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अपने सबसे मज़बूत पक्ष का पुन: उपयोग कर चहल को मिली सफलता

"मैं पिछले मैच में काफ़ी ज़्यादा स्लाइडर गेंदें फेंक रहा था, जबकि मेरी ताकत गेंद को स्पिन कराना है"

चहल के लिए पहले दो मैच कुछ ख़ास नहीं रहे थे  BCCI

अक्सर यह कहा जाता है कि यदि आप एक ही काम को बार-बार करते हैं, तो आप अलग-अलग परिणामों की उम्मीद नहीं कर सकते। हालांकि अगर आप वही परिणाम चाहते हैं, तो आपको शायद वही बात दोहराते रहना चाहिए। युज़वेंद्र चहल के साथ साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ विशाखापटनम में तीसरे टी20 मैच में कुछ ऐसा ही हुआ।

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चहल को इस सीरीज़ मे एक प्रमुख स्पिनर के तौर पर टीम में शामिल किया गया था। उनका आईपीएल 2022 काफ़ी बढ़िया रहा था और 17 मैचों में 27 विकेट लेते हुए उन्होंने पहली बार अपने करियर में पर्पल कैप भी हासिल किया था। हालांकि उसके बाद जैसे ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने कदम रखा, उनका प्रदर्शन कुछ ख़ास नहीं रहा। उन्होंने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहले मैच में 2.1 ओवर में 26 रन दिए और दूसरे मैच में चार ओवर में 49 रन देकर सिर्फ़ एक विकेट लिया।

दूसरे मैच में ख़ास कर के चहल गेंद को स्पिन कराने का प्रयास नहीं कर रहे थे। वह गेंद को तेज़ फेंकने का प्रयास कर रहे थे। इसके कारण साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ों को उनके ख़िलाफ़ शॉट लगाने में ज़्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा। मैच के बाद चहल कोचिंग स्टाफ़ के साथ बैठे और इस बात पर चर्चा हुई कि वह अपनी गेंदबाज़ी में सुधार करने के लिए क्या कर सकते हैं। निष्कर्ष यह था कि वहीं कीजिए जिससे आपको पहले सफलता मिलती थी।

मंगलवार को खेले गए तीसरे टी20 मैच में चहल ने वही करने का प्रयास किया। वह अपने गति में लगातार परिवर्तन कर रहे थे और गेंद को स्पिन करने का प्रयास कर रहे थे। इससे चहल को सफलता मिली और उन्होंने 20 रन देकर तीन विकेट लिए। उनकी इस गेंदबाज़ी प्रदर्शन की मदद से भारत साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेले जा रहे सीरीज़ की पहला मैच जीतने में सफल रहा।

180 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ़्रीका के दोनों सलामी बल्लेबाज़ पावरप्ले के दौरान ही आउट हो गए। हालांकि पिछले दो मैचों को देखा जाए तो साउथ अफ़्रीका के मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों ने ही भारतीय टीम को सबसे ज़्यादा परेशान किया है। इस सीरीज़ के एक मैच में डेविड मिलर और रासी वान दर दुसें ने बढ़िया पारी खेलते हुए मैच जिताया था, वहीं दूसरे टी20 मैच में हेनरिक क्लासेन ने ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए मैच को साउथ अफ़्रीका के झोली में डाल दिया था।

चहल ने मंगलवार को क्लासेन को इस बार ज़्यादा हाथ खोलने का मौक़ा नहीं दिया। हालांकि चहल को पंत ने पांचवें ओवर में ही गेंदबाज़ी करने के लिए बुला लिया था। पंत को लग रहा था कि मैच में ओस का असर देखने को मिल सकता है। इसी कारण से उन्होंने चहल को थोड़ी जल्दी ही गेंदबाज़ी करने के लिए बुलाया था।

चहल ने अपने पहले ओवर में सिर्फ़ दो रन दिए थे। अपने दूसरे ओवर में उन्होंने रासी को आउट

कर दिया। रासी उनकी गेंद पर कट लगाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन वह लेग स्पिन गेंद को ठीक तरीक़े से संभालने में असफल रहे। ड्वेन प्रिटोरियस भी कुछ इसी तरीक़े से आउट हुए।

प्रिटोरियस का विकेट गिरने के बाद साउथ अफ़्रीका का स्कोर 57 था और पारी का नौवां ओवर चल रहा था। हालांकि क्लासेन अभी भी क्रीज़ पर थे। क्लासेन ने अब तक चहल के 28 गेंदों पर 74 रन बनाए हैं। दूसरे टी20 मैच में भी चहल ने क्लासेन के 13 गेंदों का सामना करते हुए 30 रन बनाया था। 15वें ओवर में चहल को पंत ने फिर से गेंद थमाई। उस वक़्त तक ज़रूरी रन रेट 15 के क़रीब था। चहल ने ऑफ़ स्टंप के बाहर फुलर लेंथ गेंद डाली, क्लासेन ने इस गेंद को ऑफ़ साइड में उड़ा कर मारने का प्रयास किया लेकिन एक्सट्रा कवर पर अक्षर पटेल को कैच थमा बैठे। यहीं मैच लगभग भारत की झोली में गिर गया।

चहल ने मैच के बाद कहा, "पिछले मैच में मैं बहुत सारी स्लाइडर्स गेंद डाल रहा था और मैं थोड़ी तेज़ गेंदबाज़ी भी कर रहा था। मैं अच्छी गेंद फेंक भी रहा था, तब भी मुझे कोई टर्न नहीं मिल रहा था।"

"मेरी ताक़त गेंद को स्पिन कराना और गेंद को फ़्लाइट करना है। मैं वह नहीं कर रहा था। इसलिए बल्लेबाज़ों के लिए मेरे ख़िलाफ़ शॉट लगाना आसान हो गया था क्योंकि उनके लिए गेंद सीधी जा रही थी।"

"आज रात मैंने [पिच से] कुछ मदद पाने के लिए सीम पोज़िशन में बदलाव करते हुए तेज़ लेगब्रेक गेंदबाज़ की। मैंने अपनी लाइन को भी बदलने की कोशिश की ताकि बल्लेबाज़ पहले से ही यह ना भांप लें कि गेंद किस लाइन में गिरने वाली है।

"आज मैं वही गेंदबाज़ी करना चाह रहा था जिससे मुझे पूर्व में भी सफलता मिली है। अगर वैसा करने के बावजूद मेरे ख़िलाफ़ 40-45 रन बनाते तो भी मैं कम से कम तीन विकेट भी लेता।"

हेमंत बराड़ ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।