रेटिंग्स : केवल दीप्ति ही कर सकीं प्रभावित
स्मृति और स्नेह ने भी जुटाए कुछ अंक

ऐसा लगा जैसे भारतीय टीम इस मैच को खेलने के लिए तैयार ही नहीं थी। बुझी सी दिख रही टीम इंडिया को द हंड्रेड से खेलकर आ रही इंग्लैंड की खिलाड़ियों ने अच्छी तरीके से परीक्षा ली।
पहले सेरा ग्लेन के चार विकेट के नेतृत्व में गेंदबाज़ों ने उनको 132 रन पर ही रोक दिया, इसके बाद भारतीय गेंदबाज़ों को विकेट से तरसाते हुए नौ विकेट से जीत हासिल कर ली। सोफ़िया डंकली ने नाबाद 61 रन बनाए और ऐलिस कैप्सी ने नाबाद 32 रन की पारी खेली।
मात्र 13 ओवरों में मेज़बान टीम यह मैच जीत गई। भारत की ओर से दीप्ति शर्मा ही बल्लेबाज़ी में सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज़ रही। चलिए एक नज़र डालते हैं इस मैच में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर।
क्या रहा अच्छा और क्या बुरा?
इस मैच में अच्छे से पहले बुरे की ही बात की जान लेनी चाहिए। द हंड्रेड में खेलकर इंग्लैंड की सभी खिलाड़ी लय में थी और इस मैच में यह दिखा भी। उन्होंने भारत को एक-एक विकेट के लिए तरसा दिया, जबकि उनकी लेग स्पिनर सेरा ग्लेन ने सही लेंथ पर गेंदबाज़ी करके बल्लेबाज़ों को फंसाया। सबसे बुरा तो भारत का क्षेत्ररक्षण रहा, जहां इतने कम रन बनाने के बावजूद बाउंड्री पर क्षेत्ररक्षकों ने निरंतर चौके दिए। वहीं 10 वाइड समेत कुल 17 अतिरिक्त रन भी चर्चा का विषय रहेंगे।
यह तो हर बार की बात है कि दीप्ति शर्मा निचले क्रम में कुछ अहम रन बनाकर टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाती रही हैं, लेकिन झूलन गोस्वामी के टी20 से संन्यास लेने, पूजा वस्त्रकर के फ़ॉर्म में जूझने और मेघना सिंह के नहीं खेलने के बावजूद तेज़ गेंदबाज़ रेणुका सिंह ठाकुर अपने लक्ष्य से नहीं भटकी। पहले ओवर में उन्होंने नो बॉल ज़रूर की लेकिन उसके बाद केवल उन्होंने 5.75 के इकॉनमी से रन दिए। यानि चार ओवर में केवल 23 रन।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)
स्मृति मांधना, 6 :स्विंग लेती हुई पिच पर मांधना ने आज अपनी पारी की शुरुआत दो बेहतरीन चौकों के साथ की थी। इसके बाद उन्होंने बड़े ही आराम से अपने स्कोर को 20 के पार ले गईं लेकिन एक बढ़िया शुरुआत को वह बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाईं।
शेफ़ाली वर्मा, 4: जब मांधना आसानी से गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचा रही थीं, तब शेफ़ाली आराम से अपनी पारी को आगे बढ़ा रही थीं। हालंकि मांधना के विकेट के बाद जब उन्हें आक्रामक बल्लेबाज़ी करनी थी तो वह लांग ऑफ़ के फ़ील्डर को आसान सा कैच दे बैठी। साथ ही फ़ील्डिंग के दौरान उन्होंने सोफ़िया डंकली का एक आसान सा कैच भी टपका दिया।
दयालन हेमलता, 4 : लंबे समय के बाद टीम में वापसी कर रही दयालन हेमलता कुछ ख़ास नहीं कर पाई। 15 गेंद में मात्र 10 रन और वह लेग स्पिनर सेरा ग्लेन की लेंथ बॉल पर बुरी तरह से फंस गई।
