हरमनप्रीत : 'हम इससे ज़्यादा बदक़िस्मत नहीं हो सकते हैं'
भारतीय कप्तान ने स्वीकार किया कि ख़राब फ़ील्डिंग ने टीम को हानि पहुंचाई

ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टी20 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में पांच रनों से मिली हार के बाद भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा कि उनकी टीम "इससे ज़्यादा बदक़िस्मत नहीं हो सकती" थी।
173 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने 28 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे। जेमिमाह रॉड्रिग्स और हरमनप्रीत के बीच 69 रनों की साझेदारी से भारत ने वापसी की। जब भारत को 33 गेंदों पर 40 रन चाहिए थे, कप्तान हरमनप्रीत 52 के निजी स्कोर पर दुर्भाग्यपूर्ण तरीक़े से रन आउट हो गईं। दूसरा रन पूरा करते समय उनका बल्ला क्रीज़ से बाहर ज़मीन पर फंस गया।
मैच के बाद प्रेज़ेंटेशन में हरमनप्रीत ने कहा, "हम इससे ज़्यादा बदक़िस्मत नहीं हो सकते हैं। जब मैं और जेमी बल्लेबाज़ी कर रहे थे, हमने रुख़ को अपनी तरफ़ मोड़ा था। इसके बाद मैच हारने की हमने उम्मीद नहीं की थी।"
हरमनप्रीत ने आगे कहा, "जिस तरह मैं रन आउट हुईं, इससे बदक़िस्मत कुछ नहीं हो सकता। मेहनत करना ज़रूरी था और मुझे ख़ुशी है कि हम मैच को अंतिम गेंद तक ले गए। हमने टीम मीटिंग में अंतिम गेंद तक लड़ने की बात की थी। नतीजा हमारे पक्ष में नहीं गया लेकिन मैं इस टूर्नामेंट में हमारे प्रदर्शन से प्रसन्न हूं।"
टी20 विश्व कप में भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए तीन में से दो मैच जीते थे और हरमनप्रीत गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने के फ़ैसले से ख़ुश थीं। अलिसा हीली और बेथ मूनी के बीच 52 रनों की सलामी साझेदारी के बावजूद भारत ने नियंत्रित गेंदबाज़ी की थी लेकिन मूनी, मेग लानिंग और ऐश्ली गार्डनर ने अंतिम छह ओवरों में 73 रन बटोकर उनके स्कोर को 172 पर पहुंचा दिया था।
हरमनप्रीत ने कहा, "हमें लक्ष्य का पीछा करना पसंद हैं और आज भी हम ऐसा करना चाहते थे। जब ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाज़ी चुनी तब हमें लगा कि सब कुछ हमारी उम्मीद के अनुसार हो रहा है। पहले दो विकेट खोने के बावजूद हम जानते थे कि हमारे पास एक मज़बूत बल्लेबाज़ी क्रम है।"
तीन विकेट गंवाने के बाद जेमिमाह ने भारत की वापसी की नींव रखी। क्रीज़ पर आते संग ही दो लगातार चौके लगाने वाली जेमिमाह ने पेस और स्पिन दोनों के विरुद्ध गैप ढूंढते हुए 43 रन बनाए।
जेमिमाह की प्रशंसा करते हुए भारतीय कप्तान ने कहा, "मैं विशेष रूप से जेमिमाह को श्रेय देना चाहूंगी। उन्होंने हमें वह लय प्रदान की जिसकी हमें तलाश थी। इस टूर्नामेंट में देखे गए अच्छे प्रदर्शनों से मैं प्रसन्न हूं।"
भारत की फ़ील्डिंग ने एक बार फिर निराश किया। लानिंग और मूनी को एक-एक जीवनदान दिया गया और कई मिसफ़ील्ड भी हुई। हरमनप्रीत ने माना कि इसने टीम को हानि पहुंचाई।
उन्होंने कहा, "हमने आसान कैच छोड़ें। जब हमें जीतना होता है तब ऐसे मौक़े भुनाने पड़ते हैं, विशेषकर तब जब गेंद 100 प्रतिशत आपके हाथों में हो। हमने मिसफ़ील्ड की। हम इससे सीखेंगे। अगली बार हमें इन ग़लतियों को दोहराना नहीं है।"
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