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आंकड़े झूठ नहीं बोलते : 2022 रहा है सूर्यकुमार का वर्ष

यदि अर्शदीप सिंह डेथ ओवर्स में और प्रभावशाली गेंदबाज़ी करेंगे तो बनेंगे भारत के अगले संपूर्ण टी20 गेंदबाज़

इस समय प्रचंड फ़ॉर्म में चल रहे हैं सूर्यकुमार यादव  PTI

इंदौर में तीसरे टी20 में भारत के सामने सवाल है घर पर साउथ अफ़्रीका पर अर्जित किए गए पहली सीरीज़ जीत को अब एक क्लीन स्वीप में परिवर्तित करना। वहीं मेहमान टीम के लिए गुवाहाटी में मिली हार में काफ़ी कुछ था जो उन्हें दिलासा देगा कि वह इस मैच में विजयी होकर टी20 विश्व कप की तरफ़ आत्मविश्वास से बढ़ सकते हैं। आईए इस मैच के मज़ेदार आंकड़ों पर हम नज़र डालते हैं।

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जय सूर्या!

सूर्यकुमार यादव ने 2022 में टी20आई क्रिकेट में 793 रन, जो अपने आप में बड़ा प्रभावशाली है लेकिन जब इनके रन बनाने के तरीक़े आपको बताएंगे, तो आपको भी पता चलेगा क्यों यह खिलाड़ी नबंर एक रैंकिंग के इतने निकट हैं।

अब तक पुरुष टी20आई में एक साल में सर्वाधिक छक्कों का रिकॉर्ड पाकिस्तान के मोहम्मद रिज़वान के नाम था, जिन्होंने 2021 में 42 सिक्सर लगाए थे। सूर्यकुमार इस वर्ष 50 छक्के (और साथ में 68 चौके) मार चुके हैं। शीर्ष के 10 टीमों में न्यूनतम 1000 टी20आई रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में अब तक कॉलिन मनरो का 156 का स्ट्राइक रेट सर्वश्रेष्ठ था। सूर्यकुमार ने अपने करियर में 177 के दर से रन बनाए हैं और 2022 में उनका स्ट्राइक रेट 185 तक बढ़ चुका है। और पुरुष टी20 क्रिकेट में सबसे कम गेंदों पर 1000 रन बनाने का रिकॉर्ड भी अब सूर्यकुमार के पास है, जिन्होंने यह कीर्तिमान 573 गेंदों में बना लिया, ग्लेन मैक्सवेल से 27 कम गेंदों में।

अर्शदीप को ढूंढना होगा डेथ ओवर्स गेंदबाज़ी का जादू

जब अर्शदीप सिंह को भारतीय टीम में शामिल किया गया था तब इसकी सबसे बड़ी वजह उनकी डेथ ओवर्स (17-20) में सटीक गेंदबाज़ी बताई जाती थी। हालांकि भारत के खेलते हुए वह नई गेंद से कहीं ज़्यादा प्रभावशाली दिखे हैं।

अर्शदीप ने अब तक 11 पारियों में 19 विकेट लिए हैं जो अपने आप में प्रशंसनीय प्रदर्शन है। पावरप्ले (1-6) में गेंदबाज़ी करते हुए उन्होंने 8 विकेट लिए हैं और डेथ ओवर्स में 10। लेकिन जहां पावरप्ले में केवल दो फ़ील्डर को दायरे के बाहर रखने के बावजूद उनकी इकॉनमी 7.8 की रहती है, वहीं डेथ ओवर्स में यही इकॉनमी 8.53 तक चली जाती है। 11 पारियों में 31 डॉट के साथ उन्होंने 12 चौके और चार छक्के भी खाएं हैं। अगर वह बाउंड्री की संख्या को कम कर लेंगे तो भारत के लिए एक संपूर्ण टी20 गेंदबाज़ बनकर उभरेंगे।

पंत के सामने महाराज की चुनौती

भारत चाहेगा कि ऋषभ पंत को इस मैच में कुछ बल्लेबाज़ी का अच्छा अभ्यास मिले। विराट कोहली को विश्राम दिए जाने के चलते ऐसा संभव है कि उन्हें बल्लेबाज़ी क्रम में सलामी जोड़ी के ठीक बाद मौक़ा मिले। पंत वैसे टी20आई में 1000 रन पूरा करने से भी केवल 66 रन दूर हैं।

हालांकि साउथ अफ़्रीका के बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज ऐसे प्रोमोशन से बड़े उत्साहित होंगे। अब तक पंत और महाराज का इस स्तर पर दो बार सामना हुआ है और दोनों बार महाराज ने ही उनका विकेट निकाला है। और तो और, महाराज की आठ गेंदों पर पंत केवल छह ही रन बना सके हैं। 75 का स्ट्राइक रेट और 3 का यह औसत बताता है कि क्रिकेट में हमेशा बाएं हाथ का बल्लेबाज़ बाएं हाथ के स्पिनर के लिए काल बनकर नहीं बरसता।

बवूमा से होगी बड़ी उम्मीद

पिछले टी20 विश्व कप में साउथ अफ़्रीका सेमीफ़ाइनल पहुंचने से केवल नेट रन रेट के आधार पर वंचित रह गया था। इस दौरान तेम्बा बवूमा के कप्तानी और नेतृत्व की काफ़ी प्रशंसा हुई थी। लेकिन तब से अब तक उनका व्यक्तिगत फ़ॉर्म टीम के लिए परेशानी का सबब बन चुका है।

2021 से टी20आई खेलते हुए बवूमा ने 30 का आंकड़ा केवल पांच बार पार किया है। ऐसे में उन्हें दोहरे अंकों तक पहुंचने में असफलता भी नौ बार प्राप्त हुई है, जिसमें चार शून्य के स्कोर मौजूद हैं। इन में दो तो पहले दो मैचों में ही मिली है। बवूमा ने इस अवधि में अपने आउट होने के अवसरों में से 63 प्रतिशत बार 10 से भी कम गेंदें खेलीं हैं, जो किसी भी सलामी बल्लेबाज़ के लिए बहुत ही गंभीर समस्या कहलाएगी। क्या वह ख़ुद को बल्लेबाज़ी क्रम में नीचे धकेलकर टीम के फ़ॉर्म में चल रहे बल्लेबाज़ों को मौक़ा देंगे?

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देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर असिस्‍टेंट एडिटर और स्‍थानीय भाषा प्रमुख हैं।