नॉर्खिये : हमारा तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण सर्वश्रेष्ठ है
भारत के ख़िलाफ़ मुक़ाबले के लिए तैयार है यह साउथ अफ़्रीकी तेज़ गेंदबाज़

भारत के ख़िलाफ़ पर्थ की तेज़ पिच पर होने वाले मुक़ाबले के लिए साउथ अफ़्रीकी टीम प्रबंधन चार तेज़ गेंदबाज़ों को उतार सकता है। इस पिच पर विश्व कप के तीन मुक़ाबले हुए हैं और मार्क वुड व हारिस रउफ़ जैसे तेज़ गेंदबाज़ों ने 150 किमी/घंटे के आंकड़े को पार किया है। इस मैदान पर पावरप्ले के दौरान गेंद स्विंग होती है और बल्लेबाज़ी आसान नहीं रहता।
हालांकि इसी मैदान पर आप अधिक फ़ुल या शॉर्ट गेंदें नहीं फेंक सकते। ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ मैच के दौरान पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ों ने शुरुआत में यह ग़लती की और बाद में अपने लेंथ में सुधार किया। साउथ अफ्ऱीकी टीम प्रबंधन ने इस बात को नोटिस किया है।
उनके तेज़ गेंदबाज़ अनरिख़ नॉर्खिये कहते हैं, "इस मैदान पर तेज़ी और उछाल दोनों है। यहां कुछ अलग या फ़ैंसी करने की ज़रूरत नहीं है। बस बेसिक्स पर टिके रहो और जितना रोक सकते हो, उतना रन रोकने का प्रयास करो।"
नॉर्ख़िये भी लगातार 150 किमी/घंटे की रफ़्तार से गेंदबाज़ी कर सकते हैं और उनका मुख्य हथियार शॉर्ट गेंद है। उन्होंने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि हमें भविष्य में कम से कम दो बाउंसर डालने की अनुमति मिलेगी। अभी फ़िलहाल एक ही बाउंसर है तो आपको इसका इस्तेमाल ध्यान से करना होता है। आप भावुक होकर कभी भी बाउंसर नहीं डाल सकते। कई बार यह देखने में अच्छा लगता है, लेकिन अगर आप सही समय पर इसका प्रयोग ना करें तो यह उतना प्रभावी नहीं होता है। हमें ऐसी परिस्थितियों में शांत रहना होता है।"
वह आगे कहते हैं, "हमारा तेज़ गेंदबाज़ी क्रम फ़िलहाल इस टूर्नामेंट में सर्वश्रेष्ठ में से एक है और हमें अपने आप पर पूरा भरोसा है। हमारे गेंदबाज़ी क्रम में तेज़ी और विविधता है, इसके अलावा हमारे स्पिनर्स भी शानदार हैं। यह टीम काफ़ी लंबे समय से एक साथ है और लगभग सभी खिलाड़ियों को पता है कि उनकी जगह कहां फ़िट होती है। यह एक बेहतरीन टीम है और मुझे उम्मीद है कि इस बार हम कप जीतेंगे।"
ट्रिस्टन लैवलेट पर्थ स्थित क्रिकेट पत्रकार हैं
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