली, जिनका पिछले श्रीलंका और ज़िम्बाब्वे दौरे पर ज़बरदस्त प्रदर्शन रहा था। हालांकि चक्रवर्ती इस प्रतियोगिता को बहुत ज़रूरी मानते हैं।
उन्होंने कहा, "निश्चित रूप से हमारे (स्पिनरों के) बीच प्रतियोगिता है, लेकिन हमारे बीच अच्छी साझेदारी और भाई-चारा भी है। आज मेरा सबसे ज़्यादा समर्थन रवि बिश्नोई ने किया, वह मुझे लगातार मैदान के बाहर से मैसेज दे रहे थे। टीम में ऐसी प्रतियोगिता होना अच्छी बात है, जिससे प्रोत्साहन मिलता है और हम लोग और बेहतर होने की कोशिश करते हैं। ऐसा ज़रूर होगा कि एक समय कोई एक या दो ही बेहतर होगा और वह ही भारत के लिए खेलेगा। लेकिन यह प्रतियोगिता बहुत ज़रूरी है।"
फ़िलहाल चक्रवर्ती तीन साल बाद भारतीय टीम में वापसी करके संतुष्ट और ख़ुश हैं कि उन्होंने टीम की जीत में योगदान दिया। वह निश्चित रूप से अपनी इस नई पारी और 'पुनर्जन्म' को लंबा करना चाहेंगे।
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95
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