हम दोनों 'प्लेयर ऑफ़ द मैच' के बराबर दावेदार : स्मृति
भारत ने उस वेस्टइंडीज़ को हराया, जिन्होंने अपने पहले दो मैच में मेज़बान न्यूज़ीलैंड और गत विजेता इंग्लैंड को पटखनी दी थी

ऐसा बहुत कम होता है जब कोई एक खिलाड़ी ख़ुद किसी दूसरे खिलाड़ी के साथ प्लेयर ऑफ़ द मैच का ख़िताब साझा करती है। इससे भी दुर्लभ यह है कि कोई खिलाड़ी ऐसे मौक़ों के लिए दो प्लेयर ऑफ़ द मैच ट्रॉफ़ी की मांग आयोजकों से करे।
स्मृति मांधना का मानना है कि अगर हरमनप्रीत कौर ने यह शतकीय पारी नहीं खेली होती, तो उनके 123 रन की पारी बेकार चली जाती। यही कारण है जब स्मृति को प्लेयर ऑफ़ द मैच का ख़िताब मिला तो उन्होंने हरमनप्रीत को भी साथ में बुलाया।
मैच के बाद मांधना ने कहा, "शतक बनाने के बाद भी प्लेयर ऑफ़ द मैच नहीं मिलना निराशाजनक होता है। हम दोनों ने भारत की इस पारी में बराबर का योगदान दिया। इसलिए हम प्लेयर ऑफ़ द मैच ट्रॉफ़ी के भी बराबर के हिस्सेदार हैं। मुझे लगता है कि आईसीसी के पास पर्याप्त बजट है और वे हमें एक और ट्रॉफ़ी देंगे।"
स्मृति और हरमनप्रीत के 184 रन की रिकॉर्ड साझेदारी की बदौलत भारत ने वेस्टइंडीज़ के सामने 317 रन का एक विशाल लक्ष्य रखा। यह भारत का विश्व कप में सबसे विशाल स्कोर है।
यह स्मृति का विश्व कप में और वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ भी दूसरा शतक है, जबकि विश्व कप में तीन शतक जड़ने वाली हरमनप्रीत पहली भारतीय महिला बनी हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत ने उस वेस्टइंडीज़ को हराया है, जिन्होंने अपने पहले दो मैच में मेज़बान न्यूज़ीलैंड और गत विजेता इंग्लैंड को पटखनी दी थी।
स्मृति ने कहा, "हम दोनों ही लक्ष्य का पीछा करना पसंद करते हैं। हमारी शक्तियां अलग-अलग हैं। हरमनप्रीत स्पिन खेलना अधिक पसंद करती है, जबकि मैं तेज़ गेंदबाज़ी को अधिक पसंद करती हूं। इसलिए जब स्पिनर आती थी तो मैं उन्हें स्ट्राइक दे देती थीं जबकि तेज़ गेंदबाज़ आने पर वह मुझे स्ट्राइक पर ला देती थीं। मुझे हैरी दी (हरमनप्रीत) के साथ बल्लेबाज़ी करना पसंद है। मैदान के बाहर भी हम दोनों के बीच अच्छा बॉन्ड है।"
स्मृति ने आगे बताया कि जब हरमनप्रीत बल्लेबाज़ी के लिए आईं तो तीन विकेट गंवाने के कारण भारत की स्थिति डांवाडोल थी। इसलिए उन्होंने पहले कुछ ओवर गंभीरता से खेलें और आपस में अधिक बात नहीं की। लेकिन जब हरमनप्रीत 40 के स्कोर तक पहुंच गईं फिर उसके बाद दोनों के बीच ख़ूब बातचीत हुई और मैदान के बीच में भी हंसी-मजाक हुआ।
स्मृति ने कहा, "जब हरमनप्रीत बल्लेबाज़ी के लिए आईं, तब हमने पहले सिंगल और डबल पर ही ध्यान दिया। तीन विकेट खोने के बाद हम एक और विकेट नहीं गंवा सकते थे। हालांकि इस दौरान हम अपना रन रेट भी नहीं कम होने देना चाहते थे। इसलिए हम दोनों ने पहले सिर्फ़ सिंगल और डबल लेने का सोचा, साथ ही साथ हम सिंगल को तेज़ रनिंग के साथ डबल में भी बदलना चाहते थे।"
ऑन्नेशा घोष ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर दया सागर ने किया है।
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