पंत के आउट होने पर रोहित : 'बल्ला साफ़ पैड के क़रीब था'
"अगर हम कुछ कहते हैं तो उसे अच्छा नहीं माना जाता लेकिन जब पुख़्ता सबूत नहीं है तो मैदानी अंपायर के फ़ैसले के साथ रहा जाता"


मुंबई टेस्ट की चौथी पारी में ऋषभ पंत का आउट होना मैच का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। मैदानी अंपायर ने उनको नॉट आउट दिया था, लेकिन न्यूज़ीलैंड ने रिव्यू लिया और थर्ड अंपायर ने उनको बैट एंड पर कीपर कैच आउट दे दिया और रोहित शर्मा साफ़ नहीं है कि यह सही फ़ैसला था। न्यूज़ीलैंड और उनकी एतिहासिक 3-0 की सीरीज़ जीत के बीच में पंत 57 गेंद में 64 रन बनाकर अड़े थे। उनके आउट होने से पहले भारत का स्कोर छह विकेट पर 106 रन था और भारत को जीत के लिए 41 रन चाहिए थे लेकिन अंत में न्यूज़ीलैंड 25 रन से जीत गया।
रोहित ने मैच के बाद कहा, "उस आउट होने के बारे में सच कहूं तो मुझे नहीं पता। अगर हम कुछ कहते हैं तो उसे अच्छा नहीं माना जाता। लेकिन अगर पुख़्ता सबूत नहीं है तो मैदानी अंपायर के फ़ैसले के साथ रहा जा सकता था। तो मैं नहीं जानता कि फ़ैसला कैसे बदल दिया गया जब अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया था।"
"बल्ला साफ़ पैड के क़रीब था। तो दोबारा कहता हूं मैं नहीं जानता कि इस पर बात करना मेरे लिए सही है। इस पर अंपायरों को सोचना होगा। सभी टीमों के लिए समान नियम है, लगातार दिमाग़ नहीं लगाना होता है।"
इससे पहले न्यूज़ीलैंड पहले ही पंत के ख़िलाफ़ एलबीडब्ल्यू रिव्यू लेने का मौक़ा गंवा चुका था। तब भारत का स्कोर पांच विकेट पर 59 रन था। रिप्ले में पता चल रहा था कि गेंद लेग स्टंप को जाकर लग रही थी। इसके बाद 22वें ओवर में एजाज़ पटेल ने पंत के ख़िलाफ़ दो अपील की। पहली स्लिप में कैच के लिए, तब अंपायर ने नॉट आउट दिया और न्यूज़ीलैंड ने DRS लेकर इसे गंवा दिया।
दो गेंद बाद एजाज़ ने पंत को क्रीज़ से बाहर निकलते देखा और लेंथ पीछे कर ली और बल्लेबाज़ को डिफ़ेंस के लिए मजबूर किया। पंत ने इस पारी में क्रीज़ से आगे निकलकर बाउंड्री निकालने में बहुत सफलता हासिल की थी। इस बार उनके पास कम विकल्प थे लेकिन उन्होंने किसी तरह संतुलन बनाकर डिफेंस करने की सोची, लेकिन गेंद पैड पर लगकर उछल गई और कीपर ने कैच ले लिया, एजाज़ और बाक़ी खिलाड़ियों को लगा कि इन साइड ऐज़ है, जबकि मैदानी अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने मना कर दिया। न्यूज़ीलैंड के कप्तान टॉम लेथम रिव्यू के लिए गए।
जब गेंद बल्ले के पास से निकल रही थी तो अल्ट्राऐज में स्पाइक नज़र आ रहा था, लेकिन उसी समय बैट और पैड भी बहुत पास थे, जिसका मतलब था कि जब बल्ला पैड से घिसड़ा हो तब भी यह स्पाइक आ सकता था।
जब रिप्ले बड़ी स्क्रीन पर आया तो न्यूज़ीलैंड ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। लेकिन पंत निश्चिंत थे। जब टीम रिव्यू के लिए गई तो पंत वॉशिंगटन सुंदर के पास दो बार ग्लव्स टकराने गए। न्यूज़ीलैंड का यह एक अकेला रिव्यू बचा था। जब रिव्यू चल रहा था तो उन्हें मैदानी अंपायरों से कुछ शिकायत करते देखा गया।
तीसरे अंपायर पॉल रीफ़ेल अपना फ़ैसला देखते हुए नोटिस कर रहे थे कि बल्ला पैड से भी टकराया हो सकता है, लेकिन तभी कई रिप्ले आगे पीछे करके देखने के बाद उन्होंने अपना मन बदला और सोचा कि जब गेंद बल्ले के पास से निकली तो यहां डिफलेक्शन था।
लेथम ने इस आउट के बारे में न्यूज़ीलैंड की सोच के बारे में पत्रकार वार्ता में बताया। उन्होंने कहा, "हम में से कुछ ने दो आवाज़ सुनी थी और मैंने सोचा कि अगर आप इस परिस्थिति में रिव्यू लेते हो तो आप सब कुछ अंपायर के हाथ में छोड़ देते हैं। हम आवश्यक रूप से तीसरे अंपायर द्वारा प्राप्त फुटेज को नहीं देख सकते हैं, इसलिए यह निश्चित रूप से हमारे नियंत्रण से बाहर है कि वह कैसा दिख सकता है। हमने स्पष्ट रूप से कुछ आवाज़ सुनीं और रिव्यू लेने का फै़सला किया और जाहिर तौर पर यह हमारे लिए सही दिशा में गया, इसलिए यह स्पष्ट रूप से अंपायरों पर निर्भर है। यह हमारे नियंत्रण से बाहर है।"
न्यूज़ीलैंड ने 29े रन पर भारत के पांच विकेट झटक लिए थे और वे जीत की ओर बढ़ते दिख रहे थे। लेकिन पंत ने कमर कसी और टीम को लक्ष्य के क़रीब लाते दिखे। रोहित को लगता है कि उनके विकेट का मैच पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा, "उनका आउट होना वास्तव में हमारे दृष्टिकोण से बहुत बहुत महत्वपूर्ण था। उस समय ऋषभ वास्तव में अच्छा लग रहा था। और ऐसा लगा जैसे वह हमें जीता देगा, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि वह आउट हो गया और हम मैच हार गए।"
अलगप्पन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।
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