चेन्नई की तपती गर्मी में वर्षों की मेहनत के बाद गुरजपनीत सिंह चमकने के लिए तैयार हैं
उनके पास अच्छी बाउंसर है, वह गेंद को स्विंग कराते हैं, और उनके जखीरे में धीमी गेंद भी शामिल है। क्या वह भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी में अगला बड़ा नाम बन सकते हैं?

इंडिया ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच 30 सितंबर से होने वाले वनडे सीरीज़ के लिए गुरजपनीत सिंह का चयन किया गया है।
उन्होंने अभी तक IPL या लिस्ट ए का कोई मैच नहीं खेला है। पिछले अक्तूबर में गुरजपनीत ने तमिलनाडु के लिए रणजी ट्रॉफ़ी में डेब्यू किया था। इसके बाद से इस बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने सीनियर भारतीय टीम के साथ नेट गेंदबाज़ के रूप में काम किया, चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के साथ अपना पहला IPL कॉन्ट्रैक्ट पाया, और BCCI के टारगेटेड तेज़ गेंदबाज़ों के पूल में प्रवेश हासिल किया है।
पिछले एक साल में गुरजपनीत करियर में कई चीज़ें हुई हैं।, लेकिन भारत ए तक पहुंचने के लिए उन्होंने एक लंबा और घुमावदार रास्ता तय किया है। पंजाब के लुधियाना में जन्मे और हरियाणा के अंबाला में पले-बढ़े गुरजपनीत लगभग 17 साल की उम्र में चेन्नई चले गए थे। चेन्नई की थका देने वाली गर्मी में लीग क्रिकेट में लगभग सात साल तक कड़ी मेहनत करने के बाद उनके करियर ने अब एक रफ़्तार पकड़ ली है।
26 वर्षीय यह खिलाड़ी को जो भी मौक़े मिले हैं, उसे वह पूरी ताक़त के साथ भुनाने का प्रयास किया है। हाल ही में दलीप ट्रॉफ़ी में उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ों में सबसे अधिक विकेट लिए। उस दौरान दो मैचों में 24.10 की औसत से 10 विकेट झटके, जिसमें दो बार चार-विकेट हॉल शामिल थे।
छह फ़ीट चार इंच की ऊंचाई के साथ वह हिट द डेक गेंदबाज़ी करते हैं और अतिरिक्त उछाल हासिल करते हैं। साथ ही वह गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग भी कराते हैं। हाल के दिनों में भारत के चयनकर्ताओं और यहां तक कि IPL फ़्रेंचाइज़ी ने भी लंबी क़द-काठी वाले तेज़ गेंदबाज़ों को ढूंढने और उनकी प्रतिभा को निखारने का अतिरिक्त प्रयास किया है।
प्रसिद्ध कृष्णा ने टेस्ट टीम में जगह बना ली है, जबकि पंजाब के गुरनूर बराड़ को अब गुरजपनीत के साथ भारत ए सेटअप में शामिल किया गया है। जम्मू और कश्मीर के लंबे तेज़ गेंदबाज़ युद्धवीर सिंह चरक भी भारत ए टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। हालांकि उनकी लिस्ट ए और प्रथम श्रेणी की औसत कुछ ख़ास नहीं है।
सीनियर स्तर पर अपने छोटे से करियर में गुरजपनीत ने रणजी ट्रॉफ़ी के पदार्पण मैच में चेतेश्वर पुजारा को आउट किया था। साथ ही पिछले साल बांग्लादेश के ख़िलाफ़ भारत की टेस्ट सीरीज़ के दौरान सपोर्ट गेंदबाज़ के रूप में चेपॉक नेट्स में विराट कोहली को भी आउट किया था। अब वह अनाधिकृत वनडे सीरीज़ में ऑस्ट्रेलिया के कुछ अंतर्राष्ट्रीय बल्लेबाज़ों को गेंदबाज़ी करने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
गुरजपनीत ने ESPNcricinfo को बताया, "दलीप ट्रॉफ़ी में मेरी लय अच्छी रही है और (मैं) बेंगलुरु में ट्रॉय कूली और अन्य लोगों के साथ भी काफ़ी मेहनत कर रहा हूं। उन्होंने मुझसे डेज़ क्रिकेट और वनडे क्रिकेट में गेंदबाज़ी के दृष्टिकोण और मानसिकता के बारे में बात की। मैं इस बारे में ज़्यादा नहीं सोचता कि बल्लेबाज़ कौन है या (भारत ए में) स्थिति कैसी होगी। मैं लगातार एक प्रोसेस के तहत काम कर रहा हूं और उसे ही निरंतरता के साथ करने का प्रयास कर रहा हूं।"
