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पुल शॉट बनाता है रोहित को और भी आक्रामक

पिछले दो साल की तुलना में रोहित इस साल अधिक आक्रामक हुए हैं और इसका राज़ है उनका पुल शॉट

पुल शॉट खेलते रोहित  BCCI

क्रिकेट में रोहित शर्मा के पुल शॉट को एक अलग ही दर्जा प्राप्त है। जब वह क्रीज़ के भीतर से खड़े-खड़े डीप मिडविकेट या डीप स्क्वेयर लेग की दिशा में पुल शॉट लगाते हैं, तो देखते ही बनता है। बस मन करता है कि रोहित ऐसे ही खड़े रहें और उनकी फ़ोटो उतार ली जाए। कभी-कभी तो वह यह शॉट खेलते वक़्त नटराज मुद्रा में भी आ जाते हैं। उन्होंने तीसरे टी20 में भी ट्रेंट बोल्ट और लॉकी फ़र्ग्यूसन जैसे तेज़ गेंदबाज़ों पर पुल शॉट जड़ा।

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ऐसा कहा जाता है कि आधुनिक क्रिकेट में अधिकतर बल्लेबाज़ पुल शॉट को टी20 मैचों में अधिक रन बनाने के लिए खेलते हैं, लेकिन वह इन्हें टेस्ट मैचों में भी बख़ूबी खेलते हैं। यह उनकी ताक़त है और इससे वह ढेर सारा रन बनाते हैं। हालांकि हाल के समय में उन्हें इस शॉट पर आउट होते हुए भी देखा है। लेकिन यह टी20 मैच की रीति है कि हमें रन बनाने के लिए लगातार आक्रामक होना पड़ता है, जिसमें आउट होने के ख़तरे भी उतने ही रहते हैं। कुल मिलाकर इस शॉट से जितना फ़ायदा है, उतना ख़तरा भी है।

रोहित मुंबई इंडियंस और भारतीय टीम के लिए अधिकतर टी20 मैच खेलते हैं, जो कि पहले से ही एक मज़बूत बल्लेबाज़ी क्रम वाली इकाई है। रोहित शर्मा पहले भी सफल थे, लेकिन बड़े खिलाड़ियों की यह निशानी होती है कि वह लगातार अपने आप को विकसित करते रहते हैं।

2019 और 2020 में रोहित ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पावरप्ले के दौरान कुल 364 गेंद खेले हैं और ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो की गेंद-दर-गेंद डाटा के अनुसार उन्होंने 22.53% गेंदों पर आक्रामक शॉट लगाया है। वहीं 2021 में यह बढ़कर 29.57% हो जाता है। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट भी बढ़कर 131.3 से 133.9 और औसत भी बढ़कर 34.14 से 61.60 हो जाता है।

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इस दौरान उनका शॉट नियंत्रण भी कमाल का रहा है। 2019 और 2020 में उन्होंने 85.37% नियंत्रणता के साथ शॉट खेले, जो कि अधिक आक्रामक होने के बावजूद 2021 में सिर्फ़ 5 प्रतिशत गिरा और 80.88% रहा। वह पहले से एक तिहाई अधिक आक्रामक हुए हैं, जबकि उनकी नियंत्रणता सिर्फ़ 1/20 ही कम हुई है।

तीसरे मैच के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "आप बल्लेबाज़ के रूप में लगातार विकसित होना चाहते हैं और अलग-अलग तरह की चीज़ें कोशिश करते हैं। कभी आपका दिन अच्छा होता है, तो कभी बुरा होता है। बुरे दिन पर आप कोई चांस नहीं लेना चाहते। लेकिन जिस दिन आपको लगता है कि दिन आज अच्छा है, तो आप खुलकर खेलते हैं और मौक़ों को ख़ूब भुनाते हैं। मैं इस सीरीज़ में किसी निश्चित सेट फ़ॉर्मूले के हिसाब से नहीं गया बल्कि गेंद को उसके मेरिट के ही अनुसार खेला। मैं इस सीरीज़ में बिल्कुल ही मुक्त दिमाग़ से बल्लेबाज़ी कर रहा था। हां, आज मैं थोड़ा और आक्रामक होना चाहता था, जो कि मैदान पर भी दिखा। जब आपके पास कोई ताक़त होती है, तो आप मैदान पर भी उसका इस्तेमाल करना चाहते हैं।"

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लक्ष्य का पीछा करते हुए भी रोहित इस साल अधिक आक्रामक हुए हैं। जहां 2019 और 2020 में उन्होंने दूसरी पारी के पावरप्ले के दौरान 24.11% आक्रामक शॉट खेले, वहीं 2021 में यह प्रतिशत बढ़कर 45.83% हो गया। अधिक आक्रामक होने का यह भी मतलब है कि रोहित अधिक पुल शॉट खेलते हैं।

रोहित ने इस पर कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि यह सब नैसर्गिक है और प्राकृतिक रूप से आता है, बल्कि मैं इस पर बहुत अभ्यास करता हूं। कई बार इस पर मुझे बहुत रन मिलते हैं, लेकिन कई दफ़ा मैं इस शॉट पर आउट भी हुआ हूं। लेकिन अगर आपकी कुछ ताक़त होती है, तो आपको बिना आउट होने की चिंता के उस ताक़त पर ही खेलना चाहिए।"

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सौरभ सोमानी ESPNcricinfo में सहायक संपादक हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है