राहुल: टॉस और ओस ने मैच में अहम भूमिका निभाई और बड़ा फ़र्क पैदा किया
भारतीय कप्तान ने कहा कि उनकी टीम 20-25 रन कम रह गई
Gaikwad: I decided I'd try to be consistent in any game this year
Ruturaj Gaikwad reflects on his century and India's loss in the second ODIसाउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ दूसरे वनडे में 358 रन के बड़े स्कोर का बचाव नहीं कर पाने के कुछ ही देर बाद भारत के कप्तान केएल राहुल ने कहा कि ओस से प्रभावित इन मैचों में टॉस "बहुत बड़ी भूमिका निभाती है", जिससे "बहुत ज़्यादा फ़र्क" पड़ता है। यह लगातार 20वां वनडे था, जहां भारत ने टॉस हारा हो। इस मैच में साउथ अफ़्रीका ने पहले गेंदबाज़ी चुनी और चार गेंद शेष रहते चार विकेट से जीत दर्ज कर सीरीज़ को 1-1 से बराबर पर ला दिया।
प्रेजेंटेशन सेरमनी में ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए राहुल ने कहा, "बहुत ज़्यादा ओस है, जिससे दूसरी पारी में गेंदबाज़ी करना मुश्किल हो जाता है। पिछले मैच में हमने इन सबके बावजूद बहुत अच्छा किया था। गीली गेंद से गेंदबाज़ी करने में गेंदबाज़ों को जो दिक्कतें होती हैं, उससे मुझे लगता है कि टॉस बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। इसलिए लगातार दो टॉस हारने का मुझे ख़ुद अफ़सोस हो रहा है। इसका वाकई बहुत बड़ा असर पड़ रहा है।"
रांची के पहले मैच में 349 रन बनाने के बाद भारत ने 17 रन से क़रीबी जीत दर्ज की थी, जबकि इस बार उससे भी बड़ा लक्ष्य पर्याप्त साबित नहीं हुआ।
राहुल ने कहा, "पीछे मुड़कर देखें तो हमेशा कुछ बातें होती हैं, जो हम बेहतर कर सकते थे। बल्लेबाज़ी में मुझे पता है कि 350 रन अच्छे लगते हैं, लेकिन पिछले मैच के बाद भी ड्रेसिंग रूम में यही चर्चा थी कि हम 20-25 रन और कैसे जोड़ सकते हैं, ताकि गीली गेंद से गेंदबाज़ी करते समय गेंदबाज़ों को थोड़ा सहारा मिल सके।
"गेंदबाज़ दिल से पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में हमें सुधार की जरूरत है। फ़ील्डिंग में भी हमने कुछ आसान चौके दे दिए। अगर हम खेल के तीनों पहलुओं में कसावट ला सकें और थोड़ा और तेज़ बन सकें, तो शायद वो 20-25 रन हमारे पक्ष में आ जाएं और हम शायद जीत-हार के दूसरी तरफ़ हों।"
भारत ने विराट कोहली और ऋतुराज गायकवाड़ के शतकों की बदौलत बड़ा स्कोर बनाया। यह 11वीं बार था, जब कोहली ने लगातार दो वनडे मैचों में शतक लगाया हो, जबकि गायकवाड़ का यह इस प्रारूप में पहला शतक था। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 156 गेंदों में 195 रन की साझेदारी की।
राहुल ने कहा, "विराट जिस तरह से बल्लेबाज़ी कर रहे थे, उसे देखना बहुत सुंदर था। जाहिर है, हमने उन्हें यह सब करते हुए अब 53 बार देखा है। वह अपना काम करते रहते हैं और हम सब इसे देखने के आदी हैं। ऋतु (गायकवाड़) जिस तरह से खेले, वह भी देखने में बहुत सुखद था। उन्होंने स्पिनरों पर आक्रमण किया और गैप में शॉट लगाए। जब उन्होंने पचासा पार किया, उसके बाद जिस लय में उन्होंने बल्लेबाज़ी की, मुझे लगता है कि वही हमें वह अतिरिक्त 20 रन दिला गए।"
इस मज़बूत आधार के बावज़ूद भारत अंत में तेज़ी से रन नहीं बना सका। अंतिम 15 ओवर में आठ विकेट हाथ में रहते हुए भी केवल 103 रन बने, जबकि आख़िरी दस ओवर में सिर्फ़ 74 रन बने। राहुल ने टीम शीट में टॉस के समय नंबर 6 पर नाम दर्ज होने के बाद नंबर 5 पर उतरकर 43 गेंदों पर नाबाद 66 रन की आक्रामक पारी खेली। वाशिंगटन सुंदर ने आठ गेंदों में एक रन बनाया, जबकि रवींद्र जाडेजा ने 27 गेंदों पर नाबाद 24 रन बनाए, जिसमें केवल दो चौके शामिल थे।
राहुल ने कहा, "जाहिर है 5-6-7 नंबर पर बल्लेबाज़ी को बेहतर किया जा सकता है। अगर निचला क्रम थोड़ा और योगदान दे सके और दो-तीन चौके और लगा सके, तो शायद वही 20 रन होते, जिनसे हम ख़ुश होते। आज पहली बार मुझे नंबर 6 पर रखा गया और मैं नंबर 5 पर आया। वरना आम तौर पर यह फ़ैसला मैच से पहले हो जाता है। जिस तरह से ऋतु और विराट की साझेदारी चल रही थी, उन्होंने अच्छी लय बना दी थी। इसलिए GG (गौतम गंभीर) भाई और मुझे लगा कि यही सही समय है अंदर जाकर उस लय को बनाए रखा जाए। जाहिर है पिछले मैच में मुझे अर्धशतक मिला था, तो थोड़ा आत्मविश्वास भी था। जो खिलाड़ी बीच के ओवरों में बल्लेबाज़ी कर चुका हो और जिसका आत्मविश्वास ऊंचा हो, वही शायद गेंदबाज़ों पर आक्रमण करने और उस लय को बनाए रखने के लिए सही रहता है। यही योजना थी।"
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