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हार्दिक ने दर्शाया कि जब वह फ़िट होते हैं तब भारत को हराना कितना मुश्किल हो जाता है

एक ऐसी परिस्थिति जहां भारत और साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ संघर्ष करते नज़र आए वहां हार्दिक ने नाबाद अर्धशतकीय पारी खेली

हां या ना : हार्दिक अपनी ताकत की वजह से किसी और पिच पर खेलते दिखाई दिए

हां या ना : हार्दिक अपनी ताकत की वजह से किसी और पिच पर खेलते दिखाई दिए

साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ों का अप्रोच समझ के परे था

कटक की सतह की नमी और धीमेपन ने हार्दिक पंड्या को छोड़कर भारत के अन्य सभी बल्लेबाज़ों को बेबस कर दिया था। एक मुश्किल पिच जहां साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ों को भी बाद में कठिनाई हुई, वहां हार्दिक ने न सिर्फ़ परिस्थितियों से पार पाया बल्कि एक अंतर पैदा करने वाला प्रदर्शन किया। हार्दिक ने चार छक्कों 28 गेंदों पर नाबाद 59 रनों की पारी खेली और साउथ अफ़्रीका का पूरा बल्लेबाज़ी क्रम मिलकर भी हार्दिक से अधिक छक्के नहीं लगा पाया।

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हार्दिक दो महीने से जांघ की चोट के चलते क्रिकेट से दूर रहे लेकिन उन्होंने ऐसी वापसी की कि उन्हें देखकर लगा ही नहीं कि वह कभी क्रिकेट से दूर रहे हों। हार्दिक ने अपनी पहली चार गेंदों में दो नो लुक छक्के लगाकर पारी की शुरुआत की और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

हार्दिक ने छक्के लगाने की क्षमता को एक कला में तब्दील कर दिया है जहां वह अपने सिर को स्थिर कर और बल्ले के बेहतर स्विंग के साथ दर्शनीय शॉट खेलते हैं। हार्दिक स्पिन और तेज़ गेंदबाज़ी दोनों के ऊपर हावी थे। अनरिख़ नॉर्खिए के ख़िलाफ़ जब उन्होंने डीप थर्ड के ऊपर से छक्का जड़ा, वह उनका 100वां T20I छक्का था। हार्दिक यह उपलब्धि करने वाले सिर्फ़ चौथे भारतीय बने, उनसे पहले यह कारनामा सूर्यकुमार यादव, रोहित शर्मा और विराट कोहली कर चुके हैं।

प्लेयर ऑफ़ द मैच अवॉर्ड जीतने के बाद हार्दिक ने कहा, "मुझे अपने शॉट्स पर विश्वास जताना पड़ा। ठीक इसी समय मुझे यह भी एहसास हुआ कि विकेट में जान है इसलिए मुझे साहसी बनना पड़ा। हालांकि गेंद पर ज़ोर से प्रहार करने के बजाय उसे टाइम करना ज़्यादा ज़रूरी था। मैंने जिस तरह से बल्लेबाज़ी की उससे मैं पूरी तरह से संतुष्ट था।"

हार्दिक जब 12वें ओवर में बल्लेबा़ज़ी के लिए आए तब भारत 78 के स्कोर पर चार विकेट गंवा चुका था और एक बड़ा स्कोर भारत के लिए मुश्किल नज़र आ रहा था। हालांकि उन्होंने भारत को एक मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाला और छह विकेट के नुक़सान पर भारत के स्कोर को 175 तक पहुंचाया। इसके बाद उन्होंने गेंदबाज़ी में भी अपने इस प्रदर्शन को दोहराया और डेविड मिलर को 1 के निजी स्कोर पर चलता किया। इसके परिणामस्वरूप साउथ अफ़्रीका महज़ 74 के स्कोर पर ही सिमट गया जो कि उनका न्यूनतम T20I टोटल है।

हार्दिक की मौजूदगी भारत के लिए संभावनाओं के द्वार खोल देती है। हार्दिक के होने की वजह से भारत छह गेंदबाज़ी विकल्प के साथ मैदान में उतर सकता है और मंगलवार को भी भारत के पास जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह और वरुण चक्रवर्ती के रूप में तीन आक्रामक विकल्प भी थे। जब पिच ड्राई होती है तो भारत अर्शदीप की जगह कुलदीप यादव के साथ उतर सकता है और तब हार्दिक नई गेंद के साथ गेंदबाज़ी कर सकते हैं। इसके साथ ही हार्दिक मध्य क्रम में किसी भी स्थान पर बल्लेबाज़ी कर सकते हैं और वह आठवें स्थान तक भारत की बल्लेबाज़ी में गहराई सुनिश्चित करते हैं।

2024 की शुरुआत से लेकर अब तक हार्दिक के टीम में रहते हुए भारत ने 29 T20I खेले हैं जिसमें उन्हें 26 में जीत मिली है जबकि हार्दिक के बिना भारत को नौ में जीत मिली है, दो में हार का सामना करना पड़ा है और दो मुक़ाबले टाई हुए हैं।

हार्दिक ने कहा, "एक क्रिकेटर के रूप में मैं कभी भी यह नहीं सोचता कि मुझे यही भूमिका अदा करनी है। मैं हमेशा इस बात के लिए प्रेरित रहा हूं कि हार्दिक पंड्या क्या चाहते हैं इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता बल्कि मायने यह रखता है कि भारत क्या चाहता है। और जब भी मुझे मौक़ा मिलता है मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की पूरी कोशिश करता हूं।"

"कुछ दिन अच्छे होते हैं, कुछ नहीं। लेकिन मेरा माइंडसेट मेरी मदद करता है। और मुझे लगता है कि मेरे पूरे क्रिकेट करियर में ही यह स्थिति रही है। मैंने हमेशा ही अपनी टीम और देश को ख़ुद से ऊपर रखने की कोशिश की है और हर वो टीम जिसके लिए मैं खेलता हूं। और मुझे लगता है कि यही मेरी सबसे ख़ास बात है जिसने मेरी मदद की है।"

हार्दिक की अनुपस्थिति में भारत को टीम में संतुलन के लिए जूझते देखा गया है। 2023 वनडे विश्व कप में हार्दिक के चोट के चलते बाहर होने के बाद भारत को टीम में संतुलन खोजने के लिए दो बदलाव करने पड़े। सूर्यकुमार को बल्लेबाज़ी क्रम में लाने के साथ ही भारत को मोहम्मद शमी को एकादश में लाने के लिए शार्दुल ठाकुर को बाहर बैठाना पड़ा। भारत को अपनी बल्लेबाज़ी में गहराई सुनिश्चित करने से समझौता करने पर मजबूर होना पड़ा और शमी से आठवें स्थान पर बल्लेबाज़ी करानी पड़ी जो कि टूर्नामेंट में बाद में उन्हें खटका भी।

अक्तूबर में ही भारत को हार्दिक की कमी खली जब मेलबर्न T20I में भारत 125 के स्कोर पर सिमट गया। कटक में हार्दिक उपस्थिति ने सभी को इस बात की याद दिलाई कि जब हार्दिक फ़िट होते हैं तो भारत के लिए सबकुछ सही रहता है और उन्हें हराना मुश्किल हो जाता है।

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देवरायण मुथु ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं।