भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज़ में टूट सकते हैं कई बल्लेबाज़ी रिकॉर्ड!
दोनों टीमों के युवा बल्लेबाज़ अति आक्रामक शैली में बल्लेबाज़ी करते हैं और हालिया रिकॉर्ड भी कुछ यही कह रहे हैं

भारत की युवा टीम इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पांच T20I मुक़ाबलों के लिए तैयार है। जहां भारतीय टीम T20 विश्व कप जीतने के बाद कम से कम इस फ़ॉर्मेट में लगातार जीत दर्ज कर रही है, वहीं इंग्लैंड की टीम भी नए सफ़ेद गेंद कोच ब्रैंडन मक्कलम की अगुवाई में नए युग में प्रवेश कर रही है। अब हम T20I में भी 'बैज़बॉल' प्रभाव देख सकते हैं और शायद आने वाले मैचों में हमें अनेक बैटिंग रिकॉर्ड भी टूटते हुए दिखे।
T20 विश्व कप जीतने के बाद भारत ने 11 T20I में सात बार 200 रनों का आंकड़ा पार किया है। उन्होंने 297 और 283 के बड़े स्कोर बनाए हैं और 132 व 156 के लक्ष्य को क्रमशः 11.5 और 15.2 ओवरों में प्राप्त किया है।
पूर्ण सदस्यों के बीच सर्वोच्च स्कोर, मध्य ओवरों में सर्वाधिक रन और बाउंड्री से सर्वाधिक रन ये कुछ अन्य रिकॉर्ड हैं, जो भारत ने युवा बल्लेबाज़ों की अगुवाई में तोड़े हैं।
विश्व कप के बाद से भारत ने T20I में औसतन हर 4.27 गेंदों में बाउंड्री लगाई है। इससे अधिक महत्वपूर्ण बात ये है कि उन्होंने हर 2.18 गेंदों में बाउंड्री लगाने की कोशिश की है। 1.5 साल पहले तक यह आंकड़ा 2.63 गेंद था। इस हिसाब से अगर 20 ओवर की एक पूरी पारी की बात की जाए तो कम से कम 10 बाउंड्री का अंतर आता है।
वहीं अगर इंग्लैंड की बात करें तो उनके लिए पिछले 18 महीने में प्रति बाउंड्री कोशिश का आंकड़ा 2.51 था, जो कि पिछले विश्व कप के बाद 2.32 गेंद हो गया है। उन्होंने विश्व कप के बाद सिर्फ़ एक बार पहले बल्लेबाज़ी की है और 218 का स्कोर खड़ा किया है, वहीं लक्ष्य का पीछा करते वक़्त तीन बार उनका स्कोरिंग रेट 10 रन प्रति ओवर से अधिक रहा है।
भारत के मैदान बहुत छोटे होते हैं, वहीं दिन-रात्रि के इन मैचों में ओस का भी प्रभाव रहेगा, जिससे T20 क्रिकेट के लिए यह सीरीज़ एक बेहतरीन मंच की तरह है।
जहां इंग्लैंड के पास कप्तान जॉस बटलर, फ़िल सॉल्ट, लियम लिविंगस्टन, जेकब बेथल और हैरी ब्रूक जैसे आक्रामक बल्लेबाज़ हैं, वहीं भारतीय टीम में भी संजू सैमसन, सूर्यकुमार यादव, अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा और रिंकू सिंह जैसे विकल्प हैं। जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव जैसे गेंदबाज़ों की अनुपस्थिति इन बल्लेबाज़ों के लिए सोने पर सुहागे जैसी बात होगी।
इस सीरीज़ में हम कई बल्लेबाज़ी रिकॉर्ड को टूटते हुए देख सकते हैं और हो सकता है कि इस सीरीज़ में कम से कम 11 रन प्रति ओवर की दर से रन बने। तो इस धमाकेदार सीरीज़ के लिए तैयार हैं आप?
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में सीनियर एडिटर हैं
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