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सिराज की 'वॉबल-सीम जादूगरी' ने अहमदाबाद टेस्ट में जान डाल दी

वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ खेले जा रहे पहले टेस्ट के पहले दिन सिराज को वह मिला, जिसके वह हक़दार थे

Mohammed Siraj की वॉबल सीम ने अहमदाबाद में कमाल कर दिया  Associated Press

क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज़ के लिए शरीर का पूरी तरह से खुल जाना अच्छा नहीं है, लेकिन कभी-कभी गेंदबाज़ ऐसी बेहतरीन गेंद डालता है कि बल्लेबाज़ कुछ और कर ही नहीं सकता।

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अहमदाबाद में गुरुवार को मोहम्मद सिराज ने रोस्टन चेज़ को ठीक ऐसी ही एक गेंद फेंकी। गेंदबाज़ के हाथ से गेंद छूटने के दौरान और उसके बाद के कुछ सेकंड में बल्लेबाज़ ने जो कुछ भी सोचा होगा, वे सब यही बता रहे होंगे कि गेंद उनके अंदर की तरफ़ आएगी। उसमें पहला संकेत यह था कि सिराज ने ऑफ़ स्टंप के काफ़ी बाहर से गेंद को रिलीज़ किया था, जिससे हमेशा ही दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए अंदर की तरफ़ एक स्वाभाविक कोण बनता है। फिर बॉल ट्रैकिंग डेटा के अनुसार गेंद 0.7 डिग्री अंदर स्विंग हुई।

चेज़ ने स्क्रेंब्लड सीम भी देखा होगा। जब सिराज इस तरह से गेंद रिलीज़ करते हैं, तो यह अनिवार्य रूप से ऑफ़कटर की तरह व्यवहार करती है। दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए अंदर की तरफ़ आती है और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ से दूर जाती है।

हालांकि यह हमेशा अनिवार्य नहीं होता। यह गेंद अलग थी। यह पिच पर पड़ने के बाद सीधी निकली। पहले विचार में तो गेंद अंदर आ रही थी लेकिन इस तरह से गेंद का सीधा हो जाना चेज़ को मुश्किल में फंसा गया। अचानक से चेज़ का ऑन साइड में गेंद खेलने का पूरी तरह से तार्किक विचार बहुत हास्यास्पद लगने लगा। गेंद उनके बल्ले पर लगी और कीपर के पास चली गई। वेस्टइंडीज़ 105 रन पर 6 विकेट गंवा चुका था, जिसमें से चार विकेट सिराज ने लिए थे।

अगर पहले तीन विकेट सिराज के बढ़ते प्रशंसकों के लिए संतोषजनक थे, तो इस विकेट ने उन्हें अपनी सीट से उछलने पर मज़बूर कर दिया होगा।

क्या यह सिराज की इच्छाशक्ति थी? क्या यह एक नया वैरिएशन था ?

दिन का खेल ख़त्म होने पर अपनी प्रेस कांफ़्रेंस में सिराज ने कहा, "वॉबल सीम वाली गेंद ऐसी होती है कि कभी सीधी निकल जाती है और कभी कट होकर आती है (दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए अंदर)। वह गेंद गिरने के बाद साइनी साइड की तरफ़ सीधी निकली। मैं ज़्यादातर वॉबल-सीम गेंद को अंदर की तरफ़ लाने का प्रयास करता हूं, लेकिन वह गिरने के बाद सीधी रही।

इस बात को सुन कर लगता है कि वह गेंद एक सुखद संयोग की तरह रही होगी। एक ऐसी घटना जिसके बारे में सिराज जानते हैं कि यह कभी-कभार हो सकती है, लेकिन वह जान-बूझकर ऐसा नहीं कर सकते।

यह गेंदबाज़ी सिराज के स्वभाव से बहुत मेल खाती है। यह वह खिलाड़ी है, जिसने नवंबर 2024 से अगस्त 2025 तक ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में दस टेस्ट मैचों में अथक प्रयास के साथ और ज़बरदस्त कौशल, नियंत्रण और समझदारी से गेंदबाज़ी की। वह शायद ही कभी अच्छी लाइन और लेंथ से भटके, शायद ही कभी उनकी तीव्रता कम हुई, और उन्होंने लगभग हमेशा बल्लेबाज़ों को दोनों किनारों पर परेशान किया, फिर भी उन दो सीरीज़ में उनका औसत 31.15 और 32.43 रहा। लेकिन उन्होंने अपनी प्रक्रिया पर अपना अडिग विश्वास कभी नहीं खोया।

हालांकि इस मेहनत का परिणाम उन्हें थोड़ी देर से मिला लेकिन मिला ज़रूर। द ओवल में उन्होंने जिस तरह की गेंदबाज़ी की और उन्हें जो सफलता मिली, वह अदभुत था। गुरुवार का दिन सिराज का दिन था। तेजनारायण चंद्रपॉल लेग साइड में फंस गए। ब्रैंडन किंग ने मिडिल स्टंप को उड़ाने वाली गेंद को छोड़ दिया, जबकि गेंद में कोई असामान्य या अप्रत्याशित रूप से कुछ नहीं कुछ था। अथानेज़ ने ड्राइव के लिए ललचाने वाली गेंद पर कैच दे दिया।

इसके बाद क्रिकेट के देवताओं ने ऐसा आशीर्वाद गिया कि वॉबल सीम गेंद साइनी साइड की तरफ़ चली गई।

सिराज ने निश्चित रूप से इस सौभाग्य को मेहनत से हासिल किया था। प्रेस कांफ़्रेंस में किसी ने उन्हें सुझाव दिया कि इंग्लैंड में इतनी मेहनत करने के बाद, कमज़ोर प्रतिद्वंद्वी के ख़िलाफ़ इतनी जल्दी विकेट मिलना एक राहत की बात होगी। अपनी मीठी विनम्रता को खोए बिना, उन्होंने स्पष्ट किया कि उस सवाल से उन्हें ठेस पहुंची है।

सिराज ने कहा, "सर, यहां भी मैंने चार विकेट सिर्फ़ कड़ी मेहनत से लिए हैं। विकेट सिर्फ़ कड़ी मेहनत से मिलते हैं। मैंने इंग्लैंड में कड़ी मेहनत से विकेट लिए, और यहाx भी मैंने उसके लिए कड़ी मेहनत की। ऐसा नहीं है कि किसी ने मुझे मुफ़्त में विकेट दे दिए। मुझे वह पांचवां विकेट किसी ने नहीं दिया।"

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