मांधना और हरमनप्रीत पर निर्भरता को कम कर रहा है भारत
वनडे विश्व कप पास आते-आते भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी लाइन अप आकार ले रही है

भारतीय टीम ने कोलंबो में समाप्त हुई त्रिकोणीय सीरीज़ जीत ली है और वनडे विश्व कप के क़रीब आते-आते भारतीय टीम को कई सवाल के जवाब मिल चुके हैं, जहां पर भारतीय टीम के बल्लेबाज़ी लाइन अप पर काम होना एक महत्वपूर्ण सवाल था।
एक साल पहले तक भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी लाइन अप तय नहीं थी। यही वह चीज़ थी, जिस पर कप्तान हरमनप्रीत कौर और प्रमुख कोच अमोल मज़ुमदार लगातार काम कर रहे थे। लेकिन अब उनका शीर्ष सात पूरी तरह से तय है।
पिछले छह महीने भारतीय टीम के लिए कठिन रहे लेकिन इस त्रिकोणीय सीरीज़ के फ़ाइनल में सात विकेट पर 342 रन समेत पांच में से चार बार 275 से अधिक रन बनाकर उन्होंने दिखा दिया है कि टीम स्मृति मांधना और हरमनप्रीत पर से निर्भरता को कम कर रही है।
मिला शेफ़ाली का विकल्प
पिछले दिसंबर ऑस्ट्रेलिया से मुंबई में 0-3 की हार मिलने के बाद टीम ने ग़जब का ज़ज्बा दिखाया है। तब से भारतीय टीम ने 11 वनडे खेले हैं और केवल एक गंवाया है। इसकी वजह उनका बल्लेबाज़ी क्रम है। इन आठ मैचों में से छह बार भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की और 300 से अधिक का स्कोर किया। इन सब में से कुछ में शेफ़ाली वर्मा की जगह ओपनिंग कर रही प्रतिका रावल का भी योगदान है।
त्रिकोणीय सीरीज़ के पहले मैच में श्रीलंका के ख़िलाफ़ भारत 148 रन का पीछा कर रहा था। 10 ओवर के क़रीब शेष रहते भारत ने नौ विकेट से यह मैच जीता, जहां पर रावल ने नाबाद अर्धशतक लगाया। दिसंबर में डेब्यू के बाद से रावल 11 वनडे में 63.80 की औसत से रन बना चुकी हैं।
दूसरी ओर शेफ़ाली महिला प्रीमियर लीग (WPL) के अलावा घरेलू सीज़न में भी अच्छा कर चुकी हैं, लेकिन अभी के लिए भारत रावल को रन बनाता देखकर खु़श है।
मध्य क्रम की जान बनी रॉड्रिग्स और देओल
जब जेमिमाह रॉड्रिग्स को मध्य क्रम का रोल दिया गया तो वहां पर एक विश्वास की झलक थी। इसी विश्वास की वजह से वह खु़द को साबित कर पाईं। उन्होंने अपने वनडे करियर की शुरुआत शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ के तौर पर की थी, लेकिन दो साल बाद भारत को उनसे कुछ अलग चाहिए था।
वे जानते थे कि रॉड्रिग्स के पास कौशल है और वह परिपक्वता के साथ कहीं पर भी बल्लेबाज़ी कर सकती थी। लेकिन 2024 उनके लिए अच्छा नहीं गया जहां पर वह 12 पारियों में केवल 329 रन बना सकी, जहां एक ही अर्धशतक आया।
लेकिन इसी साल जनवरी में उन्होंने आयरलैंड के ख़िलाफ़ वनडे में पहला शतक लगाया और इस त्रिकोणीय सीरीज़ में भी एक शतक कुल 245 रन बनाए, जिससे वह मांधना के बाद इस सीरीज़ में भारत की दूसरी सबसे सफल बल्लेबाज़ बनी। कुल मिलाकर उन्होंने 2025 में सात पारियों में 360 रन बनाए हैं। वहीं उनका स्ट्राइक रेट भी पिछले साल के 91 से बढ़कर 115 हो गया है।
इसके बाद सबसे बड़ी राहत नंबर तीन पर मिली। इस स्थान पर ऋचा घोष, यास्तिका भाटिया, प्रिया पुनिया और दयालन हेमलता के बाद हरलीन देओल को परखा गया। देओल पिछले दिसंबर ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भी इस स्थान पर उतरी थीं। लेकिन तब से लेकर अब तक इस स्थान पर बल्लेबाज़ी करते हुए उन्होंने 14 पारियों में 39.30 की औसत से 511 रन बनाए हैं, जिसमें वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ मैच जिताऊ शतकीय पारी भी थी। इस सीरीज़ में उन्होंने फ़ाइनल में श्रीलंका के ख़िलाफ़ सर्वाधिक 47 रन का स्कोर किया।
हरमनप्रीत ने कहा, "यहां से हम बहुत पॉज़िटिव लेकर जा रहे हें, ख़ासतौर से जिस तरह से अन्य बल्लेबाज़ खेले। पिछले मैच में जेमिमाह ने शतक लगाया, हरलीन टीम के लिए अहम पारियां खेलती दिखी, प्रतिका और दीप्ति ने भी अच्छा किया। स्नेह का गेंदबाज़ी में योगदान काम आया।"
जहां तक फ़िनिशर की बात है तो यहां पर टीम घोष पर निर्भर हैं, लेकिन वह दीप्ति शर्मा की साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेली गई 93 रन की पारी से भी संतुष्ट होगी। भारत को अब जून-जुलाई में इंग्लैंड का लंबा दौरा करना है, जहां पर वे पांच टी20 और तीन वनडे खेलेगी। वहां परिस्थिति कोलंबो से जुदा होंगी लेकिन अभी के लिए उन्होंने बल्लेबाज़ी में सभी टिक चेक कर दिए हैं।
श्रीनिधि रामानुजम ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।
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