गुरजपनीत ने BCCI के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के मैदान पर दलीप ट्रॉफ़ी फ़ाइनल में काफ़ी अच्छी गेंदबाज़ी की थी। उस मैच में जब पिच धीमी हो गई तो गुरजपनीत ने सेंट्रल ज़ोन के कप्तान रजत पाटीदार को शॉर्ट गेंदों से टेस्ट किया था। इसके लिए लेग साइड में दो फ़ील्डर पीछे लगाए गए थे, और अंततः पाटीदार कमज़ोर हुक शॉट लगाते हुए विकेटकीपर को कैच थमा बैठे।
गुरजपनीत याद करते हुए कहते हैं, "उस दिन विकेट से ज़्यादा मदद नहीं मिल रही थी। गेंद पुरानी थी। मैंने कप्तान [मोहम्मद अज़हरुद्दीन] से भी बात की और सोचा कि हम पाटीदार को दो-तीन ओवर के लिए सिर्फ़ बाउंसर फेंकने की कोशिश कर सकते हैं। वह हमेशा पुल शॉट खेलने की कोशिश करते थे और कभी भी शॉर्ट गेंदों को छोड़ने के बारे में नहीं सोच रहे थे। इसलिए मैंने सोचा कि भले ही हम थोड़े रन ख़र्च कर सकते हैं लेकिन हमारे पास विकेट लेने का मौक़ा है। इसलिए हमने वह जोखिम लिया। मैं लगातार बाउंसर फेंकता रहा और हमें उनका विकेट मिल गया।"
सफ़ेद गेंद के क्रिकेट में एक उपयोगी विकल्प के रूप में गुरजपनीत के जखीरे में बैक ऑफ़ द हैंड धीमी गेंद का वेरिएशन भी शामिल है। इन्हीं वेरिएशंस के कारण IPL 2025 की नीलामी के दौरान CSK, गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जायंट्स उनके लिए बोली लगाने की होड़ में थे।
गुरजपनीत कहते हैं, "यह अभ्यास की बात है। इसके बारे में ज़्यादा सोचने की ज़रूरत नहीं होती। मैंने लगातार इसका अभ्यास किया है। मुझे बस लगता है कि मेरी ऊंचाई के कारण, मुझे अतिरिक्त उछाल मिलती है। ख़ासकर धीमी गेंद पर मुझे अतिरिक्त उछाल या मदद मिलती है, तो उस गेंद को खेलना और भी मुश्किल हो जाता है।"
हालांकि गुरजपनीत को IPL 2025 के शुरुआती हाफ़ में CSK के लिए कोई मैच खेलने को नहीं मिला और फिर ग्रोइन की चोट के कारण दूसरे हाफ़ से बाहर हो गए, लेकिन वह टीम के साथ बने रहे और रीहैब से गुज़रे। CSK में उन्हें खलील अहमद से भी उपयोगी सलाह लेने का मौक़ा मिला।
गुरजपनीत कहते हैं, "CSK में, टॉमी (सिमसेक) ने मुझे फ़िटनेस प्रोग्राम दिया और मैं उसका पालन कर रहा था। फिर मैं TNCA फ़िज़ियो के साथ काम कर रहा था। CSK में मैं अपनी गेंदबाज़ी के बारे में खलील भाई से बात करता था और उन्होंने T20 क्रिकेट के बारे में कुछ प्वाइंट साझा किए, जिसका मैं उपयोग कर रहा हूं।"
चोट से उबरने के बाद गुरजपनीत ने तमिलनाडु प्रीमियर लीग (TNPL), चेन्नई में फ़र्स्ट-डिवीज़न लीग, BCCI के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस और दलीप ट्रॉफ़ी में गेंदबाज़ी करके धीरे-धीरे अपने लय में वापस आए।
गुरजपनीत कहते हैं, "मैंने TNPL में गेंदबाज़ी शुरू की और मैं दिन ब दिन बेहतर होता जा रहा था। मैं फिर से लय पकड़ रहा हूं। मैंने दलीप ट्रॉफ़ी से पहले चेन्नई में कुछ लीग मैच भी खेले थे। मैं दलीप ट्रॉफ़ी के लिए तैयार था और अभी मानसिक और शारीरिक रूप से मैं कह सकता हूं कि मैं बेहतर हो रहा हूं।"
गुरजपनीत अपनी बल्लेबाज़ी पर भी काम कर रहे हैं और उन्होंने TNPL 2025 के दौरान इसमें सुधार भी दिखाया, जहां उन्होंने छह सिक्सर सहित 33 गेंदों में 10 बाउंड्री लगाईं। इसके बाद उन्होंने दलीप ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल में साउथ ज़ोन के लिए नंबर 9 पर बल्लेबाज़ी करते हुए 29 रन बनाए, जिसके लिए उन्होंने 81 गेंदें खेलीं।
गुरजपनीत कहते हैं, "कोच ने मुझे जो कुछ भी सुझाव दिया, जैसे कि मैं CSK में माइक हसी के साथ भी काम कर रहा था। फिर मैंने TNPL में बल्लेबाज़ी की और यहां तक कि नॉर्थ के ख़िलाफ़ अपने पहले दलीप मैच में भी, मैंने 29 रन बनाए। हसी ने मुझे कुछ टिप्स दिए हैं और मैं बल्लेबाज़ी में भी बेहतर होने की कोशिश कर रहा हूँ।"
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।
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