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इस सीरीज़ के लिए आपकी क्या योजनाएं थी, श्रीलंका?

यह हमेशा एक बेहद चुनौतीपूर्ण दौरा होने वाला था, लेकिन यह इतना शर्मनाक नहीं होना चाहिए था

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श्रीलंका के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन से जुड़े कुछ अहम सवालों पर वसीम जाफ़र का फ़ैसला

श्रीलंकाई टीम दिमुथ करुणारत्ना ने सोचा था कि तेज़ गेंदबाज़ दुश्मंता चमीरा दूसरे टेस्ट में चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि चमीरा को मोहाली टेस्ट में इसीलिए आराम दिया जाएगा ताकि वह बैंगलुरु टेस्ट में उपलब्ध हो सकें।

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हालांकि यह बात थोड़ा तर्कपूर्ण भी था क्योंकि चमीरा मोहाली टेस्ट से पहले लगातार आठ टी20 मैच का हिस्सा रहे थे, जिसमें से उन्होंने पांच मैच ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ और तीन मैच भारत के ख़िलाफ़ खेला था। इसके अलावा वह टखने की चोट से उबर रहे थे। ऐसे में उन्हें एक टेस्ट में आराम देने का फ़ैसला बिल्कुल सही था। ताकि उन्हें पिंक बॉल टेस्ट में सही तरीके से प्रयोग में लाया जा सके।

बेंगलुरू टेस्ट से पहले के दिनों में यह बात सामने आई थी कि चमीरा की चोट को लंबे समय तक मैनेज करने की ज़रूरत पड़ सकती है। वह अब भी बेंगलुरू में खेल सकते थे, लेकिन टीम का ध्यान इस साल खेले जाने वाले टी20 विश्व कप पर है, और वे उस प्रारूप में अपने तेज़ गेंदबाज़ को खोने का जोख़िम नहीं उठा सकते थे। श्रीलंका पहले ही अपने एक तेज़ गेंदबाज़ को खो चुका था। पहले टेस्ट में लहिरु कुमारा को हेमस्ट्रिंग की समस्या हुई थी। एक हिसाब से देंखें तो चमीरा को टेस्ट टीम में बेवजह शामिल किया गया। उनकी जगह पर टीम में किसी और खिलाड़ी को शामिल किया जा सकता था। ऐसा हो सकता था कि चमीरा की जगह पर टीम में असिता फर्नांडो को शामिल किया जाए।

इस सीरीज़ में श्रीलंका के लिए चरित असलंका ने नंबर पांच पर बल्लेबाज़ी की है। उन्होंने टी20 विश्व कप के दौरान श्रीलंकाई टीम के लिए बढ़िया प्रदर्शन किया था। साथ ही वह वनडे में भी नंबर 5 पर बल्लेबाज़ी करते हैं। वह एक बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में क्या वह सही बल्लेबाज़ हैं? प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 70 मैचों में उन्होंने सिर्फ़ एक शतक लगाया है।

यदि श्रीलंका के पास उनकी जगह को भरने के लिए कोई और खिलाड़ी नहीं होता तो उनका चयन तर्कपूर्ण हो सकता है, लेकिन इस टीम में एक अनुभवी बल्लेबाज़ है, अगर इतिहास की बात करे तो वह भारत के साथ खेलना पसंद करता है। भारत के ख़िलाफ़ और विशेष रूप से भारत में उनका प्रदर्शन प्रभावशाली है। हम बात कर रहे हैं दिनेश चांदीमल की, जिनका टेस्ट में भारत के ख़िलाफ़ उनका औसत 50 का है।

2017 में जब श्रीलंकाई टीम ने भारतीय टीम का दौरा किया था, तब चांदीमल ने 61 की औसत से 366 रन बनाए थे। रन बनाने के मामले में उस सीरीज़ में चांदीमल ने सिर्फ़ विराट से ही पीछे थे। इस सीरीज़ के दौरान नागपुर में जो टेस्ट खेला गया था, वहां उन्होंने दोनों पारियों में अर्धशतक बनाया था। भले ही उनकी टीम वह मैच हार गई थी। उसके बाद दिल्ली में खेले गए टेस्ट में 164 रनों की पारी खेली थी। यह मैच ड्रॉ हुआ था।

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टेस्ट क्रिकेट में अगर आप भारत के ख़िलाफ़ भारत में खेलना क्रिकेट के सबसे मुश्किल कामों में से एक है। यहां सफल होने के लिए आपको कौशल और अनुभव की आवश्यकता होती है। चांदीमल की हालिया फॉर्म कुछ ख़ास नहीं रहा है, लेकिन इसके बावजूद उनके खाते में 11 टेस्ट शतक है, और करियर औसत लगभग 40 है। बेंगलुरु में पहली पारी में कुसल मेंडिस ने करुणारत्ना के साथ पारी की शुरुआत की थी। सोच शायद यह थी कि मेंडिस स्पिन के ख़िलाफ़ एक अच्छे बल्लेबाज़ हैं और आर अश्विन की ऑफ़ स्पिन को बेहतर तरीके से खेल भी सकते हैं। हालांकि मेंडिस ने बुमराह की गेंद पर आउट हुए।

दूसरे दिन श्रीलंका ने 10 ओवरों के भीतर अपने दो रिव्यू गंवा दिए। हालांकि बाद में जिस गेंद पर उन्हें रिव्यू लेना चाहिए था, उन्होंने नहीं लिया। अपने छ: महीने के संस्पेशन के बाद निरोशन डिकवेला शायद सबसे ख़राब रिव्यू लेने वाले खिलाड़ी हैं। वह कप्तान को कई ख़राब रिव्यू लेने के लिए सलाह देते हैं।

इस मैच में श्रीलंकाइ गेंदबाज़ों की लाइन और लेंथ काफ़ी ख़राब थी। बल्लेबाज़ों ने भी कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं किया है। शरीर से दूर गेंद को ड्राइव करने का प्रयास। अटैक या डिफ़ेंस करते हुए ग़लत तकनीक के साथ खेलना। साथ ही क्षेत्ररक्षण में भी उन्होंने कम से कम छ: कैच छोड़े हैं।

श्रीलंका वास्तव में कभी भी इस भारतीय टीम को चुनौती देने के लिए तैयार नहीं थे। शायद मेज़बान जितना शानदार रहा है, श्रीलंका ने भी उदारतापूर्ण तरीके से अपने भारतीय टीम रास्ते को कठिन नहीं बनने दिया है।

उन्होंने तुरंत निर्णय लिए हैं, कम तैयारी वाले खिलाड़ियों को टेस्ट मैच की सबसे कठिन परिस्थितियों में फेंक दिया है, और चौंकाने वाले चयन कॉल किए हैं। और वे तीन दिनों के भीतर अपना लगातार दूसरा टेस्ट हार सकते हैं।

संक्षेप में वे एक ऐसी टीम की तरह खेले हैं, जिसका दिसंबर से कोई मुख्य कोच नहीं है और अभी भी उसकी खोज़ जारी है।

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ऐंड्रयू फ‍़िडेल फ़र्नांडो ESPNcricinfo के श्रीलंकाई संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।