शम्स मुलानी : पिछले साल जो किया था उसे ही दोहराने की कोशिश करूंगा
मुंबई के ऑलराउंडर ने अंडर 25 सीके नायुडू ट्रॉफ़ी जीतने के अलावा रणजी ट्रॉफ़ी के पिछले सत्र में सबसे ज़्यादा विकेट लिए थे

ऑलराउंडर शम्स मुलानी का 2021-22 घरेलू सीज़न बल्ले और गेंद दोनों से बंपर गया था। वह रणजी ट्राॅफ़ी में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे, साथ ही उन्होंने नौ पारियों में पांच अर्धशतक लगाए थे। वहीं मुंबई के लिए अंडर 25 सीके नायुडू ट्रॉफ़ी भी जीती।
दलीप ट्रॉफ़ी के साथ शुरू हो रहे 2022-23 सीज़न में मुलानी एक अन्य लैंडमार्क पहले प्रथम श्रेणी शतक तक पहुंच ही गए थे लेकिन चेन्नई में नॉर्थ ईस्ट ज़ोन के ख़िलाफ़ मैच के चौथे दिन बिश्वरजीत कोंठूजम की गेंद पर वह तीन रन पहले आउट हो गए। लेकिन वह रूकना नहीं चाहते हैं और उन्होंने उम्मीद जताई कि वह पिछले सीज़न का अपना ऑलराउंड प्रदर्शन दोहराने में क़ामयाब होंगे।
अपनी टीम वेस्ट ज़ोन के नॉर्थ ईस्ट ज़ोन के ख़िलाफ़ ड्रॉ हुए मैच के बाद मुलानी ने कहा, "मैं ख़ुश होता अगर मैं शतक लगा देता, लेकिन मेरे लिए भी यह सीखने की प्रक्रिया है कि जब अब नर्वस 90 में हो तो कैसे खेलें और यह मैच हमारे लिए अच्छा अभ्यास मैच रहा क्योंकि उनके पास अच्छा गेंदबाज़ी आक्रमण था। और विकेट से ज़्यादा मदद नहीं मिल रही थी तो इसका मतलब यह कतई नहीं है कि उन्होंने अच्छी गेंदबाज़ी नहीं की थी। वे अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे। सीज़न की शुरुआत को देखते हुए यह अच्छी शुरुआत रही है और उम्मीद है कि यह बरक़रार रहेगी। बल्ले और गेंद से जो मेरी अच्छी फ़ॉर्म रही है मैं कोशिश करूंगा कि पिछले साल की तरह उसको दोहरा सकूं।"
मुलानी ने 26 ओवर गेंदबाज़ी की लेकिन एक ही विकेट लिया क्योंकि चेपॉक की पिच पर स्पिनरों को बिल्कुल मदद नहीं थी। यह नहीं ऐसा ही था जैसे जनवरी 2020 में इसी मैदान पर उन्होंने तमिलनाडु के ख़िलाफ़ 48 ओवर किए थे, जहां उन्हें चार विकेट मिले थे।
तब उन्होंने 87 रन बनाने के बाद गेंद से चार विकेट लिए थे जिसमें आर अश्विन (79) का विकेट शामिल था। अब जब घर और बाहर का पुराना रणजी ट्रॉफ़ी प्रारूप लौट रहा है तो वह लंबे स्पेल डालने की तैयारी कर रहे हैं जिससे वह अपनी टीम के लिए योगदान दे सकें।
उन्होंने कहा, "पिछला सीज़न मेरे लिए ज़बरदस्त था, लेकिन वह अब भूतकाल की बात है और अब मैं नई शुरुआत करना चाहता हूं क्योंकि विकेट अलग होने जा रहे हैं और मुझे मुश्किल ट्रेक पर गेंदबाज़ी करनी है, जहां गेंद ज़्यादा स्पिन नहीं होगी।"
"मुझे उन पिचों पर अच्छा करने की ज़रूरत है। हां, पिछला सीज़न मेरे लिए बहुत अच्छा था और हर कोई कह रहा था, 'वाह, वेल डन!', लेकिन मैं नए सीज़न का इंतज़ार केवल विकेट लेने के लिए नहीं कर रहा हूं, बल्कि मैं अपनी गेंदबाज़ी पर काम कर रहा हूं कि कैसे लंबे स्पेल डाले जाएं, देखते हैं यह कैसे निकलता है।"
कूकाबूरा गेंद से गेंदबाज़ी ने दलीप ट्रॉफ़ी के पहले राउंड में गेंदबाज़ों की मुसीबत बढ़ाई है, चाहे चेन्नई हो या पुडुचेरी। गेंद शुरुआत में तो अच्छी सीम होती है लेकिन जैसे ही यह मुलायम होती है तो बल्लेबाज़ाें के पक्ष में चली जाती है। पहली बार कूकाबूरा से गेंदबाज़ी करने वाले मुलानी ने पाया कि उन्हें गेंद पर ग्रिप बनाने में दिक्कत आई।
मुलानी ने कहा, "मुझे लगता है कि मैं पहली बार कूकाबूरा गेंद से खेल रहा हूं और जो मैंने वही महसूस किया वही नॉर्थ ईस्ट के स्पिनर अंकुर मलिक ने भी महसूस किया। 20 से 25 ओवर के बाद जब सीम गायब हो जाती है तो यह एसजी गेंद की तरह नहीं रहती है, विकेट से ज़्यादा मदद नहीं मिलती है, इसकी ग्रिप भी अलग है और इससे अच्छे एरिया में गेंद करने की ज़रूरत है।"
"मुझे लगता है कि सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल में जाता देखकर हमें इसका आदी होना होगा। यह हमारे लिए सीखने की अच्छी प्रक्रिया रही कि इससे कैसे गेंद की जाए और इस गेंद से किस गति से गेंद की जाए क्योंकि यह अलग है।"
मुंबई क्रिकेट सर्कल से बाहर भी मुलानी ने ख़ुद को साबित किया है। पिछले साल ओमान में सफ़ेद गेंद के मुंबई टीम के दौरे पर वह दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ के तौर पर उभरे थे, जहां पर उन्होंने टीम की कप्तानी करते हुए सात मैचों में 4.78 के इकॉनमी से नौ विकेट लिए थे।
हाल ही में मुलानी मुंबई इंडियंस के युवा खिलाड़ियों के इंग्लैंड दौरे का भी हिस्सा थे, जहां पर कुमार कार्तिकेय और तिलक वर्मा जैसे खिलाड़ी भी शामिल थे।
मुलानी ने फ़्रैंचाइज़ी के साथ अपने अनुभव पर कहा, "यह शानदार था। अलग परिस्थितियां, अलग विकेट जो अधिक बाउंस दे रहे थे। मुझे उसका आदी होनी की ज़रूरत है कि उस विकेट पर कैसे गेंदबाज़ी की जाए। यह बहुत अच्छा अनुभव था और हमने इसका लुत्फ़ लिया।"
वेस्ट ज़ोन को अब अपना दलीप ट्रॉफ़ी का सेमीफ़ाइनल मुक़ाबला कोयंबटूर में सेंट्रल ज़ोन के ख़िलाफ़ खेलना है।
देवरायन मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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