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कोहली: यह मेरी सबसे बेहतरीन टी20 पारी थी

भारतीय बल्लेबाज़ ने कहा कि उनके पास इस जीत की व्यख्या के लिए शब्द नहीं हैं

मैच के बाद विराट कोहली रवि शास्त्री से बार-बार कह रहे थे कि उनके पास इस जीत की व्यख्या करने के लिए शब्द नहीं हैं  Getty Images

विराट कोहली मैच के बाद बार-बार कह रहे थे कि इस पल की व्यख्या करने के लिए उनके पास कोई शब्द नहीं हैं। हालांकि एक बात तो पक्का है कि 53 गेदों में 82 रनों की पारी शायद उनके सबसे बेहतरीन पारियों में से एक है।

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भारत 31 के स्कोर पर चार विकेट गंवा चुका था। इसके बाद कोहली और हार्दिक पंड्या के बीच 113 रनों की साझेदारी हुई। हालांकि इसके बाद भी काम पूरा नहीं हुआ था और कोहली मैच को अंत तक लेकर गए और सबको आश्चर्यचकित करने वाले आख़िरी ओवर में भारत को जीत दिलाने में मदद की। अंतिम ओवर का मामला ही कुछ अलग था। इस ओवर में दो विकेट आए, एक नो गेंद फेंकी गई, दो वाइड फेंकी गई। नो गेंद को लेकर तो अंपायर और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच काफ़ी बातचीत भी हुई।

कोहली ने खेल के बाद स्टार स्पोर्ट्स पर भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री से कहा, "यह एक असाधारण माहौल है। ईमानदारी से कहूं तो मेरे पास इसकी व्यख्या करने के लिए शब्द नहीं हैं। मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ।"

कोहली ने स्वीकार किया कि एक समय पर यह जीत "असंभव" लग रहा था। उन्होंने कहा, "यह असंभव लग रहा था लेकिन फिर हार्दिक मुझे उस साझेदारी में खेल को अंत तक ले जाने के बारे में कहा। हार्दिक मुझसे कहता रहा, 'बस ख़ुद पर विश्वास करो कि हम इसे कर सकते हैं। ईमानदारी से कहूं तो मेरे पास फिर से शब्द नहीं हैं।" जीत के लिए 160 रनों का पीछा करते हुए, भारत को अंतिम चार ओवरों में 54 रनों की ज़रूरत थी। ऐसा लग रहा था कि पाकिस्तान इस मैच में काफ़ी आगे है। हालांकि मोहम्मद नवाज़ का एक ओवर अभी भी बाक़ी था। शायद यही पाकिस्तान की सबसे कमज़ोर कड़ी थी। नवाज़ अंतिम ओवर फेंकने आए और उससे पहले की दो गेंदों पर कोहली ने दो शानदार सिक्सर जड़े दिए थे।

टी20 विश्व कप में सफल रन चेज़ में कोहली के आंकड़े  ESPNcricinfo Ltd

"शाहीन अफ़रीदी जब वापस गेंदबाज़ी करने आए तो वह पवेलियन एंड से गेंदबाज़ी कर रहे थे। मैंने हार्दिक से बात की कि इस ओवर में आक्रमण किया जाए। इसके बाद उन्होंने कहा कि नवाज़ का एक ओवर बाक़ी है। इसीलिए मैंने उन्हें कहा कि अगर मैं रउफ़ के ख़िलाफ़ कुछ बड़े शॉट लगाता हूं तो उनकी टीम घबरा जाएगी। अंतिम आठ गेंद में 28 रन बनाने थे और मैं ख़ुद को बार-बार कह रहा था कि इन दो गेंदों पर दो सिक्सर लगाना है। ताकि 16 गेंदों में 28 रन बचें।"

18वें ओवर में विराट कोहली ने हारिस रउफ़ को जो दो सिक्सर लगाए। उन दोनों शॉट में से पहला शॉट बैक ऑफ़ लेंथ गेंद के ख़िलाफ़ था, जो धीमी गति से फेंकी गई थी। इसके बारे में कोहली ने कहा, " मैंने गेंद को देखा और ख़ुद से कहा कि बस शांत हो कर बल्ला चलाओ। इसके बाद वाली गेंद भी मेरी शरीर की लाइन में थी और मैंने फ़ाइन लेग के ऊपर से मार दिया। अब यहां खड़ा होकर मैं सोच रहा हूं कि ऐसा ही कुछ होने वाला था और यह ख़ास पल था।"

कोहली से पूछा गया कि क्या यह आपका सबसे बेहतरीन टी20 पारी थी तो उन्होंने कहा, "आज तक मैंने हमेशा कहा है कि ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ मोहाली मेरी जो पारी थी, वह सर्वश्रेष्ठ थी। वहां मैंने 52 (51) गेंदों में 82 रन बनाए थे। आज मैंने 53 में 82 रन बनाए। हालांकि आज की पारी को मैं परिस्थिति और मंच को देखते हुए उससे ऊपर रखूंगा।"

कोहली ने एमसीजी में मौजूद 90 हज़ार दर्शकों का शुक्रिया करते हुए कहा, "मैं यहां पर मौजूद सभी दर्शकों का धन्यवाद कहना चाहूंगा। मैं जब संघर्ष कर रहा था तब यही वह लोग थे जो मेरे साथ थे। मैं आप सभी का आभारी हूं।"

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