हरमनप्रीत कौर, 5: मांधना की ही तरह हरमनप्रीत ने अपनी पारी की शुरुआत काफ़ी अच्छे तरीक़े से किया। उनकी मानसिकता एकदम साफ़ थीं। वह तेज़ी से रन बनाने का प्रयास कर रही थीं। हालांकि वह सेरा ग्लेन की ऐसी गेंद पर आउट हुईं, जो उम्मीद से काफ़ी ज़्यादा नीची रह गई। फ़ाल्डिंग के दौरान उन्होंने भी डंकली का एक कैच छोड़ा।
ऋचा घोष, 5 : ऋचा ने आज अपनी बल्लेबाज़ी के दौरान भले ही एकलस्टन जैसे गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ बड़े शॉट लगा कर भारतीय पारी को टॉप गियर पर ले जाने का प्रयास किया लेकिन कीपिंग के दौरान उन्होंने बाय में रन दिए और कुछ भी कमाल करने में सफल नहीं रह पाईं। हालांकि उनके खाते में वायट की एक स्टंपिंग ज़रूर गई, जिसमें उन्होंने कुछ अंक जुटाए।
किरण नवगिरे, 4: घरेलू क्रिकेट में एक बिग हिटर के तौर पर जाने जानी वाली किरण आज बिल्कुल भी लय में नहीं दिखीं। वह जब भी बड़ा शॉट लगाने का प्रयास कर रही थीं, गेंद उनके बल्ले में ठीक से नहीं आ रहा था। आज के मैच में उनका स्ट्राइक रेट 53.84 था जो उनकी बल्लेबाज़ी की पूरी दास्तां बयां करता है।
दीप्ति शर्मा, 7 : एक वक़्त पर ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम 125 के स्कोर को भी पार नहीं कर पाएगी लेकिन दीप्ति ने अंतिम ओवरों में बढ़िया बल्लेबाज़ी करते हुए 24 गेंदों में 29 रनों की पारी खेली। हालांकि गेंदबाज़ी में आज वह कुछ ख़ास प्रदर्शन नहीं कर पाईं।
पूजा वस्त्रकर, 5 : पूजा आज अपने ही कारण रन आउट होकर विकेट फेंक कर आ गई। अंतिम ओवर में पूजा से काफ़ी उम्मीदें थी लेकिन कोई बड़ा शॉट लगाने से पहले ही वह रन आउट होकर आ गई। वहीं जब गेदबाज़ी की बारी आई तब भी वह काफ़ी महंगी रहीं।
स्नेह राणा, 7 : स्नेह राणा कितनी भी साधारण गेंदबाज़ी में लगती हों लेकिन वह पिछले कुछ मैचों में भारत को अहम सफलताएं दिलाती रही हैं। जिस समय भारत एक विकेट के लिए भी तरस रहा था तब उन्होंने अपनी चतुराई से डेनियल वायट को स्टंपिंंग कराया। यह भारत को मिला एकमात्र विकेट था।
राधा यादव, कोई अंक नहीं : राधा यादव अहम साबित हो सकती थी लेकिन बैकवर्ड प्वाइंट पर एक गेंद को रोकने के चक्कर में उन्होंने डाइव लगाई और अपना दायां कंधा चोटिल कर बैठी। इसके बाद वह पूरे मैच में मैदान पर नहीं रही और उनकी जगह सिमरन दिल बहादुर ने क्षेत्ररक्षण किया।
रेणुका सिंह, 7 - कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को रजत पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाली रेणुका ने इस मैच में भी किफ़ायती गेंदबाज़ी की। उन्हें अपना पहला विकेट अपने पहले ही ओवर में मिल गया होता लेकिन डंकली को डाली गई यह गेंद नो बॉल थी। वह बच गईं और अर्धशतक लगाकर ही वापस लौटी। हालांकि चार ओवर में मात्र 23 रन देकर समझा जा सकता है कि वह लंबे समय तक भारतीय गेंदबाज़ी आक्रमण को संभाल सकती हैं।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26
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