रोहित-श्रेयस समेत भारतीय खिलाड़ियों ने टपकाए चार कैच, क्या लचर फ़ील्डिंग पड़ेगी भारी?
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में भारत की ओर से ख़राब फ़ील्डिंग देखने को मिल

भारतीय क्रिकेट टीम अपनी अच्छी फ़ील्डिंग के लिए जानी जाती है, लेकिन न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में एक अलग ही तस्वीर को देखने को मिली। मैच के सातवें ओवर में ही रचिन रवींद्र को जीवनदान मिल गया था। इसके चार गेंद बाद ही उनका एक और कैच गिरा। 36वें ओवर तक ही भारत ने चार कैच ड्रॉप किए और हर बार यह कैच फ़ील्डर ने ड्रॉप किए। इसके साथ ही एक रन आउट का मौक़ा भी टीम इंडिया ने आसानी से जाने दिया। यदि भारत ने फ़ील्डिंग में ढीलापन नहीं दिखाया होता तो शायद न्यूज़ीलैंड की हालत काफ़ी बुरी होती। ESPNcricinfo हिंदी की गेंद दर गेंद कॉमेंट्री के ज़रिए उन ड्रॉप कैचों और रन आउट के गंवाए मौक़ों के बारे में जानते हैं।
6.3- हवा में गेंद लेकिन शमी फॉलो थ्रो में कैच नहीं ले पाए। काफ़ी मुश्किल मौक़ा था। शमी के बाएं हाथ के उंगलियों पर काफ़ी ज़ोर से चोट लगी है। फ़ीजियो मैदान पर हैं। फुल गेंद को सीधे बल्ले से ड्राइव करने का प्रयास था।
7.1- श्रेयस अय्यर ने कैच टपका दिया । हवाई स्वीप किया गया था, डीप मिड विकेट पर दाहिने तरफ़ भाग कर डाइव किया श्रेयस ने लेकिन उनके हाथ पर लग कर नीचे गिर गई गेंद
34.5- मिडविकेट पर कैच का मौक़ा छूट गया है, रोहित मौजूद थे. पुल किया था मिचेल ने और पहले ही जंप कर गए और गेंद की हाइट को जज नहीं कर पाए और गेंद दाहिने हाथ की उंगलियों पर लगकर चली गई
35.6- मिडिल और लेग में बैकऑफ लेंथ गेंद थी और इस बार गिल ने कैच छोड़ा है, जाडेजा को विश्वास नहीं हुआ, पुल किया था डीप स्क्वायर लेग की ओर और गिल ने बायीं ओर गोता लगाया था लेकिन गेंद हाथ से छिटक गई
40.2- रन आउट का मौक़ा लेकिन जाडेजा का थ्रो बोलर्ड एंड पर नहीं लगा, अगर कुलदीप विकेट के पीछे रहते तो रन आउट हो जाते ब्रेसवेल, प्वाइंट की दिशा में फुल गेंद को पुश कर के रन के लिए भागे थे दोनों बल्लेबाज़, बीच में आपस में टकराने वाले भी थे
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