चेपॉक से अटूट रिश्ता या कुछ और? क्या है जो अश्विन को यहां बार बार खींच लाता है?
अश्विन ने कैसे एक बल्लेबाज़ के तौर पर अपनी समझ का इस्तेमाल गेंदबाज़ी में किया?
Ashwin: If it was my Chepauk swansong, what a swansong!
R Ashwin on if he can label this performance his "Chepauk Swansong" and being envious of Jadejaरविचंद्रन अश्विन को आज भी वो दिन याद है जब उन्होंने चेपॉक पर पहली बार क़दम रखा था। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर इस संबंध में काफ़ी बार बताया भी है कि कैसे वो अंडर 14 और 16 के ट्रायल के दौरान यहां आया करते थे। वह उस मैच का भी गवाह थे जब सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ ऐतिहासिक शतकीय पारी खेली थी। तेंदुलकर की पारी के बाद वह सचिन जैसे ही पैड्स ख़रीदने के बाद ही घर जाने की ज़िद पर अड़ गए थे।
उन्हें याद है कि वह जब छोटे थे तो वह कौन सी बस पकड़कर मैदान आया करते थी। "12G पुड़ीक्कणुम," उन्होंने यह बात 2023 में स्टार स्पोर्ट्स तमिल के साथ साझा की थी। उन्होंने बताया था, "वो बस सीधे अन्ना सलाई (रोड) तक जाती थी। अगर वहां कोई अंकल आपको लिफ़्ट देने के लिए तैयार हो जाते तो वहां से मैदान आप 10 मिनट में पहुंच सकते थे। लेकिन अगर लिफ़्ट नहीं मिलती तब किट बैग के साथ पैदल ही मैदान की ओर जाना पड़ता था।"
इस मैदान पर 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लगाए गए शतक और पांच विकेट हॉल को याद करते हुए दो वर्ष पहले उन्होंने कहा था, "मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं इस मैदान पर खेलूंगा और लोग मुझे चीयर करने यहां आएंगे।"
रविवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "मेरे लिए हर टेस्ट मैच खेलना बड़ी बात है। और सिर्फ़ मेरे लिए ही नहीं बल्कि आप अगर किसी भी क्रिकेटर से पूछेंगे तो उसका यही जवाब होगा। क्योंकि आपको ख़ुद भी नहीं पता होता कि इस प्रारूप में आपके सामने कैसी चुनौतियां आने वाली हैं। इसलिए मैंने कभी भी इतने दूर तक का नहीं सोचा था।"
मांजरेकर: अश्विन साबित कर रहे हैं कि उम्र सिर्फ़ एक नंबर है
भारत की बांग्लादेश के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में जीत का सटीक विश्लेषण संजय मांजरेकर के साथ"लाल मिट्टी की पिच के साथ अच्छी बात यह है कि इस पर उछाल होती है। हां, इस पर रन खाने का जोख़िम बना रहता है लेकिन आपको यहां उछाल मिलती है। वहीं अगर आप देश के किसी अन्य हिस्से में काली मिट्टी की पिच पर खेलेंगे तो आपको उछाल प्राप्त करने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी।"
इसकी एक झलक दूसरे दिन की शाम को देखने को भी मिली जब अश्विन की गेंद पर मोमिनुल हक़ ने स्वीप किया और बल्लेबाज़ और कीपर ऋषभ पंत दोनों ही बीट हो गए। गेंद की गति सिर्फ़ 80.4 किमी प्रति घंटे थी।
हां या ना: अश्विन टेस्ट करियर में पांच विकेट हॉल का पचासा लगाएंगे
भारत की बांग्लादेश के ख़िलाफ़ चेन्नई टेस्ट में मिली जीत से जुड़े अहम सवालों पर संजय मांजरेकर का फ़ैसलाउनके भीतर का गेंदबाज़ समझ चुका था कि इस पिच का लाभ उठाने के लिए उन्हें अपनी गति कम से कम करनी होगी और गेंद को ज़्यादा से ज़्यादा हवा देनी होगी। ब्रॉडकास्टर से अश्विन के भीतर के बल्लेबाज़ ने कहा, "तमीम (इक़बाल) मौजूद हैं। वो आपको बताएंगे कि अगर गेंदबाज़ गति को धीमा करता है तो बल्लेबाज़ बैकफ़ुट पर खेलने का निर्णय ले सकता है।"
अश्विन ने अपना जाल बिछाने के लिए बतौर बल्लेबाज़ और गेंदबाज़ उनके ज़ेहन में चल रहे दोनों पहलुओं का उपयोग किया। वो शुरुआत में बल्लेबाज़ को एक निश्चित लेंथ और गति पर खिलाते रहे और जब बल्लेबाज़ इसका आदि हो जाए तब वो गेंद को अचानक हवा दे देते। उनके छह में से तीन विकेट 80 किमी प्रति घंटे की गति के आसपास की गई गेंदों से ही आए।
"कुछ पिचों पर आपको सतह से मदद मिल जाती है। लेकिन कई जगह आपको गति में मिश्रण करना पड़ा है। लेंथ में बार बार बदलाव करना पड़ता है।"
शाकिब अल हसन शॉर्ट लेग पर आउट हुए। हालांकि सबसे दर्शनीय विकेट मोमिनुल का था। गेंद मोमिनुल के बल्ले का बाहरी किनारा लेने से भी बच गई थी और उनका ऑफ़ स्टंप भी ले उड़ी थी।
अमूमन एक ऑफ़ ब्रेक गेंदबाज़ का सीम पहली स्लिप की ओर होता है। उस गेंद पर उनका सीम थोड़ा स्क्वायर था। अश्विन ने अपनी कला से यह सुनिश्चित किया कि गेंद बल्लेबाज़ के बल्ले को तो बीट कर जाए लेकिन स्टंप को भी मिस न करे। अश्विन को चेपॉक से मिलने वाले अपार समर्थन की यह एक और बानगी है।
"कुछ है जो मुझे यहां खींच लाता है।"
अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के कंसल्टेंट सब एडिटर नवनीत झा ने किया है।
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