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आंकड़े: रिकॉर्ड साझेदारी के दौरान अश्विन-जाडेजा ने बनाए कई नए कीर्तिमान

विश्व में सिर्फ़ पांच ही ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जिनके नाम एक ही मैदान पर शतक और पांच विकेट हॉल का रिकॉर्ड है

मांजरेकर: अश्विन को इस अंदाज़ में खेलते हुए पहले कभी नहीं देखा

मांजरेकर: अश्विन को इस अंदाज़ में खेलते हुए पहले कभी नहीं देखा

भारत और बांग्लादेश के बीच चेन्नई टेस्ट के पहले दिन का सटीक विश्लेषण संजय मांजरेकर के साथ

आर अश्विन ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अपने घरेलू मैदान चेपॉक पर शतक लगाकर अपनी टीम को संकट से उबारा और 300 के पार ले गए। उन्होंने रवींद्र जाडेजा (86) के साथ 199 रन की साझेदारी की और कई रिकॉर्ड बनाए। आइए डालते हैं उन पर एक नज़र-

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4 - आठवें नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए यह अश्विन का चौथा टेस्ट शतक था। डैनियल वेटोरी (5) के बाद यह दूसरा सर्वाधिक है।

 ESPNcricinfo Ltd

195 - जाडेजा और अश्विन ने पहले दिन 195 रन जोड़े, जो कि सातवें या उससे नीचे के विकेट के लिए पहले दिन की सबसे बड़ी साझेदारी है। उन्होंने वेटोरी और जेसी राइडर के 186 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा, जो कि दोनों ने 2009 में भारत के ख़िलाफ़ हैमिल्टन में बनाया था।

5 - यह पहली बार हुआ है, जब भारतीय टीम के छह विकेट 150 के भीतर गिर गए हों और सातवें विकेट के लिए 199 रनों की साझेदारी हुई हो। अश्विन-जाडेजा ने दिलीप सरदेसाई और एकनाथ सोल्कर के रिकॉर्ड को बेहतर किया। उन्होंने 1971 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 186 रनों की साझेदारी तब की थी, जब भारत का स्कोर 70 रन पर छह विकेट था।

5 - विश्व में सिर्फ़ पांच ही ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जिनके नाम एक ही मैदान पर शतक और पांच विकेट हॉल का रिकॉर्ड है। कपिल देव के नाम भी चेपॉक में दो शतक और दो पांच-विकेट हॉल हैं। इसके अलावा इस सूची में गैरी सोबर्स, इयन बॉथम और क्रिस केर्न्स का नाम है।

10 - सिर्फ़ 10 ही बार ऐसा हुआ है, जब किसी बल्लेबाज़ ने नंबर आठ या उससे नीचे आते हुए टेस्ट मैच के पहले दिन ही शतक लगाया हो। भारतीय टेस्ट इतिहास में तो ऐसा पहली बार हुआ। इससे पहले नंबर आठ या उससे नीचे पर पहले दिन बल्लेबाज़ी का सर्वाधिक रनों का रिकॉर्ड सलीम दुर्रानी के नाम था, जो उन्होंने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 1964 में बनाया था।

6 - यशस्वी जायसवाल का यह घरेलू ज़मीन पर छठा मैच था और उन्होंने हर घरेलू टेस्ट में कम से कम 50 का स्कोर बनाया है। रिकॉर्ड मोनिमुल हक़ के नाम है, जिन्होंने डेब्यू के बाद लगातार नौ घरेलू टेस्च मैचों में कम से कम 50 रन बनाए थे। भारत के रूसी मोदी ने लगातार पांच टेस्ट मैचों तक ऐसा किया था।

3 - 1986 से अब तक चेन्नई में सिर्फ़ तीन तेज़ गेंदबाज़ों ने पंजा हासिल किया है, जिसमें अब हसन महमदू का नाम भी शामिल है। वेंकटेश प्रसाद और जैम्स पैटिंसन अन्य दो नाम हैं।

9 - भारतीय पारी के नौ विकेट बांग्लादेशी तेज़ गेंदबाज़ों ने लिए। यह 2012 से मेहमान तेज़ गेंदबाज़ों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 2012 में बेंगलुरू टेस्ट के दौरान न्यूज़ीलैंड के तेज़ गेंदबाज़ों ने भारत के सभी 10 विकेटों को अपने नाम किया था।

4 - घरेलू मैदान पर यह सिर्फ़ चौथा मौक़ा है, जब भारत के सभी बल्लेबाज़ एक पारी में कैच आउट हुए हों। चेपॉक ही में ऐसा दो बार हो चुका है।

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