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रोहित : मैंने देखा है कि अंतिम ओवर में स्पिनरों के साथ क्या होता है

भारतीय कप्तान ने अश्विन को 18वां ओवर देने के पीछे का कारण बताया

हां या ना : विराट कोहली से मारक्रम का कैच छूटना टर्निंग प्वाइंट बन गया

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चार विकेट गंवा चुकी साउथ अफ़्रीका को 18 गेंदों में 25 रनों की आवश्यकता थी जब भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने रविचंद्रन अश्विन को गेंद थमाई।

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पर्थ की पिच ने पूरे मैच में तेज़ गेंदबाज़ों को मदद की थी लेकिन भारत को स्पिन का अंतिम ओवर पूरा करना था। डेविड मिलर ने इसका फ़ायदा उठाया और पहली दो गेंदों पर छक्के लगाकर मैच को लगभग अपनी झोली में डाल दिया।

अश्विन ने चौथी गेंद पर ट्रिस्टन स्टब्स को पगबाधा किया लेकिन इसके बाद भी साउथ अफ़्रीका को अंतिम 12 गेंदों पर केवल 12 रन चाहिए थे जो मिलर और वेन पार्नेल ने दो गेंद शेष रहते बना लिए।

मैच के बाद रोहित ने कहा कि अश्विन को 18वां ओवर देने का उनका निर्णय 2022 टी20 विश्व कप में अंतिम ओवर में स्पिनरों के अब तक के प्रदर्शन से प्रभावित था। भारत के पहले मैच में पाकिस्तान के बाएं हाथ के स्पिनर मोहम्मद नवाज़ अंतिम ओवर में 16 रन बचाने में नाकाम रहे थे।

पोस्ट मैच प्रेज़ेंटेशन में रोहित ने कहा, "मैंने देखा है कि अंतिम ओवर में स्पिनरों के साथ क्या होता है और इसलिए मैं ऐश (अश्विन) को अंतिम ओवर के लिए ना बचाकर उनका ओवर पूरा करना चाहता था। मैं यह सुनिश्चित करना चाहता था कि तेज़ गेंदबाज़ सही ओवर डाले लेकिन जब आपके पास ऐसे विकल्प होते हैं तो आपको कभी ना कभी उनका इस्तेमाल करना है। मैंने सोचा कि नया बल्लेबाज़ (स्टब्स) क्री पर आया है और यह उनके लिए गेंदबाज़ी करने का सही समय था। हालांकि ऐसी चीज़ें होती रहती है। मिलर ने कुछ बढ़िया शॉट भी लगाए।"

अश्विन ने चार ओवरों में 43 रन देकर एक विकेट अपने नाम किया। उन्हें चार छक्के पड़े और वह इस मैच के सबसे महंगे गेंदबाज़ साबित हुए। मैच के बाद एडन मारक्रम से पूछा गया कि क्या साउथ अफ़्रीका ने अश्विन पर हावी होने की योजना बनाई थी।

मैच के 18वें ओवर में रविचंद्रन अश्विन ने 13 रन देते हुए ट्रिस्टन स्टब्स का विकेट लिया  Associated Press

जवाब में मारक्रम ने कहा, "जब तेज़ गेंदबाज़ों को खेलना कठिन था तो स्वाभाविक तौर पर हमारा खेल इस प्रकार बदला। हमें उम्मीद थी कि वह केशव (महाराज) पर प्रहार करेंगे। उन्होंने भी उम्मीद की होगी कि हम अश्विन के विरुद्ध ऐसा करेंगे क्योंकि इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों को खेलना कठिन था। हम ऐसी स्थिति में आ गए थे कि हमें किसी ना किसी को आड़े हाथों लेना था। ड्रिंक्स ब्रेक तक उन्होंने बढ़िया गेंदबाज़ी की थी। हमें किसी एक को चुनना था और वह कोई भी हो सकता था। कभी यह आपके पक्ष में जाता है और कभी नहीं।"

उन्होंने आगे कहा, "आप यह मैच-अप परिस्थितियों के अनुसार चुनते हैं। अलग परिस्थितियों में जाने पर यह पूरी तरह बदल जाएंगे। हमने ड्रिंक्स ब्रेक में चर्चा की कि हमें किसी एक गेंदबाज़ को चुनकर अपने प्लान पर टिकना होगा और अगर यह सही रहा तो हमारे पास मौक़ा होगा।"

गति और उछाल से भरी पिच पर भारत ने नौ विकेट पर 133 रन बनाए और फिर 10 ओवरों में साउथ अफ़्रीका को केवल 40 रन बनाने दिए। भारत के पास मैच में हावी होने के कई मौक़े थे लेकिन 12वें ओवर में विराट कोहली ने मारक्रम का कैच टपकाया। अगले ओवर में रोहित ने रन आउट का मौक़ा गंवाया जहां मिलर के आउट होने की संभावना थी। मारक्रम और मिलर ने 60 गेंदों पर 76 रन जोड़कर भारत को इन ग़लतियों का ख़ामियाज़ा भुगतने पर मजबूर किया।

भारतीय कप्तान ने कहा, "जब आप वह स्कोर (40 पर तीन) देखते हैं, आपको लगता है कि आप मैच में बने हुए हैं क्योकि इस पिच पर तेज़ गेंदबाज़ों को कभी भी विकेट मिल सकती थी। हालांकि मुझे लगा कि मारक्रम और मिलर की वह साझेदारी मैच जिताऊ थी।"

रोहित को लगा कि भारतीय टीम की फ़ील्डिंग उम्मीदानुसार नहीं रही। उन्होंने कहा कि टीम ने कई मौक़े गंवाए। कप्तान ने यह भी कहा कि टीम ऐसी (ठंडी) परिस्थितियों में खेल चुकी है और यह कोई बहाना नहीं हो सकता।

टीम की फ़ील्डिंग पर रोहित ने कहा, "पिछले दो मैचों में हम मैदान पर अच्छे रहे थे और हम इस विभाग में निरंतर होना चाहते हैं। दुर्भाग्यवश हम मौक़ों को लपक नहीं पाए, रन आउट करने से भी चूके। हालांकि हमें सिर ऊंचा रखते हुए आने वाली चीज़ों के पारे में सोचना होगा। साथ ही यह कि हम इस मैच से क्या सीखेंगे ताकि ऐसे मैचों में उस पर अमल किया जाए।"

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